आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ न्यायिक मजिस्ट्रेटों की स्थानीय अधिकारिता | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 14 क्या है | section 14 Crpc in Hindi | CRPC Section 14 | Local jurisdiction of Judicial Magistrates ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 14 | Section 14 in The Code Of Criminal Procedure
[ Crpc Sec. 14 in Hindi ] –
न्यायिक मजिस्ट्रेटों की स्थानीय अधिकारिता–
(1) उच्च न्यायालय के नियंत्रण के अधीन रहते हुए, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, समय-समय पर उन क्षेत्रों की स्थानीय सीमाएं परिनिश्चित कर सकता है जिनके अंदर धारा 11 या धारा 13 के अधीन नियुक्त मजिस्ट्रेट उन सब शक्तियों का या उनमें से किन्हीं का प्रयोग कर सकेंगे, जो इस संहिता के अधीन उनमें निहित की जाएं :
[परंतु विशेष मजिस्ट्रेट का न्यायालय उस स्थानीय क्षेत्र के भीतर, जिसके लिए वह स्थापित किया गया है, किसी स्थान में अपनी बैठक कर सकता है।
(2) ऐसे परिनिश्चय द्वारा जैसा उपबंधित है उसके सिवाय प्रत्येक ऐसे मजिस्ट्रेट की अधिकारिता और शक्तियों का विस्तार जिले में सर्वत्र होगा।
(3) जहां धारा 11 या धारा 13 या धारा 18 के अधीन नियुक्त मजिस्ट्रेट की स्थानीय अधिकारिता का विस्तार, यथास्थिति, उस जिले या महानगर क्षेत्र के, जिसके भीतर वह मामूली तौर पर अपनी बैठके करता है, बाहर किसी क्षेत्र तक है वहां इस संहिता में सेशन न्यायालय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के प्रति निर्देश का ऐसे मजिस्ट्रेट के संबंध में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह उसकी स्थानीय अधिकारिता के संपूर्ण क्षेत्र के भीतर उक्त जिला या महानगर क्षेत्र के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग करने वाले, यथास्थिति, सेशन न्यायालय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के प्रति निर्देश है।
धारा 14 Crpc
[ Crpc Sec. 14 in English ] –
“ Local jurisdiction of Judicial Magistrates ”–
धारा 14 Crpc
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