आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ भारतीय दंड संहिता वस्तुनिष्ठ प्रश्न भाग 2 | Ipc quiz in hindi part 2 “, के बारे में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा ।
भारतीय दंड संहिता वस्तुनिष्ठ प्रश्न भाग 2 | Ipc quiz in hindi part 2
1 – भारतीय दण्ड संहिता में प्रयुक्त शब्दों ‘आजीवन निर्वासन’ से अभिप्राय है :
(अ) किसी व्यक्ति को भारत से बाहर भेजा जाना
(ब) किसी व्यक्ति को उसके शेष जीवन हेतु कतिपय द्वीपों में भेजना
(स) आजीवन कारावास
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
2- भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत निम्नांकित में से कौन दण्ड का प्रकार नहीं है:
(अ) आजीवन कारावास
(ब) कालापानी (देश निकाला)
(स) मृत्यु-दंड
(द) साधारण कारावास
3 -आजीवन कारावास के दण्डादेश को सरकार कितने वर्षों के कारावास में लघुकृत कर सकेगी ?
(अ) 20 वर्ष
(ब) 18 वर्ष
(स) 14 वर्ष
(द) 12 वर्ष
4- दण्ड के प्रमुख सिद्धांतों को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मान्यता दी –
(अ) वचन सिंह बनाम पंजाब राज्य
(ब) जेकब जॉर्ज बनाम केरल राज्य
(स) विनायक बनाम महाराष्ट्र राज्य
(द) सुरेन्द्र बनाम उत्तर प्रदेश राज्य
5. आजीवन कारावास का अर्थ है ……………….. के लिए कारावास ।
(अ) 20 वर्ष
(ब) 24 वर्ष
(स) 14 वर्ष
(द) संपूर्ण अवशेष जीवन
Ipc in hindi part 2
6- दण्डावधियों की भिन्नों की गणना करने में आजीवन कारावास को कितने वर्ष के कारावास के तुल्य माना जाता है ?
(अ) चौदह वर्ष तक का कारावास
(ब) बारह वर्ष तक का कारावास
(स) बीस वर्ष तक का कारावास
(द) सात वर्ष तक का कारावास
7 – आजीवन कारावास की अवधि होती है ?
(अ) 14 वर्ष
(ब) 20 वर्ष
(स) मृत्यु तक
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
8 – निम्न में से किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि आजीवन कारावास का अर्थ है- ‘
(अ) जगमोहन सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य
(ब) गोपाल विनायक गोड़से बनाम महाराष्ट्र राज्य
(स) शंभूसिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य
(द) उपर्युक्त सभी में
9 – बचनसिंह बनाम पंजाब राज्य का संबंध निम्न में से किससे है :
(अ) भारत में मृत्यु दण्ड से
(ब) विचाराधीन बन्दी की अभिरक्षा से
(स) आत्महत्या के प्रयास के अभियोजन से
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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10 – मृत्यु दण्ड को उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले में असंवैधानिक घोषित किया गया –
(अ) जगमोहन बनाम उ.प्र. राज्य
(ब) राजेन्द्र प्रसाद बनाम उ.प्र. राज्य
(स) वचन सिंह बनाम पं. राज्य
(द) ज्ञान कौर बनाम पं. राज्य
- भारतीय दंड संहिता भाग 1
- मौर्य वंश से सम्बंधित महत्वपूर्ण 90 प्रश्न
- हडप्पा सभ्यता से सम्बंधित 150 महत्वपूर्ण प्रश्न
- वैदिक सभ्यता से सम्बंधित 100 महत्वपूर्ण प्रश्न
- महाजनपद काल से सम्बंधित महत्वपूर्ण 50 प्रश्न
- धार्मिक सुधार आन्दोलन से सम्बंधित 110 प्रश्न
11 – उच्चतम न्यायालय ने निम्नलिखित में से किस निर्णय में यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि मृत्युदण्ड बिरले से बिरले मामले में दिया जाए :
(अ) रेक्स बनाम गोविन्द
(ब) हुसैन आरा खातून बनाम बिहार राज्य
(स) बचनसिंह बनाम पंजाब राज्य
(द) सुनील बत्रा बनाम दिल्ली प्रशासन
12 – जहाँ कि वह राशि अभिव्यक्त नहीं की गई है जितने तक जुर्माना हो सकता है, वहाँ अपराधी जिस रकम के जुर्माने का दायी होगा, वह :
(अ) पचास हजार रुपये से अधिक नहीं होगी
(ब) पच्चीस हजार रुपये से अधिक नहीं होगी
(स) दस लाख रुपये से अधिक नहीं होगी
(द) असीमित किन्तु अत्यधिक नहीं होगी
13 – यदि अपराध, कारावास या जुर्माना दोनों से दण्डनीय है, तो वह अवधि, जिसके लिए जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिये न्यायालय अपराधी को कारावासित करने का निर्देश दे, कारावास की उस अवधि की:
(अ) एक-तिहाई
(ब) आधा
(स) एक-चौथाई
(द) दो-तिहाई
से अधिक न होगी, जो अपराध के लिए अधिकतम नियत है ।
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
14- कारावास और जुर्माना दोनों से दण्डनीय अपराध के हर मामले में जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा में ऐसे कारावास का दण्ड दिया जा सकेगा :
