आज के इस आर्टिकल में मै आपको “दोषमुक्ति या दोषसिद्धि | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 255 क्या है | section 255 CrPC in Hindi | Section 255 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 255 | Acquittal or conviction ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 255 | Section 255 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 255 in Hindi ] –
दोषमुक्ति या दोषसिद्धि-
(1) यदि मजिस्ट्रेट धारा 254 में निर्दिष्ट साक्ष्य और ऐसा अतिरिक्त साक्ष्य, यदि कोई हो. जो वह स्वप्रेरणा से पेश करवाए, लेने पर इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि अभियुक्त दोषी नहीं है तो वह दोषमुक्ति का आदेश अभिलिखित करेगा।
(2) जहां मजिस्ट्रेट धारा 325 या धारा 360 के उपबंधों के अनुसार कार्यवाही नहीं करता है वहां यदि वह इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि अभियुक्त दोषी है तो वह विधि के अनुसार उसके बारे में दंडादेश दे सकेगा।
(3) कोई मजिस्ट्रेट, धारा 252 या धारा 255 के अधीन, किसी अभियुक्त को, चाहे परिवाद या समन किसी भी प्रकार का रहा हो, इस अध्याय के अधीन विचारणीय किसी भी ऐसे अपराध के लिए जो स्वीकृत या साबित तथ्यों से उसके द्वारा किया गया प्रतीत होता है, दोषसिद्ध कर सकता है यदि मजिस्ट्रेट का समाधान हो जाता है कि उससे अभियुक्त पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।