आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ न्यायिक मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ होना | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 15 क्या है | section 15 CrPC in Hindi | CrPC Section 15 | Subordination of Judicial Magistrates ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 15 | Section 15 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 15 in Hindi ] –
न्यायिक मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ होना–
(1) प्रत्येक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सेशन न्यायाधीश के अधीनस्थ होगा और प्रत्येक अन्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सेशन न्यायाधीश के साधारण नियंत्रण के अधीन रहते हुए. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधीनस्थ होगा।
(2) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अपने अधीनस्थ न्यायिक मजिस्ट्रेटों में कार्य के वितरण के बारे में, समय-समय पर, इस संहिता से संगत नियम बना सकता है या विशेष आदेश दे सकता है।
धारा 15 CrPC
[ CrPC Sec. 15 in English ] –
“ Subordination of Judicial Magistrates ”–
(1) Every Chief Judicial Magistrate shall be subordinate to the Sessions Judge; and every other Judicial Magistrate shall, subject to the general control of the Sessions Judge, be subordinate to the Chief Judicial Magistrate.
(2) The Chief Judicial Magistrate may, from time to time, make rules or give special orders, consistent with this Code, as to the distribution of business among the Judicial Magistrates subordinate to him.
धारा 15 CrPC
- सामान्य आशय क्या है
- संविदा का उन्मोच
- संविदा कल्प या आभासी संविदा क्या है
- समाश्रित संविदा किसे कहते हैं
- उपनिधान उपनिहिती और उपनिधाता
- उपनिहिति का धारणाधिकार
- गिरवी से आप क्या समझते है
- क्षतिपूर्ति की संविदा
- आर्टिकल 1515A क्या है
- गॄह-भेदन किसे कहते हैं
- आपराधिक अतिचार किसे कहते हैं
- संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- कौन से करार संविदा हैं
- स्वतंत्र सहमती किसे कहते हैं
- शून्य और शून्यकरणीय संविदा
- प्रतिफल क्या है
- स्वीकृति क्या है
- प्रस्ताव से क्या समझते हो
- संविदा किसे कहते है