(अ) जो उस आशय हेतु निर्धारित अधिकतम कारावास से अधिक न होगा
(ब) वह कारावास किसी भी भाँति का हो सकता है
(स) वह कारावास ऐसा उसी भाँति को होगा जिससे अपराधी को उस अपराध के लिए दण्डित किया जा सकता है।
(द) वह कारावास उस कारावास के साथ भुगताए जाने का निर्देश दिया जा सकता है, जो उस अपराध के लिये प्रदान किया गया हो ।
15- ऐसे अपराध के लिए जो केवल अर्थदण्ड से दंडनीय हो, अर्थदण्ड देने में व्यतिक्रम की दशा में:
(अ) कारावास साधारण होगा
(ब) कारावास सश्रम होगा
(स) कारावास सश्रम अथवा साधारण हो सकता है
(द) कोई कारावास नहीं होगा
Ipc in hindi part 2
16. केवल अर्थदण्ड से संबंधित अपराध में अर्थदण्ड अदा न करने पर कारावास –
(अ) कठोर होगा
(ब) साधारण होगा
(स) कठोर अथवा साधारण दोनों हो सकता है
(द) आंशिक कठोर और आंशिक साधारण
17- यदि कोई अपराध मात्र अर्थदण्ड से दण्डनीय है और अभियुक्त को 50 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है, तो अर्थदण्ड की अदायगी के व्यतिक्रम की दशा में सजा की अवधि होगी:
(अ) एक माह से अनधिक
(ब) दो माह से अनधिक
(स) तीन माह से अनधिक
(द) चार माह से अनधिक
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
18 – यदि एक अपराधी को केवल जुर्माने से दण्डनीय अपराध के लिये रु. 1000 के जुर्माने से दण्डित किया गया है, तब जुर्माना न देने की दशा में उसे दिये जाने वाले कारावास की अवधि अधिक से अधिक निम्न हो सकेगी।
(अ) चार महीने
(ब) छ: महीने
(स) एक साल
(द) दो माह
19 – X को 200 रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाता है तथा जर्माना अदा न करने पर उसे चार माह के कारावास के दण्ड से दंडित किया जाता है। जर्माना अदा नहीं करता है और चार माह के कारावास में चला जाता है, लेकिन कारावास के 2 माह पूर्व करने पर वह 150 रुपये अदा कर देता है। ऐसी स्थिति में क्या :
(अ) X को तुरंत उन्मुक्त कर देना चाहिए
(ब) X को चार माह का कारावास पूर्ण होने पर ही उन्मुक्त किया जाएगा
(स) X को तीन माह का कारावास पूर्ण करने पर उन्मुक्त किया जाएगा
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
20- दोहरे परिसंकट के विरुद्ध संरक्षण अंतर्विष्ट है, संहिता की –
(अ) धारा 75 में
(ब) धारा 71 में
(स) धारा 53 में
(द) धारा 3 में
21 – जब ‘क’, ‘य’ को पीट रहा है ‘म’ हस्तक्षेप करता है तब ‘क’, ‘म’ को भी पीटता है । ‘क’ द्वारा ‘म’ पर किया गया प्रहार उस कार्य का भाग नहीं है, जिसके द्वारा ‘क’, ‘य’ को स्वेच्छया उपहति कारित करता है इसलिये ‘क’, ‘य’ को स्वेच्छया कारित की गई उपहति के लिये दण्ड से और ‘म’ पर किये गये प्रहार के लिये दूसरे दण्ड से दण्डनीय है :
(अ) गलत
(ब) एक ही संव्यवहार के दौरान किये जाने वाले अपराध के लिये एक ही दण्ड से दण्डादिष्ट होगा
(स) म’ यदि बचाने नहीं आता तो उसे ‘क’ नहीं पीटता अतः स्वेच्छया ‘क’ ने ‘म’ से मारपीट नहीं की है उसे ‘म’ को पीटने का दण्ड नहीं मिलेगा
(द) सही है
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
22 -भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के किन प्रावधानों में “एकान्त परिरोध” एवं “एकान्त परिरोध की परिसीमा” को समझाया गया है ?
(अ) धारा 68 एवं धारा 69
(ब) धारा 59 एवं धारा 60
(स) धारा 73 एवं धारा 74
(द) धारा 71 एवं धारा 72
23 -अपराध के किसी सिददोष व्यक्ति को कुल मिलाकर कितने समय के लिए एकांत-कारावास में रखा जा सकता है ?
(अ) छ: माह
(ब) तीन माह
(स) दो माह
(द) छह माह
24 – भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत निम्न में से कौन-सी धारा एकान्त परिरोध का प्रावधान करती
(अ) धारा 71
(ब) धारा 72
(स) धारा 73
(द) धारा 7
Ipc in hindi part 2
25 – आजीवन कारावास के दण्डादेश का लघुकरण भारतीय दण्ड संहिता के अधीन होता है :
(अ) धारा 52 में
(ब) धारा 53 में
(स) धारा 54 में
(द) धारा 55 में
- मौर्य वंश से सम्बंधित महत्वपूर्ण 90 प्रश्न
- हडप्पा सभ्यता से सम्बंधित 150 महत्वपूर्ण प्रश्न
- वैदिक सभ्यता से सम्बंधित 100 महत्वपूर्ण प्रश्न
- महाजनपद काल से सम्बंधित महत्वपूर्ण 50 प्रश्न
- धार्मिक सुधार आन्दोलन से सम्बंधित 110 प्रश्न
26- मृत्यु दण्ड को उच्चतम न्यायालय ने किस मामले में उचित ठहराया?
