आज के इस आर्टिकल में मै आपको “जिन मामलों का निपटारा मजिस्ट्रेट नहीं कर सकता, उनमें प्रक्रिया | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 322 क्या है | section 322 CrPC in Hindi | Section 322 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 322 | Procedure in cases which Magistrate cannot dispose of” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 322 | Section 322 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 322 in Hindi ] –
जिन मामलों का निपटारा मजिस्ट्रेट नहीं कर सकता, उनमें प्रक्रिया–
(1) यदि किसी जिले में किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष अपराध की किसी जांच या विचारण के दौरान उसे साक्ष्य ऐसा प्रतीत होता है कि उसके आधार पर यह उपधारणा की जा सकती है कि
(क) उसे मामले का विचारण करने या विचारणार्थ सुपुर्द करने की अधिकारिता नहीं है, अथवा
(ख) मामला ऐसा है जो जिले के किसी अन्य मजिस्ट्रेट द्वारा विचारित या विचारणार्थ सुपुर्द किया जाना चाहिए. अथवा
(ग) मामले का विचारण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाना चाहिए, तो वह कार्यवाही को रोक देगा और मामले की ऐसी संक्षिप्त रिपोर्ट सहित, जिसमें मामले का स्वरूप स्पष्ट किया गया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को या अधिकारिता वाले अन्य ऐसे मजिस्ट्रेट को, जिसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निर्दिष्ट करे, भेज देगा।
(2) यदि वह मजिस्ट्रेट, जिसे मामला भेजा गया है, ऐसा करने के लिए सशक्त है, तो वह उस मामले का विचारण स्वयं कर सकता है या उसे अपने अधीनस्थ अधिकारिता वाले मजिस्ट्रेट को निर्देशित कर सकता है या अभियुक्त को विचारणार्थ सुपुर्द कर सकता है।