Home LAW भारतीय दंड संहिता वस्तुनिष्ठ प्रश्न भाग 1 | Ipc quiz in hindi...

भारतीय दंड संहिता वस्तुनिष्ठ प्रश्न भाग 1 | Ipc quiz in hindi part 1

11648
0

आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ भारतीय दंड संहिता वस्तुनिष्ठ प्रश्न भाग 1 | Ipc quiz in hindi part 1 “, के बारे में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा ।

भारतीय दंड संहिता वस्तुनिष्ठ प्रश्न भाग 1 | Ipc quiz in hindi part 1

1 – भारतीय दण्ड संहिता है –

(अ) साधारण दण्ड विधि

(ब) विशेष दण्ड विधि

(स) साधारण एवं विशेष दोनों

(द) कार्य विधि

 

2 – निम्नलिखित में से सही कथन को इंगित कीजिए–

(अ) अपराध अनिवार्यत: एक अनैतिक कृत्य है

(ब) अपराध एक अवैधानिक कृत्य है

(स) अपराध अनिवार्यतः एक समाजविरोधी कृत्य है

(द) अपराध अनिवार्यतः एक धर्मविरोधी कृत्य है

 

3 – अपराध एक –

(अ) लोक दोष है

(ब) प्राइवेट दोष है

(स) लोक एवं प्राइवेट दोनों दोष है

(द) न तो लोक दोष है और न प्राइवेट दोष है

 

4 – निम्नलिखित में से कौन सा अपराध की चार अवस्थाओं के सही क्रम को दर्शाता है –

(अ) (i) प्रयत्न, (ii) तैयारी, (iii) आशय, (iv) परिणाम

(ब) (i) आशय, (ii) प्रयत्न, (iii) तैयारी, (iv) परिणाम

(स) (i) आशय, (ii) तैयारी, (iii) प्रयत्न, (iv) परिणाम

(द) (i) परिणाम, (ii) आशय, (iii) तैयारी, (iv) प्रयत्न

 

5 – आपराधिक विधि के प्रति कृत्यात्मक दृष्टिकोण को उजागर किया है –

(अ) भारत के विधि आयोग ने

(ब) भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने

(स) इंग्लैण्ड की वुल्फेन्डेन समिति ने

(द) संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने

भारतीय दंड संहिता भाग 1

6- “आशय कार्य का लक्ष्य है, हेतु जिसका स्त्रोत है,” यह कथन है –

(अ) स्टीफेन का

(ब) बन्थम का

(स) ऑस्टिन का

(द) केनी का 

 

7 – निम्नलिखित में से अपराध के लिए क्या आवश्यक नहीं है ?

(अ) आशय

(ब) उद्देश्य 

(स) वर्जित कार्य

(द) कार्य के लिए दण्ड 

 

8 – निम्न में कौन सामान्यत: अपराध का आवश्यक तत्व है?

(अ) चेष्टा

(ब) आपराधिक कृत्य 

(स) हेतु

(द) इच्छा

 

9 – आपराधिक दायित्व के दो अति महत्वपूर्ण तत्व हैं :

(अ) आशय एवं कार्य

(ब) आशय एवं क्षति

(स) क्षति एवं दोषसिद्धि

(द) तैयारी एवं दण्ड

 

10 – आपराधिक दायित्व के इस सिद्धांत कि केवल कृत्य ही नहीं दोषपूर्ण मनःस्थिति भी, को विकसित किया गया था –

(अ) साम्य न्यायालयों द्वारा

(ब) कॉमल लॉ न्यायालयों द्वारा

(स) स्टार चेम्बर न्यायालय द्वारा

(द) क्यूरिया रेजिस द्वारा

Ipc quiz in hindi part 1

11 – निम्नलिखित में से किसने अवधारित किया है कि भारतीय दण्ड संहिता में ‘एक्ट्स नॉन फेसिट रियम निसी मेन्स सिट रिया’ जैसी उक्ति पूर्णतः अप्रासंगिक है ?

(अ) जे.डी. मेयने, क्रिमिनल लॉ ऑफ इण्डिया

(ब) एच.एच. गौर, पीनल लॉ ऑफ इण्डिया

(स) रतन लाल धीरज लाल, लॉ ऑफ क्राइम्स

(द) उपर्युक्त सभी

 

12 – आपराधिक मनःस्थिति में शामिल नहीं है –

(अ) हेतु

(ब) आशय

(स) ज्ञान 

(द) उपेक्षा

 

13 – कुछ मामलों में अपराध तब भी गठित होता है जबकि कार्य आपराधिक आशय से न किया गया हो। ऐसे मामले हैं –

(अ) कठोर दायित्व के

(ब) प्रतिनिधिक दायित्व के

(स) राज्य के दायित्व संबंधी

(द) संयुक्त दायित्व संबंधी

 

14 – निम्नलिखित अपराधों में से कौनसा कठोर दायित्व का अपराध है –

(अ) उपहति 

(ब) हमला

(स) द्विविवाह

(द) चोरी

 

15 – निम्नलिखित वादों में से कौन सा वाद “मनःस्थिति” (मेन्सरिया) के सिद्धांत के पुनर्जीवन से संबंधित है ?

