आज के इस आर्टिकल में मै आपको “प्रक्रिया जब दोषसिद्ध न किया जाए | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 254 क्या है | section 254 CrPC in Hindi | Section 254 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 254 | Procedure when not convicted ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 254 | Section 254 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 254 in Hindi ] –
प्रक्रिया जब दोषसिद्ध न किया जाए–
(1) यदि मजिस्ट्रेट अभियुक्त को धारा 252 या धारा 253 के अधीन दोषसिद्ध नहीं करता है तो वह अभियोजन को सुनने के लिए और सब ऐसा साक्ष्य, जो अभियोजन के समर्थन में पेश किया जाए, लेने के लिए और अभियुक्त को भी सुनने के लिए और सब ऐसा साक्ष्य, जो वह अपनी प्रतिरक्षा में पेश करे, लेने के लिए, अग्रसर होगा।
(2) यदि मजिस्ट्रेट अभियोजन या अभियुक्त के आवेदन पर ठीक समझता है, तो वह किसी साक्षी को हाजिर होने या कोई दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने का निदेश देने वाला समन जारी कर सकता है।
(3) मजिस्ट्रेट ऐसे आवेदन पर किसी साक्षी को समन करने के पूर्व यह अपेक्षा कर सकता है कि विचारण के प्रयोजनों के लिए हाजिर होने में किए जाने वाले उसके उचित व्यय न्यायालय में जमा कर दिए जाएं।