(अ) जगमोहन सिंह बनाम उत्तरप्रदेश राज्य
(ब) कृपालसिंह बनाम उत्तरप्रदेश राज्य
(स) कादरा पहाड़िया बनाम बिहार राज्य
(द) करतारसिंह बनाम पंजाब राज्य
27- किस मामले में उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि आजीवन कारावास का अर्थ शेष तक का कारावास है –
(अ) गोपाल विनायक गोड़से बनाम महाराष्ट्र राज्य
(ब) भागीरथ बनाम दिल्ली प्रशासन
(स) जाहिद हुसैन बनाम पश्चिम बंगाल राज्य
(द) उपरोक्त सभी
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
28 – किस मामले में उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि इंग्लैण्ड की भांति भारत में भी अपराधी को दोषसिद्ध करने का भार अभियोजन पक्ष पर है और उसे इस भार का निर्वहन युक्तियुक्त संदेह से परे करना है-
(अ) नानकचंद बनाम पंजाब राज्य
(ब) के.एम. नानावटी बनाम महाराष्ट्र राज्य
(स) मच्छीसिंह बनाम पंजाब राज्य
(द) राजेन्द्र प्रसाद बनाम उत्तरप्रदेश राज्य
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29 – निमलिखित में से धाराओं का कौनसा समूह अपराध के साधारण अपवादों (बचाव) की विवेचना करता है ?
(अ) धारा 52-75
(ब) धारा 57-76
(स) धारा 107-120
(द) धारा 76-106
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
30 – यदि किसी व्यक्ति का कृत्य कृत्य सामान्य अपवाद के अन्तर्गत आता है, तो उसे कितना दण्ड दिया जा सकेगा:
(अ) कोई दण्ड नहीं
(ब) उस अपराध के लिए विहित दण्ड से आधा
(स) उस अपराध के लिए विहित दण्ड का चौथाई
(द) न्यायालय के स्वविवेक पर निर्भर है
31 – साधारण अपवादों का मुख्य आधार है:
(अ) दुराशय का अभाव
(ब) न्याय के लिए
(स) कुछ में दुराशय का अभाव तथा कुछ में न्याय के लिए
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
32 -निम्नाकित में से कौन-सा कृत्य अपराध नहीं है ?
(अ) विधि की भूल से किया गया कृत्य
(ब) तथ्य की भूल से किया गया कृत्य
(स) अज्ञानता के कारण किया गया कृत्य
(द) उपुर्यक्त सभी
33 – निम्नलिखित में से कौनसा वाद तथ्य की भूल के आधार के बचाव से संबंधित है –
(अ) वासुदेवा बनाम पेप्सू राज्य
(ब) आर. बनाम टॉल्सन
(स) रेग बनाम गोविन्दा
(द) डायरेक्टर ऑफ पब्लिक प्रासीक्यूशन बनाम बीयर्ड
34 – भारतीय दण्ड संहिता की निम्न किस धारा के अंतर्गत न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में किया गया कार्य अपराध नहीं है :
(अ) धारा 92
(ब) धारा 79
(स) धारा 78
(द) धारा 94
35. ‘क’ एक पुलिस अधिकारी है। न्यायालय उसे आदेश देता है कि वह ‘ख’ को गिरफ्तार करे । सम्यक् जाँच के उपरान्त ‘ग’ को ‘ख’ समझकर ‘क’ ने उसे गिरफ्तार किया । इस प्रकरण में :
(अ) ‘क’ सदोष परिरोध का दोषी है
(ब) ‘क’ तथ्य की भूल का बचाव ले सकता है
(स) ‘क’ विधि की भूल का बचाव ले सकता है
(द) ‘क’ सेवा में किये गये कार्य का बचाव ले सकता है
भारतीय दंड संहिता भाग 2
36 – निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 76 के अंतर्गत एक अवयव नहीं है :
(अ) एक व्यक्ति द्वारा किया गया कोई कार्य जिसे करने के लिए वह विधि द्वारा बाध्य है अथवा बाध्य होने का विश्वास करता है
(ब) विश्वास तथ्य की भूल के कारण होना चाहिए
(स) विश्वास विधि की भूल के कारण हो सकता है
(द) विश्वास सद्भावनापूर्वक किया गया होना चाहिए
37 – न्यायालय का अधिकारी ‘A’. ‘Y’ को गिरफ्तार करने के लिए न्यायालय द्वारा आदेशित किए जाने पर तथा सम्यक जांच के पश्चात यह विश्वास करके कि’Z’, ‘Y’ है, ‘Z’ को गिरफ्तार करता है। ‘A’ ने कौनसी भूल कर दी?
(अ) तथ्य की भूल
(ब) विधि की भूल
(स) उपर्युक्त (अ) तथा (ब)
(द) इनमें से कोई नहीं
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
38 – क एक न्यायालय का ऑफीसर ‘म’ को गिरफ्तार करने के लिए उस न्यायालय द्वारा आदिष्ट पर और सम्यक् जाँच के पश्चात् यह विश्वास करके कि ‘य’ ही ‘म’ है, ‘य’ को गिरफ्तार कर लेता है ?
(अ) ‘क’ ने सदोष परिरोध का अपराध किया है
(ब) ‘क’ ने कोई अपराध कारित नहीं किया है
(स) ‘क’ आपराधिक उपेक्षा का दोषी है
(द) उपर्युक्त में से कोई भी सही नहीं है
Ipc quiz in hindi part 2
39 – ‘प’ एक पुलिस अधिकारी ने युक्तियुक्त पूछताछ के पश्चात् ‘ख’ को जिसने कोई अपराध नहीं किया है, गिरफ्तार कर लिया । इस मामले में :
(अ) ‘प’, ‘ख’ की गिरफ्तारी दोषपूर्ण ढंग से करने का दोषी है
(ब) ‘प’ भा.द. संहिता की धारा 76 के अधीन बचाव का दावा कर सकता है
(स) प’ भा.द. संहिता की धारा 79 के अधीन न्यायानुमत भूल का बचाव पाने का अधिकारी है
(द) प’ न तो भा.द. संहिता की धारा 76 और न ही धारा 79 के अधीन बचाव का दावा कर सकता है क्योंकि उसने सद्भावनापूर्ण कार्य नहीं किया है
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
40 – ‘क’ एक सैनिक, विधि के समादेशों के अनुवर्तन में अपने वरिष्ठ ऑफिसर के आदेश से भीड़ पर गोली चलाता है और ‘ख’ की मृत्यु कारित करता है । ‘क’ किस आधार पर अपना बचाव कर सकता है ?
