आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ लिखित अभिस्वीकृति का प्रभाव | परिसीमा अधिनियम की धारा 18 क्या है | Section 18 limitation act in Hindi | Section 18 of limitation act | धारा 18 परिसीमा अधिनियम | Effect of acknowledgment in writing” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
परिसीमा अधिनियम की धारा 18 | Section 18 of limitation act
[ limitation act Sec. 18 in Hindi ] –
लिखित अभिस्वीकृति का प्रभाव–
(1) जहां कि किसी सम्पत्ति या अधिकार विषयक वाद या आवेदन के लिए विहित काल के अवसान के पहले ऐसी सम्पत्ति या अधिकार विषयक दायित्व की लिखित अभिस्वीकृत की गई है, जो उस पक्षकार द्वारा, जिसके विरुद्ध ऐसी सम्पत्ति या अधिकार का दावा किया जाता है, या ऐसे किसी व्यक्ति द्वारा जिसमें वह अपना अधिकार या दायित्व व्युत्पन्न करता है, हस्ताक्षरित है वहां उस समय से, जब वह् अभिस्वीकृति इस प्रकार हस्ताक्षरित की गई थी एक नया परिसीमा काल संगणित किया जाएगा।
(2) जहां कि वह लेख जिसमें अभिस्वीकृति अन्तर्विष्ट है, बिना तारीख का है वहां उस समय के बारे में जब वह हस्ताक्षरित किया गया था मौखिक साक्ष्य दिया जा सकेगा किन्तु भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (1872 का 1) के उपबन्धों के अध्यधीन यह है कि उसकी अन्तर्वस्तु का मौखिक साक्ष्य ग्रहण नहीं किया जाएगा। स्पष्टीकरण-इस धारा के प्रयोजनों के लिए
(क) अभिस्वीकृति पर्याप्त हो सकेगी यद्यपि वह उस सम्पत्ति या अधिकार की यथावत प्रकृति विनिर्देशन करती हो अथवा यह प्रकथन करती हो कि संदाय, परिदान, पालन या उपभोग का समय अभी नहीं आया है, अथवा वह् संदाय, परिदान या पालन के अथवा उपभोग की अनुज्ञा के इंकार सहित हो अथवा मुजरा के किसी दावे से युक्त हो, अथवा उस सम्पत्ति या अधिकार के हकदार व्यक्ति से भिन्न किसी अन्य व्यक्ति को सम्बोधित हो ;
(ख) “हस्ताक्षरित” शब्द से या तो स्वयं द्वारा या इस निमित्त सम्यक् प्राधिकृत अभिकर्ता द्वारा हस्ताक्षरित अभिप्रेत है ; तथा
(ग) वह आवेदन, जो डिक्री या आदेश के निष्पादन के लिए हो किसी सम्पत्ति या अधिकार की बाबत आवेदन नहीं समझा जाएगा।
धारा 18 limitation act
[ limitation act Sec. 18 in English ] –
“Effect of acknowledgment in writing ”–
धारा 18 limitation act
Limitation act Pdf download in hindi