छिंदवाडा जिले की शान तामिया जिला मुख्यालय से लगभग 56 किमी की दुरी पर स्थित है . पर्यटकों की पहली पसंद और मिनी पचमढी कहलाने वाले तामिया पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है|
पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित हो रहे तामिया के दर्शनीय स्थल पातालकोट में प्रतिवर्ष होने वाले एड्वेंचर स्पोर्ट्स में दूर दूर के प्रकृति प्रेमी जुटते है|
तामिया में बारहमासी पर्यटको की आवाजाही रहती है| तामिया में घूमने के लिये अनेको स्पॉट है साथ ही घूमने फिरने ,खाने पीने की रहने की बेहतर सुविधाये उपलब्ध है|
वेसे तो तामिया में बहुत से पर्यटन स्थल हैं लेकिन कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के बारे में मै आपको बताने जा रहा हूँ.
तामिया की शान तुलतुला कोहरे में लिपटा हुये हिमालय सा अभास कराता है |तुलतुला पहाड के साथ सुर्यास्त देखना बडा ही सुखद अनुभव है | जिसकाआनंद लेने दुरदराज से पर्यटक पीड्ब्लूडी और फारेस्ट रेस्ट हाउस में पहुचते हैं|
तुलतुला पहाड के नीचे स्थित सिंहवाहिनी नैनादेवी मंदिर आस्था का महत्वपूर्ण केन्द्र है| तामिया से चार किमी दूरी पर स्थित इस मंदिर में की दोनो नवरात्री में यहा धार्मिक आयोजनो में श्रध्दा का सैलाब उमड पडता है |
छिंदवाडा- भोपाल मार्ग होने के कारण वर्षभर श्रध्दालु यहा आते है ,पुजारी झीनानंद जी बताते है की देवी के दरबार से कोई खाली हाथ नही लौटता नैनादेवी सबकी मनोकामना पूर्ण करती हैं|
बडा महादेव यात्रा और भूराभगत मेला – तामिया से भूराभगत 25 किमी की दूरी पर है यह क्षेत्र जुन्नारदेव विकासखंड में आता है लेकिन वन परिक्षेत्र सांगाखेडा तामिया वन अनुभाग का हिस्सा है |
प्रतिवर्ष महाशिवरात्री में होशंगाबाद जिले में पचमढी के पास स्थित चौडागढ की पदयात्रा इसी रास्ते से शुरू होती है |यंहा लगने वाले मेले में भी दूर दूर से लोग पहुचते हैं|
छिंदवाडा जिले के तामिया तहसील मुख्यालय क्षेत्र तामिया में वन विभाग के रेस्ट हाउस से एक किलोमीटर नीचे सघन वन क्षेत्र में स्थित दर्शनीय स्थल छोटा महादेव पहाडियो से घिरा है .
तामिया वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 214 में स्थित दर्शनीय स्थल छोटा महादेव में पर्यटन विकास के लिये अनेको निमार्ण कार्य कराये गये |
पहले छोटा महादेव जाने के लिये कुछ दुर्गम रास्ता था उसके बाद भी भोलेनाथ के दर्शन करने श्रध्दालु एक किलोमीटर नीचे जाते थे .
Patalkot Tamia
आज छोटा महादेव की यात्रा वन विभाग द्वारा बनाई पक्की सीडी और आकर्षक रैलिंग से आसन हो गई है छोटा महादेव में बारहमासी बहने वाला झरना प्रमुख आकर्षण का केंद्र है |
आठ हजार की आबादी वाले तामिया कस्बाई क्षेत्र में पेयजल के की पूरी व्यवस्था छोटा महादेव से होती है .
छोटा महादेव में प्राकृतिक रूप से अनेको जलस्त्रोत है पहाडियो से रिसकर आने वाला पानी चारो तरफ सुंदर मनोहारी दृश्य बनाता है वर्षभर सैलानी छोटा महादेव पंहुचते है .
वही शिवभक्तो की आवाजाही भी हमेशा रहती है नववर्ष मकर संक्रंति और शिवरात्री में छोटा महादेव में श्रध्दालुयो का हुजुम उमड पडता है .
अगर आप छोटा महादेव से आसमान की और देखे तो पहाडो के बीच का नजारा आपके बढते कदमो को रोक देगा उपर दिखने वाली लाल पहाडी में गिध्दो का संरक्षित क्षेत्र है यानी पर्यटको को लुभाने वाला वल्चर पाईंट इस पहाडी के उपर है.
