आज के इस आर्टिकल में मै आपको “परिभाषाएं | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 105a क्या है | section 105a CrPC in Hindi | Section 105a in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 105a | Definition” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 105a | Section 105a in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 105a in Hindi ] –
परिभाषाएं-
इस अध्याय में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,
(क) “संविदाकारी राज्य से भारत के बाहर कोई देश या स्थान अभिप्रेत है जिसके संबंध में केंद्रीय सरकार द्वारा संधि के माध्यम से या अन्यथा ऐसे देश की सरकार के साथ कोई व्यवस्था की गई है।
(ख) “पहचान करना” के अंतर्गत यह सबूत स्थापित करना है कि संपत्ति किसी अपराध के किए जाने से व्युत्पन्न हुई है या उसमें उपयोग की गई है।
(ग) “अपराध के आगम” से आपराधिक क्रियाकलापों के (जिनके अंतर्गत मुद्रा अंतरणों को अंतर्वलित करने वाले अपराध है) परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से व्युत्पन्न या अभिप्राप्त कोई संपत्ति या ऐसी किसी संपत्ति का मूल्य अभिप्रेत है;
(घ) “संपत्ति से भौतिक या अभौतिक”, जंगम या स्थावर, मूर्त या अमूर्त हर प्रकार की संपत्ति और आस्ति तथा ऐसी संपत्ति या आस्ति में हक या हित को साक्ष्यित करने वाला विलेख और लिखत अभिप्रेत है जो किसी अपराध के किए जाने से व्युत्पन्न होती है या उसमें उपयोग की जाती है और इसके अंतर्गत अपराध के आगम के माध्यम से अभिप्राप्त संपत्ति है;
(ङ) “पता लगाना” से किसी संपत्ति की प्रकृति, उसका स्रोत, व्ययन, संचलन, हक या स्वामित्व का अवधारण करना अभिप्रेत है।
धारा 105a CrPC
[ CrPC Sec. 105a in English ] –
“ Definition ”–
In this Chapter, unless the context otherwise requires,-