(अ) शेराज बनाम डी. रूटजेन

(ब) ब्रेड बनाम वुड

(स) हाब्स बनाम बिन्वस्टर कारपोरेशन

(द) उपर्युक्त सभी

भारतीय दंड संहिता भाग 1

16 – “प्रत्येक संविधि (स्टेट्यूट) में दुराशय अन्तर्निहित माना जाता है जब तक कि इसके प्रतिकूल सिद्ध नहीं कर दिया गया है।” यह मत किस वाद में सर्वप्रथम व्यक्त किया गया है?

(अ) हार्डिग बनाम प्राईस

(ब) शेराज बनाम डी. रूटजेन

(स) आर. बनाम प्रिन्स

(द) एम.एच. जार्ज बनाम महाराष्ट्र राज्य

 

17 – आर. बनाम प्रिन्स (1889) A23 क्यू. बी. डी. 168 के प्रकरण में किस न्यायालय ने कहा है कि “उन अपराधों में जो विधिक अपकृत्य (मनुष्य द्वारा बनाई गई विधि का उल्लघंन) है, अभियोजन पक्ष को दुराशय सिद्ध करना होता है, जबकि ऐसे अपराधों में, जो स्वयं में विधिक एवं नैतिक रूप से हानिप्रद है, उनमें विशिष्ट रूप से दुराशय को सिद्ध नहीं करना पड़ता है, दुराशय मान लिया जाता है” ?

(अ) न्यायमूर्ति ब्रैट

(ब) न्यायमूर्ति ब्लेक्बर्ण

(स) न्यायमूर्ति ब्रैमवेल

(द) न्यायमूर्ति डेमन

भारतीय दंड संहिता भाग 1

18 – आर. बनाम प्रिंस के प्रकरण में प्रिंस को दण्डित करने का आधार था –

(अ) प्रिंस का निषिद्ध कार्य करना

(ब) प्रिंस का अवैध कार्य करना

(स) प्रिंस का जानबूझकर सिविल अपकृत्य करना

(द) प्रिंस का कार्य अवैध और निषिद्ध होना

 

19 – निम्नलिखित में से किस में दुराशय को अपराध का एक आवश्यक अंग माना गया है ?

(अ) श्रीनिवासमल बरौलिया बनाम एम्परर में

(ब) आर. बनाम टॉल्सन में

(स) नाथूलाल बनाम मध्य प्रदेश राज्य में

(द) उपुर्यक्त सभी में

 

20 – निम्नलिखित में से कौन सा वाद दुराशय के सिद्धांत से संबंधित नहीं है ?

(अ) आर. बनाम प्रिन्स

(ब) क्वीन बनाम टॉल्सन

(स) रेग बनाम गोविन्दा

(द) महाराष्ट्र राज्य बनाम एम.एच. जार्ज

Ipc quiz in hindi part 1

21 – निम्नलिखित में से कौन सा एक सामान्य विधि में दुराशय के सामान्य सिद्धांत का मान्य अपवाद नहीं है ?

(अ) पब्लिक न्यूसेन्स

(ब) आपराधिक उपलेख

(स) न्यायालय की अवमानना

(द) मानहानि

 

22 – इंग्लिश आपराधिक विधि में प्रतिनिहित दायित्व का सिद्धांत सर्वप्रथम प्रतिपादित किया गया था –

(अ) आर. बनाम डोलमेन के वाद में

(ब) आर. बनाम हिगिन्स के वाद में

(स) आर. बनाम टालसन के वाद में

(द) आर. बनाम गुडाल के वाद में

23 – भारतीय दण्ड संहिता के प्रारूप पर तत्कालीन गवर्नर जनरल ने अपनी अनुमति प्रदान की –

(अ) 6 सितम्बर 1960

(ब) 6 अक्टूबर 1860

(स) 6 दिसम्बर 1860

(द) 1 जनवरी 1862

 

24 – भारतीय दण्ड संहिता प्रवृत्त हुई –

(अ) 6 अक्टूबर, 1860 से

(ब) 6 दिसम्बर, 1860 से

(स) 1 जनवरी, 1861 से

(द) 1 जनवरी, 1862 से

 

25 – भारतीय दण्ड संहिता का प्रारूप तैयार किया गया था –

(अ) प्रथम भारतीय विधि आयोग द्वारा

(ब) द्वितीय भारतीय विधि आयोग द्वारा

(स) तृतीय भारतीय विधि आयोग द्वारा

(द) चतुर्थ भारतीय विधि आयोग द्वारा

भारतीय दंड संहिता भाग 1

26 – क्या भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत दण्डनीय कोई अपराध भारत के भूमि के बाहर कारित करने वाला कोई भी व्यक्ति किसी भी भारत के न्यायालय में उत्तरदायी होता है ?

