गिरफ्तार व्यक्ति को प्राप्त अधिकार | Crpc 50
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इस आर्टिकल में मै आपको दंड प्रक्रिया संहिता की बहुत ही महत्वपूर्ण धारा 50 के बारे में बताने का प्रयास कर रहा हूँ . आशा करता हूँ की मेरा यह प्रयास आपको पसंद आएगा . तो चलिए जान लेते हैं की –
गिरफ्तार व्यक्ति को प्राप्त अधिकार
१ – गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को गिरफ्तार किये जाने का कारण और जमानत के अधिकार की इत्तिला दिया जाना .
२ – गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना ,यदि ऐसा नहीं किया इ ,तो यह गैर क़ानूनी है .
३ – बिना वारंट के गिरफ्तार व्यक्ति को उस अपराध के बारे में बताया जायेगा जिसके अंतर्गत उसे गिरफ्तार किया गया है , तथा गिरफ़्तारी के आधारों की भी सुचना दी जाएगी .
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४ – जहाँ किसी व्यक्ति को किसी अजमानतीय अपराध से भिन्न अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया है , ,वहां उस व्यक्ति को सुचना दी जाएगी की वह जमानत पर छोड़े जाने का अधिकारी है और अपनी और से प्रतिभूतियो का इंतजाम करे.
५ – गिरफ्तार व्यक्ति को संविधान के अनुछेद 21(1) के अंतर्गत अपनी रूचि के विधि व्यवसायी से परामर्श करने और अपनी प्रतिरक्षा करवाने का अधिकार होगा.
६ – प्रत्येक पुलिस अधिकारी या गिरफ्तार करने वाले व्यक्ति का यह दायित्व होगा की ऐसी गिरफ़्तारी तथा उस स्थान , जहाँ गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को रखा गया है ,के सम्बन्ध में तत्काल गिरफ्तार व्यक्ति के मित्रो , सम्बन्धियों तथा अन्य ऐसे व्यक्तियों को जो गिरफ्तार व्यक्ति द्वारा बताये जाएँ या नामित किये जाएँ को संसूचित करेगा .
- गिरफ़्तारी कैसे की जाएगी
- मजिस्ट्रेट द्वारा गिरफ़्तारी
- प्राइवेट व्यक्ति द्वारा गिरफ़्तारी
- असंज्ञेय मामले में बिना वारेंट गिरफ़्तारी
- गिरफ्तार करने वाले अधिकारी के कर्तव्य
- गिरफ़्तारी से क्या समझते हो