जहा जाने का रास्ता वन विभाग के रेस्टहाउस के पास से है इसके उपर भी वन विभाग ने रैलिंग और वल्चर पाईंट का निर्माण किया है|
महज आठ हजार की आबादी वाला तामिया नगर ग्वालगढ पहाडी के नीचे बसा है| तामिया मुख्यमार्ग से आधा किमी की दूरी पर स्थित ग्वालगढ पहाडी से तामिया के खुशनुमा नजारे कुछ पल के लिये आपको बेफिक्र कर देते है|
यहा से पूरा तामिया नगर नजर आता हैं| इस पहाडी पर ग्वालबाबा का मंदिर स्थित है जिसे स्थापित करने में नगर के युवा राजेश साहू मरिया का महत्वपूर्ण योगदान है|
साथ ही यहा पर आदीवासी समाज के आराध्य बडादेव का पुज्यस्थल है| ग्वालगढ पहाडी के ठीक पीछे विराट जलाशय है|
Patalkot Tamia
तामिया में तेज़ बारिश के बाद कोहरे में पहाडी से विहंगम दृश्य उभरता है | यहा भी प्रतिवर्ष वाटर स्पोर्ट्स होते है |
शैलचित्र – ग्वालगढ पहाडी के नीचे की सतह में वर्षो पुराने भित्ति चित्र है जिसे बीते कुछ सालो में चर्चा में आने के बाद प्रशासन ने सरंक्षित किया है , ग्वालगढ में शैलचित्र भी खास आकर्षण का केंद्र है |
तामिया से छिंदवाडा मुख्य रोड पर महज 1 किमी दूरी पाईनस प्लांटेशन है जिसे देखकर सिलसिला का गीत ये कहा आ गये हम याद आता है |
मनमोहक चीड के पेड सबको लुभाते है | जिम्नोस्पर्म प्रजाति का पाईनस का यह प्लांटेशन 1960 में फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टियुट ने किया था लेकिन अब ये देख रेख के आभाव में बदहाल है|
विश्व प्रसिध्द पातालकोट जिले कि पहचान होने के साथ अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है| पातालकोट की नैसर्गिक सरंचना 1200 से 1500 फीट गहराई लिये हुये विस्तृत घाटीयो का मनोरम भूभाग हैं जो सतपुडा पर्वत की परतदार उंची किलानुमा श्रृखंलाओ से घिरा हुआ है |
यह अद्वितिय विहंगम स्थल जिला मुख्यालय छिंदवाडा से उत्तर पश्चिम की और 62 किमी दूर तथा तामिया से पूर्व उत्तर की और 23 किमी पर बिजौरी हर्रई मार्ग के पास मे उत्तरी आक्षांश 22.24 से 22.29 डिग्री तथा पूर्वी देशांतर 87.43 से 87.50 डिग्री के मध्य स्थित है |
सम्पूर्ण पातालकोट 12 ग्रामो मे बंटा हुया है पातालकोट का क्षेत्रफल 79 वर्ग किमी है |समुद्र सतह से इसकी औसत उंचाई 3250 से 2750 फीट है पातालकोट के समीपवर्ती ग्राम सुखाभण्ड के निकट सतपुडा पर्वत सबसे उंची चोटी है ,जिसकी समुद्र सतह से 3754 फीट है |
Patalkot Tamia
दर्शनीय स्थल पातालकोट में जंहा वर्ष भर सैलानीयों के साथ साथ पातालकोट में बसे लोगो और जनजातीय जीवनशैली ,वहा उपलब्ध वनस्पतियों का अध्ययन करने बाहर से शोधार्थी आते है |
तामिया से 27 किमी दूरी पर स्थित दर्शनीय स्थल पातालकोट में प्रतिवर्ष 23 से 29 अॅशक्टुम्बर के बीच आयोजित होने वाले एड्वेंचर स्पोर्ट्स में दूर दूर के प्रकृति प्रेमी जुटते है |
छिंदवाडा से दिल्ली के रोहिल्ला सराय स्टेशन तक जाने वाली ट्रेन “पातालकोट एक्सप्रेस’ का नामकरण इस क्षेत्र के नाम पर ही किया गया है |
पातालकोट का ही एक गॉव तामिया से 21 किमी दूरी पर स्थित है बीजाढाना के आगे स्थित मैदानी हिस्से के नीचे 3 किमी रातेड स्थित है|