(अ) आवश्यकता
(ब) दुर्घटना
(स) मत्तता
(द) तथ्य की भूल
41 – एक न्यायालय ने अपने अधिकारी ‘क’ को आदेश दिया कि वह ‘च’ को बन्दी बना ले। ‘क’ ने उचित जाँच करने के बाद यह विश्वास करके कि ‘ट’ ही ‘च’ है, ‘ट’ को बन्दी बना लिया । इस स्थिति में :
(अ) ‘क’ ने ‘ट’ को सदोष बंदी बनाने का अपराध किया है
(ब) ‘क’ ने कोई अपराध नहीं किया
(स) ‘क’ का कृत्य बल की परिभाषा में आता है
(द) ‘क’ ने न्यायालय के आदेश की अवज्ञा की है
42 – निम्नलिखित में से कौनसा वाद तथ्य की भूल के आधार पर बचाव से सम्बन्धित है :
(अ) डाइरेक्टर ऑफ पब्लिक प्रासीक्यूशन बनाम बीयर्ड
(ब) वासुदेव बनाम पेप्सू राज्य
(स) आर. बनाम टॉल्सन
(द) रेग बनाम गोविन्दा
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
43. निम्नलिखित में से कौनसा वाद तथ्य की भूल के आधार पर बचाव से सम्बन्धित नहीं है?
(अ) आर. बनाम प्रिंस
(ब) आर. बनाम टाल्सन
(स) आर. बनाम लिपमैन
(द) रेक्स बनाम लिवेट
44 – भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के निम्न प्रावधानों में से किसमें कहा गया है कि “कोई बात अपराध नहीं है, जो न्यायाधीश द्वारा न्यायिकत: कार्य करते हुए किया गया है” ?
(अ) धारा 75
(ब) धारा 76
(स) धारा 77
(द) धारा 79
45- भारतीय दण्ड संहिता की किस की किस धारा के अन्तर्गत न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में किया गया कार्य अपराध नहीं है :
(अ) धारा 94
(ब) धारा 92
(स) धारा 79
(द) धारा 78
भारतीय दंड संहिता भाग 2
46 – एक जल्लाद जो मृत्यु दण्ड निष्पादित करता है , भा.द.स. की किस धारा के अंतर्गत अपराधिक दायित्व में मुक्त है ?
(अ) धारा 97
(ब) धारा 78
(स) धारा 79
(द) धारा 80
47 – किसी आपराधिक आरोप के विरुद्ध बचाव के लिए भूल को निम्न में से संबंधित होना चाहिए :
(अ) केवल तथ्य से
(ब) केवल विधि से
(स) चाहे तथ्य से अथवा विधि से
(द) तथ्य एवं विधि दोनों से
48 – विधि और तथ्य की भूल से संबंधित प्रश्न को –
(अ) तथ्य की भूल माना जाता है
(ब) विधि की भूल माना जाता है
(स) अनभिज्ञता माना जाता है
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
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49 – निम्न कार्यों में से कौन-सा एक कार्य तथ्य की भूल नहीं है ?
(अ) जहाँ एक अभियुक्त रात्रि में जंगल में एक मानव को हिंसक पशु समझता है और उसका कत्ल कर देता है
(ब) जहाँ एक अभियुक्त एक व्यक्ति को इस त्रुटिपूर्ण विश्वास में मार देता है कि उसने उसके मकान में उसके कत्ल के आशय से प्रवेश किया है।
(स) जहाँ एक अभियुकत अपने पुत्र को इस भ्रम में मार देता है कि वह चीता है
(द) जहाँ एक कॉन्स्टेबल ने A के साथ अपने व्यक्तिगत बदले के लिए B को भूल से A समझते हुए B को क्षति कारित की
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
50 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 79 के अधीन तथ्य की भूल का फायदा पाने के लिए यह बताना आवश्यक है कि उस व्यक्ति ने सद्भावनापूर्वक विश्वास करके युक्तियुक्त आधारों पर कार्य किया था । यह उच्चतम न्यायालय ने कहा था :
(अ) विश्वनाथ बनाम उत्तरप्रदेश राज्य में
(ब) जसवंतराय मनीलाल अखाने बनाम मुम्बई राज्य में
(स) अमजद खान बनाम राज्य में
(द) रामचन्द्र बनाम उत्तरप्रदेश राज्य में
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51 – ‘क’ ने सद्भावनापर्वक ‘ख’ को एक प्रेत समझा तथा ऐसी चोटें पहुँचायी कि उसकी मृत्यु हो गयी। इस मामले में निम्नलिखित कथनों में से कौनसा सही है।
(अ) क दोषी है एवं सदोष मानव वध के लिए दायित्वाधीन है।
(ब) क ने कोई अपराध नहीं किया क्योंकि वह तथ्य की भूल पर बचाव का दावा करने का अधिकारी है
(स) ‘क’ हत्या के लिए दायित्वाधीन है ।
(द) ‘क’ उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करने के लिए दायित्वाधीन है
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
52 – ‘अ’ने तड़के सुबह एक स्थान पर,जो भुतवा स्थान कहलाता था, एक बच्चे को झुके हुए देखा ,बच्चे को प्रेत आत्मा समझकर ‘अ’ ने उसकी मृत्यु कारित कर दी।
(अ) ‘अ’ बच्चे की मृत्यु कारित करने के लिए दायी है
