आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ कुछ अन्य मामलों में समय का अपवर्जन | परिसीमा अधिनियम की धारा 15 क्या है | Section 15 limitation act in Hindi | Section 15 of limitation act | धारा 15 परिसीमा अधिनियम | Exclusion of time in certain other cases ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
परिसीमा अधिनियम की धारा 15 | Section 15 of limitation act
[ limitation act Sec. 15 in Hindi ] –
कुछ अन्य मामलों में समय का अपवर्जन–
(1) किसी ऐसे वाद के या किसी ऐसी डिक्री के निष्पादन के लिए आवेदन के, जिसका संस्थित या निष्पादित किया जाना किसी व्यादेश या आदेश द्वारा रोक दिया गया हो, परिसीमा काल की संगणना में, उतना समय, जितने समय ऐसा व्यादेश या आदेश बना रहा हो, वह दिन जिस दिन वह निकाला गया या किया गया था और वह दिन जिस दिन उसका प्रत्याहरण किया गया था, अपवर्जित कर दिए जाएंगे।
(2) किसी तत्समय प्रवृत्त विधि की अपेक्षाओं के अनुसार किसी ऐसे वाद के परिसीमा काल की संगणना में, जिसकी सूचना दी गई है या जिसके लिए सरकार या किसी अन्य प्राधिकारी की पूर्व सम्मति या मंजूरी अपेक्षित है, ऐसी सूचना की कालावधि या, यथास्थिति, ऐसी सम्मति अथवा मंजूरी अभिप्राप्त करने के लिए अपेक्षित समय अपवर्जित कर दिया जाएगा।
स्पष्टीकरण- सरकार या किसी अन्य प्राधिकारी की सम्मति या मंजूरी अभिप्राप्त करने के लिए अपेक्षित समय का अपवर्जन करने में वह तारीख जिसको सम्मति अथवा मंजूरी अभिप्राप्त करने के लिए आवेदन किया गया था और वह तारीख, जिसको सरकार या अन्य प्राधिकारी का आदेश प्राप्त हुआ था, दोनों गिनी जाएंगी।
(3) किसी व्यक्ति को दिवालिया न्यायनिर्णीत करने की कार्यवाही में नियुक्त किसी रिसीवर या अन्तरिम रिसीवर द्वारा या किसी कम्पनी के परिमापन की कार्यवाही में नियुक्त किसी समापक या अनंतिम समापक द्वारा किए गए किसी वाद या डिक्री के निष्पादनार्थ आवेदन के परिसीमा काल की संगणना में वह कालावधि अपवर्जित कर दी जाएगी जो ऐसी कार्यवाही को संस्थित करने की तारीख को प्रारम्भ होकर, यथास्थिति, रिसीवर या समापक की नियुक्ति की तारीख से तीन मास के अवसान पर समाप्त होती है।
(4) किसी डिक्री के निष्पादन में हुए विक्रय में के क्रेता द्वारा कब्जे के लिए वाद के परिसीमा काल की संगणना में उतना समय अपवर्जित कर दिया जाएगा जिसके दौरान विक्रय अपास्त कराने के लिए कोई कार्यवाही अभियोजित की जाती रही हो।
(5) किसी वाद के परिसीमा काल की संगणना में उतना समय अपवर्जित कर दिया जाएगा जिसके दौरान प्रतिवादी भारत से तथा भारत के बाहर के उन राज्यक्षेत्रों से जो केन्द्रीय सरकार के प्रशासन के अधीन है, अनुपस्थित रहा हो।
धारा 15 limitation act
[ limitation act Sec. 15 in English ] –
“ Exclusion of time in certain other cases ”–
धारा 15 limitation act
Limitation act Pdf download in hindi
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