(अ) हाँ 

(ब) केवल, यदि वह भारत का नागरिक है तब हाँ

(स) यदि वह जुर्म करने के पश्चात भारत में आता है, तब हाँ

(द) नहीं

 

27 – ‘क’ जो भारत का नागरिक है. उगाण्डा में हत्या करता है। वह दिल्ली में पकड़ा जाता है। अपराध के लिए वह विचारित और दोषसिद्ध किया जा सकता है –

(अ) केवल उगाण्डा में

(ब) केवल उस देश में, मृतक जहाँ का नागरिक था 

(स) उपर्युक्त दोनों में से कहीं भी

(द) दिल्ली में

28 – ‘अ’एक भारतीय नागरिक, इंग्लैंड में जारकर्म, जो उस देश में अपराध नहीं है, करता है। कथिती का विचारण किस न्यायालय द्वारा किया जा सकता है?

(अ) वह न्यायालय जिसके स्थानीय क्षेत्राधिकार के अंदर जारकर्म किया गया

(ब) भारत के किसी स्थान में स्थित न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी का न्यायालय जहाँ अभियुक्त पाया गया हो

(स) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय

(द) भारत का सर्वोच्च न्यायालय

 

29 – निम्न में से कौन-सा अपराध भा.द.सं. के अंतर्गत दण्डनीय है ?

(अ) इटली का नागरिक पाकिस्तान में भारतीय की हत्या करता है

(ब) इटली का नागरिक जम्मू-कश्मीर में भारतीय की हत्या करता है

(स) भारत का नागरिक इटली में इटली के नागरिक की हत्या करता है

(द) उपरोक्त सभी

Ipc quiz in hindi part 1

30 – क्या भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत दण्डनीय कोई अपराध भारत की भूमि के बाहर कारित करने वाला कोई भी व्यक्ति किसी भी भारत के न्यायालय में उत्तरदायी होता है –

(अ) हाँ

(ब) केवल, यदि वह भारत का नागरिक है, तब हाँ

(स) यदि वह जुर्म करने के पश्चात् भारत में आता है, तब हाँ

(द) नहीं

 

31 – ‘A’ एक विदेशी है, उसने एक दूसरे विदेशी ‘B’ को एक विदेशी जलयान में जो खुले समुद्र में था, छुरा घोंप दिया । ‘A’ और ‘B’ को उपचार के लिए मुम्बई लाया गया जहाँ ‘B’ की मृत्यु हो गई। ‘A’ भी मुम्बई में उपलब्ध है।

‘A’ के विचारण में भारतीय दण्ड संहिता के लागू होने के बारे में निम्नलिखित में से कौन सी प्रस्थापना सही है ?

(अ) मृतक और अभियुक्त दोनों विदेश के हैं और अपराध भी खुले समुद्र में घटा है अतएव ‘A’ को भारतीय दण्ड संहिता लागू नहीं होगी और इसलिए ‘A’ का भारत में अभियोजन नहीं किया जा सकता

(ब) भा.द.सं. विदेशियों को बिल्कुल नहीं लागू होती अतएव ‘A’ का भारत में विचारण नहीं हो सकता

(स) अपराध भारत के राज्यक्षेत्र में पूरा हुआ और अभियुक्त ‘A’ भारत में उपलब्ध है अतएव भारतीय दण्ड संहिता लागू होगी और ‘A’ का मुम्बई में विचारण किया जाना चाहिए

(द) भारतीय दण्ड संहिता भारतीय और विदेशी दोनों को लागू होती है अतएव ‘A’ का भारत में विचारण होना चाहिए

Ipc quiz in hindi part 1

32 – अमेरिका का नागरिक ‘अ’ भारतीय वायुयान में यात्रा करते हए सहयात्री ‘ब’ को चोट पहंचाता है। वायुयान उस समय इंग्लैण्ड की सीमा में उड़ रहा था । ‘अ’ के विरुद्ध कहाँ कार्यवाही होगी?

(अ) ‘अ’ के विरुद्ध कहीं कार्यवाही नहीं होगी

(ब) ‘अ’ के विरुद्ध केवल इंग्लैण्ड में मुकदमा चलाया जा सकता है

(स) ‘अ’ के विरुद्ध केवल अमेरिका में ही मुकदमा चलाया जा सकता है

(द) ‘अ’ के विरुद्ध भारत के किसी न्यायालय में मुकदमा चलाया जा सकता है

33 – ‘x’ एक अच्छा तैराक है। वह एक सात साल के बालक ‘Y’ को नहर में डूबते हुए देखता है वह उस बालक से बचा सकता था पर उसने ऐसा नहीं किया । बालक डूब गया, ‘x’ –