(ब) ‘अ’ भूत के डर के कारण रक्षित है।
(स) ‘अ’ सद्भाव में तथ्य की भूल के लाभ के लिए अधिकृत है
(द) उपर्युक्त में से सही कोई नहीं
53 – अभियुक्त ने एक बैलगाड़ी को रोकने में पुलिस की सहायता की, जिसमें सद्भाव से यह विश्वास जा रहा था कि उसमें तस्करी का चावल ले जाया जा रहा है, परंतु अंत में उनका संदेह झूठा साबित हुआ –
(अ) अभियुक्त सदोष अवरोध के लिए उत्तरदायी है।
(ब) अभियुक्त सदोष परिरोध के लिए उत्तरदायी है।
(स) अभियुक्त भारतीय दण्ड संहिता की धारा 76 के अंतर्गत संरक्षित है
(द) अभियुक्त भारतीय दण्ड संहिता की धारा 79 के अंतर्गत संरक्षित है
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
54 – एक पुरुष शिक्षक ने परीक्षा में तलाशी के दौरान एक लड़की को लड़का समझकर उसकी पेंट की जेब में हाथ डाल दिया, यहाँ शिक्षक ने किस दण्ड संहिता के अंतर्गत अपराध किया है :
(अ) धारा 354 का
(ब) धारा 323 का
(स) धारा 509
(द) कोई अपराध नहीं
55- निम्नलिखित में से कौनसी धारा विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना’ से सम्बन्धित सामान्य उपबन्ध की विवेचना करती है ?
(अ) 76
(ब) 77
(स) 79
(द) 80
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56 – दुर्घटना का बचाव लिया जा सकता है, बशर्ते कि :
(अ) कार्य विधिपूर्ण हो
(ब) कार्य विधिपूर्ण हो व विधिपूर्ण ढंग से हो
(स) कार्य विधिपूर्ण हो, विधिपूर्ण ढंग से हो व विधिपूर्ण साधनों से किया गया हो
(द) ईमानदारी से कार्य किया गया हो
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
57- अपराध के अपवादों में “दुर्घटना” को शामिल करने के लिए निम्नांकित में से कौनसा तत्व आवश्यक है ?
(अ) यह दुर्घटना या दुर्भाग्य से घटित हुई
(ब) विधिपूर्ण कार्य को विधिपूर्ण तरीके से करने म हुर
(स) उचित सतर्कता और सावधानी बरती गई
(द) उपयुक्त सभी
58 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 80 के अंतर्गत निम्न में से कौन-सा सबचाव का आवश्यक अवयव नहीं है :
(अ) कार्य किसी दुर्घटना अथवा दुर्भाग्य के कारण होना चाहिये
(ब) कार्य उचित सतर्कता एवं सावधानी से किया गया हो
(स) दुर्घटना सदैव किसी अवैध कार्य का परिणाम होना चाहिये
(द) कार्य किसी आपराधिक आशय या ज्ञान के बिना किया गया हो
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59 – ‘क’ कुल्हाड़ी से काम करता है, कुल्हाड़ी का फल उसमें से निकलकर उछल जाता है और निकट खड़ा व्यक्ति उससे मारा जाता है, ‘क’ की ओर से उचित सावधानी का कोई अभाव नहीं था । ‘क’ ने कौन सा अपराध किया है ?
(अ) हत्या
(ब) आपराधिक मानव वध जो हत्या नहीं है
(स) उसका कार्य माफी योग नहीं है
(द) उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करना
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60 – A कुल्हाड़ी से उस स्थान पर लकड़ी काट रहा है जहाँ पर बच्चे खेल रहे हैं। कुल्हाड़ी छटक जाती है और उससे एक बच्चे की मृत्यु हो जाती है। A दोषी है :
(अ) उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करने का
(ब) हत्या का
(स) सदोष मानव वध का
(द) किसी अपराध के लिये नहीं
61 – एक कामगार उचित चेतावनी देकर छत से बर्फ फेंकता है। एक राहगीर की मृत्यु हो जाती है। कामगार:
(अ) हत्या का दोषी है
(ब) हत्या की कोटि में न आने वाले मानव वध का दोषी है
(स) उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करने का दोषी है
(द) मृत्यु आकस्मिक थी इसलिये दोषी नहीं है
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
62 – गलत उत्तर बताइए :
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 80 के अधीन दुर्घटना के आधार पर बचाव के निम्न आवश्यक तत्व नहीं-
(अ) कोई एक दुर्घटना होना चाहिए ।
(ब) कार्य किसी आपराधिक आशय या ज्ञान के बिना किया गया हो
(स) दुर्घटना विधिक साधनों द्वारा विधिक रीति से किए गए किसी विधिक कार्य का परिणाम हो
(द) कार्य विधिक होना चाहिए चाहे विधिक साधनों द्वारा किया गया हो अथवा नहीं
63- निम्नलिखित में कौन भारतीय दण्ड संहिता की धारा 80 के अंतर्गत दुर्घटना की प्रतिरक्षा का आवश्यक तत्व नहीं है ?