रातेड ग्राम के उपर वाले मैदानी इलाके मे पर्यटन विकास के तहत अनेको कार्य हुये है| यहां प्रतिवर्ष 23 से 29 अक्टु बर के बीच आयोजित होने वाले एड्वेंचर स्पोर्ट्स में घुडसवारी,पैराग्लाईडिंग,पैरासाईक्लिंग,जोर्मिंग बाल पर्यटको के आकर्षण का केंद्र है|
रातेड से कुछ दूरी पर प्राचीन गुफा देवखोह है| पातालकोट के अंदर बहने वाली दूधी नदी पर उछलकूद करना बडा ही रोमांचक है|
पातालकोट के अन्य गांवो में से एक गैल्डुब्बा भी सुंदर ग्राम है यहा मध्यप्रदेश विज्ञानसभा का कार्यालय है जंहा भारिया जनजाति के के रोज्गान्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम सहित अन्य योजनाये संचालितहैं|
पातालकोट के अन्य गांवो में गैल्डुब्बा ही एक मात्र ऐसा गॉव है जंहा वाहन हर मौसम में पंहुचता है |
खासा चर्चित “ पातालकोट शहद ” यही के आदिवासी परिवारो द्वारा एकत्र किया जाता है |
रातेड के उपर से सामने की पहाडी पर वन विभाग का चिमटीपुर रेस्टहाउस स्थित है| तामिया से 26 किमी दूरी पर स्थित चिमटीपुर छिंदी के पास हर्रई मार्ग है.
यहा के रेस्ट हाउस से पातालकोट की हसीन वादिया मनमोह लेती हैं| यह प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान की भी पसंदीदा जगह हैं| वह गैल्डुब्बा सहित यहां दो बारआ चुके है|
तामिया से 18 किमी की दूरी जुन्नारदेव मार्ग पर इटावा से मुत्तोर जाने वाले मार्ग पर 8 किमी पर गिरिजा माई का प्राचीन मंदिर स्थित है .
गौरतलब है कि रजवाडो के समय जागीर रहे मुत्तौर क्षेत्र में लगभग सौ वर्षो से भी आधिक काल से गिरिजामाई का प्रभाव क्षेत्र में माना जाता है|
गिरिजामाई पुरातन समय से आमजन के आस्था का केंद्र है, गिरिजा माई के मंदिर में बीते आठ साल से पूजा पाठ का जिम्मा सम्भाल रहे सीताराम धुर्वे बताते है की गिरिजामाई के मंदिर में दुर दुर से लोग आते है |
साफ मौसम में मंदिर के पीछे से चौडागढ की पहाडीसाफ नजर आती हैं| आज आवाजाही के आधुनिक साधन भले ही मिनिटो में दूरी कम करने लगे है.
Patalkot Tamia
लेकिन आदीवासी बहुल क्षेत्र में भोलेबाबा के दर्शन करने वाले जत्था आज भी महाशिवरात्री मे बडा महादेव की पद यात्रा में जाते समय यही से पूजा अर्चना कर यात्रा का श्री गणेश करते है |
यह स्थान पर्यटन के नक्शे में अपना स्थान बना चुका है,उल्लेखनीय है कि लगभग 6 साल पहले अमेरिका के रेड्बेरी कम्पनी के सीईओ एनआरआई एनके व्यास ने जिले के सांसद कमलनाथ की पहल पर मुत्तौर में 5 करोड की लागत से गोल्फ कोर्स बनाने की योजना बनाई थी |गोल्फकोर्स के निर्माण के कार्य का जिम्मा पर्यटन विभाग के पास प्रस्तावित है |
तामिया से 55 किमी दूरी पर स्थित गरम पानी के कुंड के लिये प्रसिध्द अन्होनी में हर साल मकर संक्रांती में मेला लगता है खौलते गरम पानी को देखने की चाह श्रध्दालुयो को यहाँ खींच लाती है |
अन्होनी में सल्फर (गंधक) की अधिकता के कारण गरम पानी मिलता हैं|चर्म रोगो से पीडित रोगियो के लिये यह पानी अमृत के सामान है|