(अ) ने कोई अपराध नहीं किया

(ब) हत्या का दोषी है

(स) आत्महत्या के दुष्प्रेरण का दोषी है

(द) आपराधिक मानववध का दोषी है, जो हत्या नहीं है

भारतीय दंड संहिता भाग 1

34 – निम्नलिखित में से कौन सी परिस्थितियों में भारतीय न्यायालयों को अधिकारिता होगी –

1. किसी भारतीय द्वारा विदेश में किया गया अपराध

2. किसी विदेशी द्वारा भारत में किया गया अपराध

3. किसी व्यक्ति द्वारा भारतीय पोत पर किया गया अपराध

नीचे दिये गये कूट की सहायता से सही उत्तर चुनिये :

(अ) 1 और 2

(ब) 1 और 3

(स) केवल 2

(द) 1, 2 और 3

भारतीय दंड संहिता भाग 1

35 – गलत उत्तर बताइये –

आपराधिक दायित्व की आवश्यक शर्ते हैं :

(अ) कार्य स्वतंत्र इच्छा से किया गया हो

(ब) अच्छा और बुरा में अंतर समझने की क्षमता

(स) उन तथ्यों का ज्ञान जिन पर किसी कार्य का अच्छा अथवा बुरा होना निर्भर करता है।

(द) इस बात का ज्ञान कि कारित कार्य विधिविरुद्ध है

 

36 – दुराशय के सिद्धांत को ब्रिटिश कॉमन लॉ में सर्वप्रथम एक चोरी के मामले में लागू किया गया :

(अ) टिण्डल सी.जे. द्वारा

(ब) ब्लैकस्टोन द्वारा

(स) कोक सी.जे. द्वारा

(द) ब्लैकबर्न जे. द्वारा

 

37 – गलत उत्तर बताइये –

कॉमन लॉ में दराशय के सिद्धांत के निम्नलिखित मान्य अपवाद हैं :

(अ) वैयक्तिक उपताप

(ब) आपराधिक अपमान लेख

(स) पब्लिक उपताप

(द) न्यायालय की अवमानना

 

38 –  गलत उत्तर बताइए –

कॉमन लॉ में निम्नलिखित में से कौन प्रतिनिधिक दायित्व का अपवाद नहीं है –

(अ) प्राइवेट न्यूसेन्स

(ब) अपमान लेख

(स) न्यायालय की अवमानना

(द) लोक न्यूसेन्स

 

39 – गलत उत्तर बताईए –

सामान्य रूप से एक व्यक्ति किसी अपराध में निम्नलिखित रूप से भागीदार हो सकता है:

(अ) जब वह स्वयं अपराध करता है।

(ब) जब वह अपराध करने में भाग लेता है

(स) जब वह घटनास्थल पर उपस्थित होता है।

(द) जब वह किसी अन्य व्यक्ति को अपराध कारित करने में अपना अभिकर्ता (एजेंट) बनाता है या प्रेरित करता है

 

40 – भा.द.सं. की कौन-सी धारा अंग्रेजी विधि के प्रसिद्ध सूच “Expressio unius est exclusto alterius” पर आधारित है।

(अ) धारा 6

(ब) धारा 7 

(स) धारा 8 

(द) धारा 9

Ipc quiz in hindi part 1

41 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 10 में “पुरुष” शब्द घोतक है कोई नर मानव :

(अ) 16 वर्ष का

(ब) 18 वर्ष का

(स) 21 वर्ष का

(द) किसी भी आयु का

42 – भारतीय दण्ड संहिता में ‘पुरुष’ व ‘स्त्री’ शब्द द्योतक है-

(अ) किसी भी आयु के मानच नर व मानव स्त्री का

(ब) केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के नर व नारी का

(स) केवल मानसिक रूप से सक्षम नर व नारी का

(द) केवल सविदा करने में सक्षम नर व नारी का

 

43 – भारतीय दण्ड संहिता में “स्त्री” शब्द द्योतक है:

(अ) 15 वर्ष से ऊपर की आयु वाली किसी महिला का

(ब) 18 वर्ष के ऊपर की आयु वाली किसी महिला का

(स) 21 वर्ष से ऊपर की आयु वाली किसी महिला का

(द) जन्मजात बालिका सहित किसी भी आयु की महिला का

 

44 – भारतीय दण्ड संहिता में ‘न्यायालय’ (कोर्ट ऑफ जस्टिस) शब्द द्योतक होता है :

(अ) उस कक्ष का जिसमें न्यायाधीश अपनी बैठक करता है

(ब) एक सिविल जज का न्यायालय

(स) ऐसे न्यायाधीश को जिसे केवल न्यायिकत: कार्य करने हेतु विधि द्वारा अधिकृत किया गया है

(द) उपरोक्त में से किसी का भी नहीं

भारतीय दंड संहिता भाग 1

45 – भारतीय दण्ड संहिता की किस धारा में लोक सेवक परिभाषित किया गया है ?

