आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ बिना अधिकारिता वाले न्यायालय में सद्भावपूर्वक की गई कार्यवाही में लगे समय का अपवर्जन | परिसीमा अधिनियम की धारा 14 क्या है | Section 14 limitation act in Hindi | Section 14 of limitation act | धारा 14 परिसीमा अधिनियम | Exclusion of time of proceeding bona fide in court without jurisdiction ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
परिसीमा अधिनियम की धारा 14 | Section 14 of limitation act
[ limitation act Sec. 14 in Hindi ] –
बिना अधिकारिता वाले न्यायालय में सद्भावपूर्वक की गई कार्यवाही में लगे समय का अपवर्जन–
(1) किसी वाद की परिसीमा काल की संगणना में उतना समय जितने समय के दौरान वादी चाहे प्रथम बार के चाहे अपील या पुनरीक्षण न्यायालय में प्रतिबादी के विरुद्ध अन्य सिविल कार्यवाही सम्यक् तत्परता से अभियोजित करता रहा है, अपवर्जित कर दिया जाएगा जहां कि वह कार्यवाही उसी विवाद्य विषय से संबंधित हो और सद्भावपूर्वक किसी ऐसे न्यायालय में अभियोजित की गई हो जो अधिकारिता की त्रुटि या वैसी ही प्रकृति के अन्य हेतुक से उसे ग्रहण करने में असमर्थ हो।
(2) किसी आवेदन के परिसीमा काल की संगणना में उतना समय, जितने के दौरान वादी चाहे प्रथम बार की अपील चाहे पुनरीक्षण न्यायालय में उसी पक्षकार के विरुद्ध उसी अनुतोष के लिए अन्य सिविल कार्यवाही सम्यक् तत्परता से अभियोजित करता रहा है, अपवर्जित कर दिया जाएगा जहां कि कार्यवाही सदभावपूर्वक किसी ऐसे न्यायालय में अभियोजित की गई हो जो अधिकारिता की त्रुटि या वैसी ही प्रकृति के अन्य हेतुक से ग्रहण करने में असमर्थ हो।
(3) सिबिल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का 5) के आदेश 23 के नियम 2 में अनर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी उपधारा (1) के उपबन्ध उस आदेश के नियम 1 के अधीन न्यायालय द्वारा दी गई अनुज्ञा के आधार पर संस्थित नए वाद के संबंध में लागू होंगे जहां कि ऐसी अनुज्ञा इस आधार पर दी गई है कि अधिकारिता में त्रुटियां वैसी ही प्रकृति के अन्य हेतुक से पहले वाद का असफल होना अवश्यम्भावी है।
स्पष्टीकरण-इस धारा के प्रयोजन के लिए
(क) उस समय का अपवर्जन करने में, जिसके दौरान कोई पूर्ववर्ती सिविल कार्यवाही लम्बित थी वह दिन, जिस दिन वह कार्यवाही संस्थित की गई और वह दिन जिस दिन उसका अन्त हुआ, दोनों गिने जाएंगे;
(ख) कोई वादी या आवेदक, जो किसी अपील का प्रतिरोध कर रहा हो, कार्यवाही का अभियोजन करता हुआ समझा जाएगा;
(ग) पक्षकारों के या वाद-हेतुकों के कुसंयोजन को अधिकारिता में त्रुटि जैसी प्रकृति का हेतुक समझा जाएगा।
धारा 14 limitation act
[ limitation act Sec. 14 in English ] –
“ Exclusion of time of proceeding bona fide in court without jurisdiction ”–
धारा 14 limitation act
Limitation act Pdf download in hindi