(अ) कार्य एक दुर्घटना या दुर्भाग्य हो
(ब) कार्य दुर्घटना होना चाहिए चाहे वह आपराधिक आशय से ही किया गया हो
(स) कार्य किसी आपराधिक आशय के बिना किया गया हो
(द) कार्य उचित सतर्कता और सावधानी से किया गया हो।
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
64 – यदि कोई अभियुक्त भारतीय दण्ड संहिता की धारा 80 के अर्थों में अपवाद का अभिवाक् करता है, ऐसी उपधारणा उसके विरुट रोती है तथा उस उपधारणा के खंडन का दायित्व उसके ऊपर होता है।
निम्न में से किस वाद में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा कहा है ?
(अ) जी. सुब्रह्मण्यम बनाम राज्य
(ब) वीडा मेन्जेज बनाम युसूफ खान
(स) आंध्रप्रदेश राज्य बनाम बेनुगोपाल
(द) के.एम. नानावती बनाम महाराष्ट्र राज्य
65 – ‘क’ एक बंदूक लेकर जंगल में शिकार करने जाता है, वहीं उसे एक झाड़ी के है, वह जोर से बार-बार चिल्लाकर पूछता है, वहाँ कौन है ? कोई उत्तर न पास कोई जानवर छिपा होगा, वह गोली चलाता है। ‘ब’ जो झाड़ी के पीछे छिप नहीं दिया, मारा जाता है। इस प्रकरण में :
(अ) ‘क’ हत्या का दोषी है
(ब) ‘क’ विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना का बचाव ले सकता है
(स) ‘क’ उपेक्षा का दोषी है।
(द) ‘क’ उतावलेपन का दोषी है।
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66 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 81 के लिये निम्नलिखित में से कौन आवश्यक तत्व नही है –
(अ) यदि कार्य हानि करने के आपराधिक आशय से नहीं किया गया है
(ब) यदि कार्य सद्भाव में किया गया है
(स) यदि कार्य बड़ी हानि को रोकने या बचाने के उद्देश्य से किया गया है
(द) यदि कार्य व्यक्ति या संपत्ति को दूसरी हानि से रोकने या बचाने के उद्देश्य से किया जाता है
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67 – भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अधीन आवश्यकता के बचाव का आवश्यक तत्व निम्नलिखित में से कौनसा नहीं है :
(अ) कार्य किसी अपहानि करने के आपराधिक आशय के बिना किया गया था
(ब) कार्य सद्भावनापूर्वक किया गया था
(स) कार्य किसी अन्य अपहानि के निवारणार्थ किया गया था
(द) निवारित की जाने वाली अपहानि सदैव सम्पत्ति से सम्बन्धित होनी चाहिए
68 – एक समुद्री तूफान में एक जहाज फँस गया । जहाज पर तीन व्यक्ति थे जिनमें से एक बालक था । जहाज पर खाने के लिए कुछ नहीं था और जहाज के शीघ्र किनारे पहुँचने के आसार क्षीण थे । ऐसी स्थिति में या तो तीनों भूख से मर जायें या किसी एक को मारकर उसके मांस को खाकर दो अपने को जावत रखते । अन्य दो ने बालक को मारने का निर्णय लिया और उसके मांस को खाकर जीवित रहे । कि पहुँचने पर उन दोनों पर हत्या मुकदमा चलाया गया । सही निर्णय निम्नलिखित होगा :
(अ) दोनों हत्या के दोषी हैं
(ब) दोनों हत्या की कोटि में न आने वाले आपराधिक मानव वध के दोषी हैं
(स) दोनों किसी अपराध के दोषी नहीं हैं और आत्मरक्षा का बचाव ले सकते हैं।
(द) दोनों किसी अपराध के दोषी नहीं हैं और आवश्यकता के सिद्धान्त का बचाव ले सकत हैं
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
69 – अनेक व्यक्तियों के जीवन की रक्षा के लिए किसी एक की हत्या करने की अनुमति आवश्यकताके आधार पर नहीं दी जा सकती है। यह सिद्धान्त जिसका भारत में अनुसरण किया जाता है,सबसे पहले क्वींस बेंच डिवीजन ने निम्नलिखित मामले मे प्रतिपादित किया था –
(अ) आर. बनाम मूरे
(ब) आर. बनाम डडले तथा स्टीफेन्स
(स) आर. बनाम डेविस
(द) आर. बनाम मेकफर्सन
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70 – सही उत्तर बताइये:
एक पोत के टूटने के बाद एक लकड़ी का टुकड़ा गहरे सागर में तैर रहा था । दो व्यक्ति उसको पकड़ने का प्रयास कर रहे थे । एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को धक्का दिया और वह डूब गया । धक्का देने वाला व्यक्ति :
(अ) आपराधिक दायित्व से मुक्त है।
(ब) आपराधिक दायित्व से मुक्त नहीं है
(स) आपराधिक दायित्व से मुक्त नहीं है किन्तु क्षमा करने योग्य अपराध किया है
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
71 – एक विशिष्ट स्थान पर आग लग गई है ‘अ’ ने इस आग को देखा और आग को फैलने से रोकने के लिए और मानव जीवन तथा सम्पत्ति की रक्षा के लिये दूसरों के घर गिरा दिये । इस मामले में :
(अ) ‘अ’ रिष्टि के अपराध का दोषी है क्योंकि उसने दूसरों के घर गिरा दिये
(ब) ‘अ’ आपराधिक रूप से दायी होगा किन्तु उसे क्षमा कर दिया जाना चाहिये
(स) ‘अ’ किसी अपराध के लिये दायी नहीं क्योंकि उसने यह कार्य अन्य व्यक्तियों और उनकी सम्पत्तियों और खतरनाक अपहानि से बचाने के लिये किया है
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
72 – आर. बनाम डडले एण्ड स्टीफेन्स का प्रसिद्ध वाद आपराधिक दायित्व के साधारण अपवादों में से किससे संबंधित था –
(अ) आवश्यकता
(ब) निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा
(स) चित्त विकृति
(द) भूल
73 – निम्नलिखित में से कौनसा वाद आवश्यकता के आधार पर प्रतिरक्षा (बचाव) से सम्बन्धित है ?