(अ) धारा 14

(ब) धारा 20

(स) धारा 21

(द) धारा 24

 

46 – निम्नांकित में से एक ‘लोक सेवक’ नहीं है :

(अ) परिसमापक

(ब) सिविल जज

(स) न्यायालय की सहायता कर रहा पंचायत सदस्य

(द) सहकारी समिति का सदस्य

 

47 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 21 के तहत निम्न में से कौन लोक सेवक’ नहीं है :

(अ) श्रम न्यायालय का न्यायाधीश

(ब) सरपंच

(स) नगरपालिका आयुक्त

(द) विश्वविद्यालय प्रोफेसर

 

48 – निम्नलिखित में से कौन संहिता की धारा 21 के अर्थ के अंतर्गत लोक सेवक नहीं है –

(अ) नगरपालिका आयुक्त

(ब) संसद

(स) विधायक

(द) विश्वविद्यालय का परीक्षक

 

49 – भा.द.सं. के अन्तर्गत चल संपत्ति को परिभाषित किया गया है :

(अ) धारा 21 में

(ब) धारा 22 में

(स) धारा 23 में

(द) धारा 24 में

 

50 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 22 की परिभाषा के अनुसार कौन-सी वस्तु चल संपत्ति नहीं है ?

(अ) मिट्टी

(ब) चेक

(स) वृक्ष

(द) तालाब

Ipc quiz in hindi part 1

51 – सदोष अभिलाभ से अभिप्रेत है –

(अ) विधिपूर्ण साधनों द्वारा ऐसी सम्पत्ति का अभिलाभ है जिसके लिए व्यक्ति हकदार नहीं है

(ब) विधिविरुद्ध साधनों द्वारा ऐसी सम्पत्ति का अभिलाभ है जिसका वैध रूप से हकदार अभिलाभ प्राप्त करने वाला व्यक्ति न हो

(स) विधिविरुद्ध साधनों द्वारा ऐसी सम्पत्ति का अभिलाभ है जिसके लिए अभिलाभ प्राप्त करने वाला व्यक्ति हकदार है

(द) उपर्युक्त सभी

52- सही उत्तर बताइये:

बेईमानीपूर्ण आशय से अभिप्राय है –

(अ) केवल अपने लिये सदोष लाभ का आशय

(ब) केवल किसी को सदोष हानि का आशय

(स) किसी को सदोष लाभ या सदोष हानि का आशय

(द) किसी को धोखा देने का आशय

 

53 – कपट के आवश्यक तत्व हैं :

(अ) बेईमानी एवं दुराशय

(ब) धोखा एवं क्षति

(स) क्षति एवं दुराशय

(द) सदोष क्षति एवं सदोष लाभ

 

54 – भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत कूटकरण परिभाषित है:

(अ) धारा 30 में

(ब) धारा 28 में

(स) धारा 29 में

(द) धारा 27 में

भारतीय दंड संहिता भाग 1

55 – ‘कपटपूर्ण’ को भारतीय दण्ड संहिता की किस धारा में “आशय से कपट करना लेकिन अन्यथा नहीं” के रूप में परिभाषित किया गया है:

(अ) धारा 20

(ब) धारा 23

(स) धारा 24

(द) धारा 25

भारतीय दंड संहिता भाग 1

56 – निम्नलिखित में कौन मूल्यवान प्रतिभूति नहीं है ?

(अ) किसी बीमाकृत पार्सल की डाक रसीद

(ब) एक किराया पत्र

(स) एक प्रॉमिसरी नोट (वचन पत्र)

(द) तलाक का विलेख पत्र

 

57 – असत्य कथन छांटिये –

(अ) मुखत्यारनामा दस्तावेज है

(ब) बैंकर पर दिया गया चैक दस्तावेज है

(स) साक्ष्य के रूप में उपयोग में लाये जाने हेतु आशयित मानचित्र दस्तावेज है

(द) कोरा कागज दस्तावेज है

(इ) वृक्ष की छाल पर बनाए हुए चिन्ह दस्तावेज है

58 – भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को परिभाषित किया गया है-

(अ) धारा 29 में

(ब) धारा 29क में

(स) धारा 29ख में

(द) धारा 29घ में 

 

59 – भारतीय दण्ड संहिता के प्रयोजनार्थ इस संहिता में किए गए कार्यों का निदेश करने वाले शब्दों :

(अ) से आशय केवल स्वेच्छापूर्वक किये गए कार्य से है

(ब) से आशय सभी प्रकार के लोपों से है।

(स) का विस्तार स्वेच्छया कार्यों एवं स्वेच्छया लोपों तक है।

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं

 

60 – निम्न में से अपराध विधि का कौन-सा सिद्धांत भा.द.सं. की धारा 34 में निहित है?

