गिरफ़्तारी के बाद पुलिस अधिकारी की शक्ति | Power of police officer after arrest
Power of police officer after arrest
१ – गिरफ्तार व्यक्तियों की तलाशी (धारा -51) – जब पुलिस अधिकारी द्वारा गिरफ्तार व्यक्तियों को जमानत देने की अधिकारिता नहीं है या जहाँ जमानत के उपबंध हैं किन्तु गिरफ्तार व्यक्ति जमानत नहीं दे सकता है , तब ऐसा पुलिस अधिकारी जिसे ऐसे व्यक्ति को सौंपा गया है उस व्यक्ति की तलाशी ले सकता है और पहनने के आवश्यक वस्त्रो को छोड़कर उसके पास पाई गयी सब वस्तुओ को सुरक्षित अभिरक्षा में रख सकता है और वहां गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को एक रसीद दी जाएगी , जिसमे पुलिस अधिकारी द्वारा अभिग्रहीत वस्तुएं दर्शित होंगी.
२ – किसी स्त्री की तलाशी [धारा -51(2)] – जब किसी स्त्री की तलाशी करवाना आवश्यक हो तब शिष्टता का पूरा ध्यान रखते हुए अन्य स्त्री द्वारा तलाशी ली जाएगी .
३ – आक्रामक आयुधो को अभिग्रहण करने की शक्ति (धारा -52) – वह व्यक्ति जो इस संहिता के अधीन गिरफ़्तारी करता है तो गिरफ्तार किये गये व्यक्ति से कोई आक्रामक आयुध जो शरीर में हो सकता है और ऐसे लिए गये सब आयुध उस न्यायालय या अधिकारी को परिदत्त करेगा जिसके समक्ष गिरफ्तार व्यक्ति को पेश करेगा .
४ – गिरफ्तार व्यक्ति की चिकित्सा व्यवसायी द्वारा परीक्षा [धारा -53(1)] –जब पुलिस अधिकारी को यह विश्वास है की गिरफ्तार किये गये व्यक्ति के शरीर के परीक्षण से ऐसा साक्ष्य प्राप्त होगा , जो अपराध किये जाने का साक्ष्य प्रदान करेगा तो पुलिस अधिकारी , जो उपनिरीक्षक से निचे की पंक्ति का न हो की प्रार्थना पर रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी गिरफ्तार किये गये व्यक्ति की ऐसी परीक्षा करेगा ऐसी परीक्षा के लिए उचित रूप आवश्यक बल का भी प्रयोग किया जा सकेगा .
Power of police officer after arrest
५ – महिला की चिकित्सा व्यवसायी द्वारा परीक्षा [धारा -53(2)] – जब किसी स्त्री की शारीरिक परीक्षा की जानी है तो किसी महिला चिकित्सा व्यवसायी से ही या उसके पर्यवेक्षण में ही शारीरिक परीक्षा की जाएगी .
६ – चिकित्सा व्यवसायी द्वारा बलात्कार के अभियुक्त व्यक्ति की परीक्षा [धारा -53(क)] – जब किसी को बलात्कार के अपराध करने बलात्कार का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार किया है तो पुलिस अधिकारी सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा संचालित अस्पताल के चिकित्सा व्यवसायी द्वारा परीक्षा की जा सकेगी . और इस उद्देश्य के लिए आवश्यक बल प्रयोग किया जा सकेगा .
७ – निकल भागने पर पीछा करने और फिर पकड़ लेने की शक्ति (धारा -60)- यदि गिरफ्तार व्यक्ति विधिपूर्ण अभिरक्षा में से निकल भागता है , या छुड़ा लिया जाता है तो ऐसे व्यक्ति का तुरंत पीछा करने तथा भारत के किसी भी स्थान से उसे गिरफ्तार करने की शक्ति पुलिस अधिकारी को होगी , तथा दंड प्रक्रिया संहिताधारा 47 की शक्ति का उपयोग ऐसा पुलिस अधिकारी कर सकेगा .
Power of police officer after arrest
गिरफ्तार किये गये व्यक्ति के प्रति पुलिस का दायित्व
१ – गिरफ्तार व्यक्ति को मजिस्ट्रेट या पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के समक्ष ले जाना (धारा -56) – वारंट के बिना गिरफ्तार करने वाला पुलिस अधिकारी अनावश्यक विलम्ब के बिना और जमानत के उपबंधो के अधीन रहते हुए गिरफ्तार व्यक्ति को मामले अधिकारिता रखने वाले मजिस्ट्रेट ता पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के पास ले जायेगा या भेजेगा .
२ – गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे से अधिक निरुद्ध न करेगा (धारा -57) – कोई पुलिस अधिकारी वारंट के बिना गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को गिरफ़्तारी के स्थान से न्यायालय लाने तक की यात्रा में लगे समय को छोड़कर 24 घंटे से अधिक समय तक अभिरक्षा में निरुद्ध नहीं रखेगा और मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करेगा यह उपबंध संविधान के अनुच्छेद 22(2) में दिए गये हैं .
३ – गिरफ़्तारी की रिपोर्ट करना (धारा -58) – पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट को या उसके निदेश पर उपखंड मजिस्ट्रेट को , अपने थाने की सीमओं में बिना वारंट गिरफ्तार व्यक्तियों के मामले की रिपोर्ट करेंगे चाहे उन व्यक्ति की जमानत गयी हो या न ली गयी हो .
४ – पकडे गये व्यक्ति का उन्मोचन (धारा -59) – पुलिस अधिकारी द्वारा गिरफ्तार किये गये किसी व्यक्ति का उन्मोचन उसी के बंधपत्र पर या जमानत पर या मजिस्ट्रेट के विशेष आदेश पर ही किया जायेगा अन्यथा नहीं .
- गिरफ्तार व्यक्ति को प्राप्त अधिकार
- गिरफ़्तारी कैसे की जाएगी
- मजिस्ट्रेट द्वारा गिरफ़्तारी
- प्राइवेट व्यक्ति द्वारा गिरफ़्तारी
- असंज्ञेय मामले में बिना वारेंट गिरफ़्तारी
- गिरफ्तार करने वाले अधिकारी के कर्तव्य
- गिरफ़्तारी से क्या समझते हो