(अ) डी.पी.सी. बनाम बियर्ड
(ब) आर. बनाम लिपमैन
(स) मैकनाटन का वाद
(द) आर बनाम डडले एण्ड स्टीफेन
74 – आर बनाम डडले एंड स्टीफेन का वाद निम्न प्रतिरक्षा से सम्बन्धित है :
(अ) चित्त विकृति
(ब) मत्तता
(स) तथ्य की भूल
(द) आवश्यकता
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75 – ‘क’ एक गरीब व्यक्ति अपनी रुग्ण माता के प्राण बचाने हेतु दवाई की दुकान से दवाईयाँ चुराता है। ‘क’ को बचाव मिलेगा:
(अ) आवश्यकता का
(ब) प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का
(स) तुच्छ अपहानि का
(द) इनमें से कोई नहीं
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76 – बालक के कृत्य, जिनको भारतीय दण्ड संहिता में सामान्य अपवादों के रूप में उपबंधित किया है, वर्णित
(अ) धारा 81-82
(ब) धारा 82-83
(स) धारा 83-84
(द) धारा 84-85
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
77 – भारतीय दण्ड संहिता में सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य एक अपवाद के रूप में उप्बंधित है –
(अ) धारा 80 में
(ब) धारा 81 में
(स) धारा 82 में
(द) धारा 84 में
78 – कोई बात अपराध नहीं है, जो:
(अ) आठ वर्ष
(ब) दस वर्ष
(स) सात वर्ष
(द) बारह वर्ष
से कम आयु के शिशु द्वारा की जाती है।
79 – ‘अ’ जो कि 6 वर्षीय बालक है, ‘ब’ को चोट पहुंचाने के आशय से धक्का देता है, जिसके ‘ब’ नीचे गिर जाता है एवं उसकी अग्रभुजा की हड्डी टूट जाती है, तब ‘अ’ होगा –
(अ) किसी भी अपराध का दोषी नहीं
(ब) घोर उपहति कारित करने के अपराध का
(स) साधारण उपहति कारित करने के अपराध का दोषी
(द) हमला करने के अपराध का दोषी
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
80 – धारा 82 एवं 83 में शिशु के कार्यों को अपराध न मानने का आधार है ?
(अ) शिशु द्वारा अपने कार्य का अर्थ व प्रकृति एवं परिणाम न समझ पाना
(ब) उसका शैशव व उसकी शारीरिक अक्षमता
(स) उसका बालक होना
(द) भारतीय दण्ड संहिता द्वारा शिशु को विशेष दर्जा प्रदान करना
81 – एक शिशु अपने कार्यों के सही अथवा गलत होने को समझने में सक्षम माना जाता है यदि वह :
(अ) 7 वर्ष की उम्र का है।
(ब) 7 वर्ष से अधिक परन्तु 12 वर्ष से कम उम्र का है
(स) 8 वर्ष से अधिक किन्तु 12 वर्ष से कम उम्र का है
(द) 7 वर्ष से अधिक परन्तु 14 वर्ष से कम उम्र का है
82- भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के अन्तर्गत किस आयु का बालक दोष के लिए दायी होता है :
(अ) परिपक्व बुद्धि का, जो सात वर्ष से ऊपर किन्तु 12 वर्ष से नीचे है
(ब) 5 वर्ष के नीचे हो
(स) 7 वर्ष के नीचे हो
(द) 7 वर्ष से ऊपर किन्तु 12 वर्ष से नीचे अपरिपक्व बुद्धि का हो
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
83 – भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत किस आयु का बालक दोष के लिए दायी होता है-
(अ) 5 वर्ष से कम उम्र का हो
(ब) 7 वर्ष से कम उम्र का हो
(स) 7 वर्ष से अधिक लेकिन 12 वर्ष से कम अपरिपक्व बुद्धि का हो
(द) परिपक्व बुद्धि का, जो सात वर्ष से अधिक किन्तु 12 वर्ष से कम उम्र का हो
84 – जब अपराध गठित करने वाला कोई कार्य किसी सात वर्ष की आयु के शिश द्वारा किया जाता ऐसा शिशु समझा जाता है :
(अ) अपराध करने में सक्षम
(ब) अपराध करने में अक्षम
(स) उपर्युक्त दोनों में से कोई नहीं
(द) उपर्युक्त दोनों में से कोई भी
85 – अपराध विधि के अंतर्गत निम्न में से कौन सा व्यक्ति चोरी करने का अपराधी होगा:
(अ) एक मूढ
(ब) सात वर्ष से कम का बालक
(स) पाँच वर्ष से कम उम्र का बालक
(द) अपरिपक्व तेरह वर्ष का बालक
भारतीय दंड संहिता भाग 2
86 – भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अपराध दण्डनीय है चाहे यह –
(अ) 7 वर्ष से कम आयु के बालक द्वारा किया गया हो
(ब) विक्षिप्त व्यक्ति द्वारा किया गया हो।
(स) न्यायिक हैसियत से कार्य करने वाले न्यायाधीश द्वारा किया गया हो
(द) 80 वर्ष के बीमार व्यक्ति द्वारा किया गया हो
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
