आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ दंडादेश, जो मजिस्ट्रेट दे सकेंगे | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 29 क्या है | section 29 CrPC in Hindi | Section 29 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 29 | Sentences which Magistrates may pass ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 29 | Section 29 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 29 in Hindi ] –
दंडादेश, जो मजिस्ट्रेट दे सकेंगे—
(1) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का न्यायालय मृत्यु या आजीवन कारावास या सात वर्ष से अधिक की अवधि के लिए कारावास के दंडादेश के सिवाय कोई ऐसा दंडादेश दे सकता है जो विधि द्वारा प्राधिकृत है।
(2) प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट का न्यायालय तीन वर्ष से अनधिक अवधि के लिए कारावास का या दस हजार रुपए से अनधिक जुर्माने का, या दोनों का, दंडादेश दे सकता है।
(3) द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट का न्यायालय एक वर्ष से अनधिक अवधि के लिए कारावास का या पांच हजार रुपए] से अनधिक जुर्माने का, या दोनों का, दंडादेश दे सकता है।
(4) मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय की शक्तियां और महानगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय को प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट की शक्तियां होंगी।
धारा 29 CrPC
[ CrPC Sec. 29 in English ] –
“ Sentences which Magistrates may pass ”–
धारा 29 CrPC
- सामान्य आशय क्या है
- संविदा का उन्मोच
- संविदा कल्प या आभासी संविदा क्या है
- समाश्रित संविदा किसे कहते हैं
- उपनिधान उपनिहिती और उपनिधाता
- उपनिहिति का धारणाधिकार
- गिरवी से आप क्या समझते है
- क्षतिपूर्ति की संविदा
- गॄह-भेदन किसे कहते हैं
- आपराधिक अतिचार किसे कहते हैं
- संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- कौन से करार संविदा हैं
- स्वतंत्र सहमती किसे कहते हैं
- शून्य और शून्यकरणीय संविदा
- प्रतिफल क्या है
- स्वीकृति क्या है
- प्रस्ताव से क्या समझते हो
- संविदा किसे कहते है