आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास का दंडादेश | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 30 क्या है | section 30 CrPC in Hindi | Section 30 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 30 | Sentences of imprisonment in default of fine ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 30 | Section 30 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 30 in Hindi ] –
जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास का दंडादेश–
(1) किसी मजिस्ट्रेट का न्यायालय जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर इतनी अवधि का कारावास अधिनिर्णीत कर सकता है जो विधि द्वारा प्राधिकृत है: परंतु वह अवधि
(क) धारा 29 के अधीन मजिस्ट्रेट की शक्ति से अधिक नहीं होगी;
(ख) जहां कारावास मुख्य दंडादेश के भाग के रूप में अधिनिर्णीत किया गया है, वहां वह उस कारावास की अवधि के चौथाई से अधिक न होगी जिसको मजिस्ट्रेट उस अपराध के लिए, न कि जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर दंड के तौर पर, देने के लिए सक्षम है।
(2) इस धारा के अधीन अधिनिर्णीत कारावास उस मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 29 के अधीन अधिनिर्णीत की जा सकने वाली अधिकतम अवधि के कारावास के मुख्य दंडादेश के अतिरिक्त हो सकता है।
धारा 30 CrPC
[ CrPC Sec. 30 in English ] –
“ Sentences of imprisonment in default of fine ”–
धारा 30 CrPC
- सामान्य आशय क्या है
- संविदा का उन्मोच
- संविदा कल्प या आभासी संविदा क्या है
- समाश्रित संविदा किसे कहते हैं
- उपनिधान उपनिहिती और उपनिधाता
- उपनिहिति का धारणाधिकार
- गिरवी से आप क्या समझते है
- क्षतिपूर्ति की संविदा
- गॄह-भेदन किसे कहते हैं
- आपराधिक अतिचार किसे कहते हैं
- संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- कौन से करार संविदा हैं
- स्वतंत्र सहमती किसे कहते हैं
- शून्य और शून्यकरणीय संविदा
- प्रतिफल क्या है
- स्वीकृति क्या है
- प्रस्ताव से क्या समझते हो
- संविदा किसे कहते है