आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ बलात्संग क्या है | धारा 375 क्या है | 375 ipc in hindi | What is rape ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
बलात्संग क्या है | धारा 375 क्या है | 375 ipc in hindi | What is rape
भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अनुसार – ” बलात्संग क्या है “
बलात्संग- जो पुरुष एतस्मिन् पश्चात् अपवादित दशा के सिवाय किसी स्त्री के साथ निम्रलिखित छह भांति की परिस्थितियों में से किसी परिस्थिति में मैथुन करता है, वह पुरुष “बलात्संग’ करता है, यह कहा जाता है :
पहला-उस स्त्री की इच्छा के विरुद्ध । दूसरा-उस स्त्री की सम्मति के बिना।
तीसरा-उस स्त्री की सम्मति से, जबकि उसकी सम्मति, उसे या ऐसे किसी व्यक्ति को, जिससे वह हितबद्ध है, मृत्यू या उपहति के भय में डालकर अभिप्राप्त की गई है।
चौथा-उस स्त्री की सम्मति से, जबकि वह परुष यह जानता है कि वह उस स्त्री का पति नहीं है और उस स्त्री ने सम्मति इसलिए दी है कि वह विश्वास करती है. कि वह ऐसा परुष है जिससे वह विधिपर्वक विवाहित है या विवाहित होन का विश्वास करती है।
पांचवां-उस स्त्री की सम्मति से, जबकि ऐसी सम्मति देने के समय वह विकृतचित्त या मत्तता के कारण या उस पुरुष द्वारा व्यक्तिगत रूप में या किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से कोई संज्ञा शून्यकारी या अस्वास्थ्यकर पदार्थ दिए जाने के कारण, उस बात की, जिसके बारे में वह सम्मति देती है, प्रकृति और परिणामों को समझने में असमर्थ है। । छठा- उस स्त्री की सम्मति से या बिना सम्मति के, जबकि वह सोलह वर्ष से कम आयु की है।
स्पष्टीकरण- बलात्संग के अपराध के लिए आवश्यक मैथुन गठित करने के लिए प्रवेशन पर्याप्त है। अपवाद-पुरुष का अपनी पत्नी के साथ मैथुन बलात्संग नहीं है जबकि पत्नी पन्द्रह वर्ष से कम आयु की नहीं है।
टिप्पणी –
भारतीय परिपेक्ष में संपुष्टि की अनुपस्थिति में लैंगिक हमले के पीड़ित के साक्ष्य पर कार्य करने से इन्कार करना नियम के रूप में क्षति में अपमान जोड़ना है । सिद्धान्तत: लैंगिक हमले के पीड़ित का साक्ष्य और चोटिल साक्षी का साक्ष्य समान स्थान पर ही खडा है यदि पीडित के साक्ष्य में कोई मूल कमी नहीं है, और सम्भावना घटक उसे अविश्वसनीय नहीं बनाते. सामान्य नियम यह है कि सिवाय चिकित्सीय साक्ष्य के जहाँ संपुष्टि की प्रत्याशा की जा सकती है, संपुष्टि पर जोर देने का कोई कारण नहीं। भारवाडा भोगिन भाई बनाम गुजरात राज्य, AIR 1983 SC 753 ।
What is rape | Section 375 in The Indian Penal Code
375. Rape.—A man is said to commit “rape” who, except in the case hereinafter excepted, has sexual intercourse with a woman under circumstances falling under any of the six following descriptions:—
375 ipc
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