(अ) समान आशय

(ब) सामान्य उद्देश्य

(स) सामान्य उत्तरदायित्व

(द) सामान्य आशय

Ipc quiz in hindi part 1

61 – सामान्य आशय का अर्थ है:

(अ) एक जैसा आशय

(ब) वही आशय

(स) सभी द्वारा आशय में भागीदारी

(द) समान योजना

 

62 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 के अन्तर्गत ‘सामान्य आशय’ का अर्थ है:

(अ) बुरा आशय तथा विभिन्न अपराधों को करने हेतु बुरी योजना

(ब) दुराशय तथा अनुवर्ती कृत्य

(स) आपराधिक कृत्य को करने हेतु कई व्यक्तियों का अभिप्रेरण

(द) एक अपराध को करने के लिये मस्तिष्कों का पूर्ववर्ती मिलन

 

63 – निम्नलिखित में से किस प्रकरण में प्रिवी काउन्सिल ने ‘सामान्य आशय’ और ‘समान आशय’ के मध्य अन्तर स्थापित किया था ?

(अ) बिरेन्द्र कुमार घोष बनाम इम्परर

(ब) महबूब शाह बनाम किंग इम्परर

(स) श्रीनिवासमल बरौलिया बनाम इम्परर

(द) बन्नूमल बनाम इम्परर

64 – जबकि कोई आपराधिक कार्य कई व्यक्तियों द्वारा अपने सबके सामान्य आशय को अग्रसर करने में किया जाता है, तब :

(अ) ऐसा प्रत्येक व्यक्ति उस कार्य के लिये उत्तरदायी है

(ब) ऐसे व्यक्तियों में से प्रत्येक व्यक्ति उस कार्य के लिए उसी प्रकार दायित्व के अधीन है मानो वह कार्य अकेले उसी ने किया हो

(स) ऐसे प्रत्येक व्यक्ति अपने दोष के अनुसार उत्तरदायी है

(द) उपर्युक्त में से कोई सही नहीं है

भारतीय दंड संहिता भाग 1

65 – धारा 34 के अधीन सामान्य आशय का निम्न अर्थ है :

(अ) वही आशयन

(ब) एक समान आशय

(स) आशय जो आपराधिक कृत्य करने वाले लोगों को ज्ञात है तथा वे सभी उसमें भागीदार हैं

(द) एक समान उद्देश्य से दोषपूर्ण आशय

 

66 – सामान्य आशय से अभिप्राय है :

 (अ) दो या अधिक व्यक्तियों का एक ही आशय रखना

(ब) एक आशय के प्रति दो या अधिक व्यक्तियों में मस्तिष्कीय सहमति का होना तथा एक दूसरे की उसमें सहभागिताका

(स) दो या अधिक व्यक्तियों का एक सा आशय

(द) दो या अधिक व्यक्तियों में आशय की समानता

 

67 – किसी आपराधिक कार्य को करने में संयुक्त दायित्व के सिद्धांत की अपेक्षा है कि –

(अ) अपराधियों को अनुप्रमाणित करने वाला सामान्य आशय विद्यमान हो

(ब) विधिविरुद्ध जमाव के किसी सदस्य द्वारा जमाव के सामान्य आशय को अग्रसर करने में कोई अपराध किया गया हो

(स) अभियुक्त मात्र कार्य की तैयारी की योजना बनाने में सम्मिलित हुआ हो ।

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं 

भारतीय दंड संहिता भाग 1

68 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 के अंतर्गत संयुक्त दायित्व के संदर्भ में निम्नलिखित में से गलत को इंगित कीजिये:

(अ) सामान्य आशय का अर्थ है विचारों का पूर्ण मिलन

(ब) सामान्य आशय का अर्थ है उसका ज्ञान और उसमें भागीदारी

(स) सामान्य आशय का अर्थ है कि प्रत्येक अपराधी को न केवल आशय की जानकारी हो वरन् वे उससे सहमत

(द) सामान्य आशय का अर्थ है अपराधियों के बीच का बल

 

69 – सामान्य आशय से अभिप्रेत है:

(अ) समान आशय

(ब) पूर्व व्यवस्थित योजना 

(स) सामान्य जानकारी का होना

(द) सामान्य उद्देश्य के लिये सामान्य अभिसन्धि

 

70 – जब कोई आपराधिक कार्य कई व्यक्तियों द्वारा, अपने सबके सामान्य आशय को अग्रसर करने में किया जाता है, तब ऐसे व्यक्तियों में से हर व्यक्ति दायित्व के अधीन है:

(अ) मानो कार्य उसमें से प्रत्येक ने अकेले ही किया हो

(ब) केवल उस भाग के लिये जो प्रत्येक ने किया है

(स) कार्य के दुष्प्रेरण के लिये

(द) कार्य को करने के प्रयत्न के लिये

Ipc quiz in hindi part 1

71 – सामान्य आशय का सिद्धांत लागू होता है जबकि :

(अ) कम से कम 5 व्यक्ति लिप्त हों

(ब) ‘कम से कम 2 व्यक्ति लिप्त हों

(स) कम से कम 1 व्यक्ति लिप्त हो

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं

 

72 – भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 34 को लागू करने में निम्न में से क्या आवश्यक तत्व नहीं है –

(अ) सामान्य आशय

(ब) अपराध का कारित करना

(स) अभियुक्तों की संख्या 5 हो

(द) अपराध सामान्य आशय के अग्रसरण में हो

 

73 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 का निम्नलिखित में से कौन आवश्यक तत्व नहीं है ?

