आज के इस आर्टिकल में मै आपको “किन मामलों में जमानत ली जाएगी | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436 क्या है | section 436 CrPC in Hindi | Section 436 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 436 | In what cases bail to be taken ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436 | Section 436 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 436 in Hindi ] –
किन मामलों में जमानत ली जाएगी–
(1) जब अजमानतीय अपराध के अभियुक्त व्यक्ति से भिन्न कोई व्यक्ति पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा वारण्ट के बिना गिरफ्तार या निरुद्ध किया जाता है या न्यायालय के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है और जब वह ऐसे अधिकारी की अभिरक्षा में है उस बीच किसी समय, या ऐसे न्यायालय के समक्ष कार्यवाहियों के किसी प्रक्रम में, जमानत देने के लिए तैयार है तब ऐसा व्यक्ति जमानत पर छोड़ दिया जाएगा :
परन्तु यदि ऐसा अधिकारी या न्यायालय ठीक समझता है तो वह ऐसे व्यक्ति से जमानत लेने के बजाय उसे इसमें इसके पश्चात उपबंधित प्रकार से अपने हाजिर होने के लिए प्रतिभुओं रहित बंधपत्र निष्पादित करने पर उन्मोचित कर सकेगा और यदि ऐसा व्यक्ति निर्धन है और जमानत देने में असमर्थ है, तो उसे ऐसे उन्मोचित करेगा।]
स्पष्टीकरण-जहां कोई व्यक्ति अपनी गिरफ्तारी की तारीख के एक सप्ताह के भीतर जमानत देने में असमर्थ है वहाँ अधिकारी या न्यायालय के लिए यह उपधारणा करने का पर्याप्त आधार होगा कि वह इस परन्तुक के प्रयोजनों के लिए निर्धन व्यक्ति है।]:
परन्तु यह और कि इस धारा की कोई बात धारा 116 की उपधारा (B) [या धारा 446क] के उपबंधों पर प्रभाव डालने वाली न समझी जाएगी।
(2) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, जहां कोई व्यक्ति, हाजिरी के समय और स्थान के बारे में जमानतपत्र की शर्तों का अनुपालन करने में असफल रहता है वहां न्यायालय उसे, जब वह उसी मामले में किसी पश्चात्वर्ती अवसर पर न्यायालय के समक्ष हाजिर होता है या अभिरक्षा में लाया जाता है, जमानत पर छोड़ने से इनकार कर सकता है और ऐसी किसी इनकारी का, ऐसे जमानतपत्र से आबद्ध किसी व्यक्ति से धारा 446 के अधीन उसके शास्ति देने की अपेक्षा करने की न्यायालय की शक्तियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।