87 – विकृतचित्त व्यक्ति के कार्य, जिनको भारतीय दण्ड संहिता में सामान्य अपवादों के रूप में उपबंधित किया है, वर्णित है:
(अ) धारा 83 में
(ब) धारा 84 में
(स), धारा 85 में
(द) धारा 86 में
88 – भारतीय दण्ड संहिता की किस धारा के अन्तर्गत विकृत चित्त व्यक्ति के कार्य को अपराध नहीं माना जाता है –
(अ) धारा 82
(ब) धारा 84
(स) धारा 83
(द) धारा 85
89 – निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 84 का एक आवश्यक तत्व नहीं है –
(अ) कार्य एक अस्वस्थ मस्तिष्क वाले व्यक्ति द्वारा किया जाना चाहिये
(ब) ऐसे व्यक्ति कार्य की प्रकृति को समझने में असमर्थ (अक्षम) हों
(स) ऐसी अक्षमता (अपराधी के) अस्वस्थ मस्तिष्क के कारण होनी चाहिये
(द) अक्षमता किसी भी कारण से हो सकती है
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90. भारतीय दण्ड संहिता की धारा 84 के अंतर्गत विकृत चित्तता के बचाव का निम्न आवश्यक अवयव नहीं है –
(अ) कार्य एक अस्वस्थ मस्तिष्क के कारण होना चाहिये
(ब) ऐसा व्यक्ति कार्य की प्रकृति को समझने में सक्षम होना चाहिये
(स) ऐसी अक्षमता अपराधी के अस्वस्थ मस्तिष्क के कारण होनी चाहिये
(द) ऐसी अक्षमता अपराध गठित करने वाले कार्य के पहले कार्य करते समय और उसके पश्चात् भी विद्यमान होनी
91 – गलत उत्तर बताइये
ऐसे व्यक्ति जो स्वस्थचित्त के नहीं कहे जा सकते हैं, निम्न प्रकार के होते हैं :
(अ) जड़
(ब) विक्षिप्त
(स) बीमारी द्वारा विकृत मस्तिष्क वाला व्यक्ति
(द) दिवालिया
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
92 – उन्मत्तता (पागलपन) है:
(अ) स्वतंत्र इच्छा का अभाव
(ब) मत्तता के कारण उत्पन्न अक्षमता
(स) किसी कृत्य की प्रकृति को समझने में अक्षमता
(द) रोगग्रस्त मस्तिष्क
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
93 – कोई व्यक्ति विधिक मानसिक विकृति से पीड़ित था, यह तय करने का निर्णायक समय होता है –
(अ) कार्य करते समय
(ब) कार्य से पूर्व
(स) कार्य के पश्चात्
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
94 – अप्रतिरोध्य आवेग :
(अ) ‘पागलपन’ के अन्तर्गत नहीं आता है
(ब) ‘पागलपन’ के अन्तर्गत आता है
(स) कुछ विशेष परिस्थितियों में आता है।
(द) परिणाम पर आधारित परिस्थितियों के अन्तर्गत आता है
भारतीय दंड संहिता 100 वस्तुनिष्ट प्रश्न प्रेक्टिस
95 – कोई व्यक्ति किसी अपराध को कारित करने के बावजूद भी उस अपराध के लिए दायी नहीं होगा यदि वह –
(अ) लोक सेवक है
(ब) विकृत चित्त है
(स) वृद्ध है
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
भारतीय दंड संहिता भाग 2
96 – भारतीय दण्ड संहिता, 1860 का निम्न में से कौन सा प्रावधान “मैकनाटन नियम’ पर आधारित है।
(अ) धारा 83
(ब) धारा 84
(स) धारा 85
(द) धारा 86
97 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 84 का आधार है:
(अ) निकटता का नियम
(ब) मैकनाटन नियम
(स) संदिग्धार्थक नियम
(द) अंग्रेजी नियम
98 -‘मेकनॉटन का नियम’ संबंधित है :
(अ) नशे में उन्मत्त व्यक्ति के कृत्यों से
(ब) विकृत्तचित्त व्यक्ति के कृत्यों से
(स) उक्त व्यक्ति से जो तुच्छ अपहानि कारित करता है
(द) शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा से
99- निम्नलिखित में से कौन सा वाद चित्त विकृतता के बचाव से संबंधित है ?
(अ) मोहन सिंह बनाम पंजाब राज्य
(ब) मध्यप्रदेश राज्य बनाम अहमदुल्लाह
(स) वासुदेव बनाम पेप्सू राज्य
(द) उपर्युक्त सभी
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100 – निम्नलिखित में से किस वाद में विकृत-चित्तता के आधार पर बचाव संबंधी नियमों को प्रतिपादित किया गया :
(अ) आर.बनाम डडले एण्ड स्टीफेन
(ब) डी.पी.पी. बनाम वियर्ड
(स) मैकनाटन का वाद
(द) आर. बनाम मैकनाटन
- भारतीय दंड संहिता भाग 1
- मौर्य वंश से सम्बंधित महत्वपूर्ण 90 प्रश्न
- हडप्पा सभ्यता से सम्बंधित 150 महत्वपूर्ण प्रश्न
- वैदिक सभ्यता से सम्बंधित 100 महत्वपूर्ण प्रश्न
- महाजनपद काल से सम्बंधित महत्वपूर्ण 50 प्रश्न
- धार्मिक सुधार आन्दोलन से सम्बंधित 110 प्रश्न