(अ) कई व्यक्तियों द्वारा आपराधिक कृत्य का किया जाना

(ब) आपराधिक कृत्य सामान्य आशय के अग्रसर करने में किया जाना

(स) आपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्तियों के मध्य पूर्व निर्धारित योजना का होना

(द) सामान्य उद्देश्य के अग्रसर करने में किया गया कृत्य

 

74 – निम्न में से किस बाद में प्रिवी काउन्सिल ने ‘सामान्य आशय’ एवं ‘समान आशय’ के मध्य अन्तर स्पष्ट किया था?

(अ) महबूब शाह बनाम किंग एम्परर

(ब) बिरेन्द्रकुमार घोष बनाम एम्परर

(स) श्रीनिवासमल बरोलिया बनाम एम्परर

(द) उपर्युक्त सभी प्रकरणों में

भारतीय दंड संहिता भाग 1

75 – निम्नलिखित में से किस वाद को सिंधु नदी वाद के नाम से जाना जाता है –

(अ) महबूब शाह का वाद

(ब) वीरेन्द्र कुमार घोष का वाद

(स) स्वर्णसिंह का वाद

(द) दुखमोचन पाण्डे का वाद

Ipc quiz in hindi part 1

76 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 को स्थापित करने के लिए:

(अ) सामान्य उद्देश्य सिद्ध किया जाता है, लेकिन प्रत्यक्ष कृत्य नहीं हैं

(ब) सामान्य उद्देश्य और प्रत्यक्ष कृत्य दोनों ही सिद्ध किये जाते हैं

(स) कोई सामान्य उद्देश्य नहीं लेकिन प्रयत्क्ष कृत्य सिद्ध किया जाता है

(द) उपर्युक्त सभी

 

77 – निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 का एक आवश्यक तत्व नहीं है ?

(अ) कोई आपराधिक कृत्य का किया जाना

(ब) आपराधिक कृत्य कई व्यक्तियों द्वारा किया गया हो

(स) आपराधिक कृत्य पाँच से अधिक व्यक्तियों द्वारा किया गया हो

(द) आपराधिक कृत्य सामान्य आशय के अग्रसरण में किया गया हो

 

78 – सामान्य आशय पर आधारित आपराधिक दायित्व का प्रावधान भारतीय दण्ड संहिता की किस धारा में है –

(अ) धारा 24

(ब) धारा 34

(स) धारा 21

(द) धारा 39

भारतीय दंड संहिता भाग 1

79 – निम्नलिखित में से संयुक्त दायित्व का कौन सा कार्य भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत स्वयं में अपराध नहीं है –

(अ) सामान्य उद्देश्य

(ब) सामान्य आशय

(स) दुष्प्रेरण

(द) आपराधिक षड्यंत्र

 

80 – भारतीय दण्ड विधान की धारा 34 निर्धारित करती है :

(अ) प्रतिस्थानिक उत्तरदायित्व

(ब) संयुक्त उत्तरदायित्व

(स) मूल अपराध

(द) एक स्वतंत्र अपराध

Ipc quiz in hindi part 1

81- भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 में सामान्य आशय के आधार पर दायित्व का उपबंध किया गया है।

निम्नलिखित परिस्थितियों पर विचार कीजिये :

(1) अपराध में प्रयुक्त आयुध A के घर में पाया गया ।

(2) A ने आपराधिक गिरोह की सहायता करने के लिये स्वेच्छा से आपराधिक आयुध प्राप्त किया था।

(3) A को, उसके प्राण लेने की धमकी देकर आपराधिक आयुध प्राप्त करने के लिये विवश किया गया था।

(4) आयुध उसके मूल्य की प्राप्ति पर दिया गया था (विक्रय)।

उपर्युक्त परिस्थितियों में से कौन सी धारा 34 के संबंध में उसकी सही स्थिति दर्शाती है :

(अ) 1 और 2

(ब) 2 और 3

(स) केवल 2

(द) केवल 4

 

82 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 के अंतर्गत नियम कि सभी अभियुक्तों को घटनास्थल पर शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक है, के अपवाद के रूप में कौन से अपराध आते हैं –

(अ) मानव शरीर के विरुद्ध अपराध

(ब) सम्पत्ति के विरुद्ध अपराध

(स) धर्म के विरुद्ध अपराध

(द) विवाह के विरुद्ध अपराध

 

83 – जब किसी व्यक्ति को मृत्यु की धमकी देकर उससे कोई अपराध कराया जाता है तो:

(ब) आपराधिक मनःस्थिति है

(अ) आपराधिक मनःस्थति नहीं है

(स) कोई अपराध नहीं होता है।

(द) न तो कोई आपराधिक मनःस्थिति है और न कोई अपराध होता है

 

84 – “एक्टस नॉन फैसिट रियम निसी मेन्स सिट रिया” से तात्पर्य है –

(अ) अपराध दोषी मस्तिष्क से जुड़ा हुआ है

(ब) बिना दोषी मस्तिष्क के कोई अपराध नहीं हो सकता

(स) अपराध दोषी मस्तिष्क का परिणाम है

(द) दोषी मस्तिष्क अपराध को अग्रसर करता है।

भारतीय दंड संहिता भाग 1

85 – यदि Actus non facit reum nisi mens sit rea आपराधिक विधि का मुख्य सिद्धांत है तो निम्नलिखित में से कौन सा कथन उपरोक्त सिद्धांत को सही ढंग से परावर्तित करता है –

(अ) Mens rea अपराध का आवश्यक तत्व है और Mens rea के बिना कोई अपराध नहीं हो सकता है

(ब) भारतीय विधि के अंतर्गत आपराधिक दायित्व में Mens rea हमेशा अंतर्वलित रहता है।

(स) अपराध घटित करने के लिए Actus reus और Mens rea होना चाहिये

(द) अपराध को गठित करने के लिए Actus reus हमेशा आवश्यक नहीं होता है

Ipc quiz in hindi part 1

86 – Actus Non Facit reum Nisi mens sitria (Mens Rea) नामक सूत्र को आधुनिक अपराध विधि में मान्यता दी गई –

(अ) आर वि. प्रिंस में जस्टिस गोडार्ड द्वारा

(ब) आर वि. क्वीन में जस्टिस ब्लेक बर्न द्वारा

(स) ब्रेण्ड वि. वूड में जस्टिस गोडार्ड द्वारा

(द) आर वि, टालसन में जस्टिस कोलरिज द्वारा

 

87 – “प्रत्येक अधिनियम में “दुराशय” अन्तर्निहित माना जाना चाहिए जब तक कि इसके विरुद्ध सिद्ध न कर दिया जाये,” यह सिद्धांत निम्नलिखित में से किस वाद में अभिनिर्धारित किया गया –

(अ) शेराज बनाम डी रूटजेन

(ब) क्वीन बनाम टॉल्सन

(स) काम बनाम प्रेसबी

(द) आर. बनाम प्रिन्स

 

88 – ‘अपराध’ परिभाषित है :

(अ) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 41 में

(ब) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 40 में

(स) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 42 में

(द) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 39 में

 

89 – ‘अपराध’ के मुख्य आवश्यक तत्व हैं :

(अ) हेतु, आपराधिक मन:स्थिति तथा आपराधिक कार्य

(ब) हेतु, आशय तथा ज्ञान

(स) आपराधिक मन:स्थिति एवं आपराधिक कार्य

(द) ज्ञान, आशय तथा कार्रवाई

 

90 – भारतीय दण्ड संहिता में ‘अवैध’ शब्द निम्नांकित में से किस पर लागू होता है ?

(अ) जो अपराध हो

(ब) जो विधि द्वारा प्रतिबद्ध हो

(स) जो सिविल कार्यवाही के लिए आधार उत्पन्न करती हो

(द) उपर्युक्त सभी पर

भारतीय दंड संहिता भाग 1

91 – अपराध की परिभाषा दी गई है :

(अ) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अध्याय-2 में

(ब) दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 2(n) में

(स) भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा-3 में

(द) उपर्युक्त सभी भारतीय दण्ड संहिता में

 

92 – ‘सद्भाव’ शब्द परिभाषित है :

(अ) धारा 44 में

(ब) धारा 51 में

(स) धारा 52 में

(द) धारा 52-क में

 

93 – भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत सद्भावपूर्वक से अभिप्रेत है :

(अ) सम्यक् सतर्कता और ध्यान के साथ किया गया कार्य

(ब) वह वास्तविक विश्वास कि किया गया कार्य विधि के विपरीत नहीं है

(स) कोई कार्य जो वस्तुतः ईमानदारी से किया गया है

(द) सद्भावयुक्त विश्वास के अधीन किया गया कार्य

 

94 – जब कई व्यक्तियों द्वारा आपराधिक कृत्य किया जाता है, तब :

(अ) केवल मुख्य अपराधी ही कृत्य के लिए उत्तरदायी है

(ब) केवल सक्रिय कर्ता ही कृत्य के लिए उत्तरदायी है

(स) प्रत्येक व्यक्ति आपराधिक कृत्य के लिए ऐसे ही उत्तरदायी होगा, जैसे उसने स्वयं ही अपराध किया हो

(द) उनमें से कोई भी उत्तरदायी नहीं होगा

भारतीय दंड संहिता भाग 1

95 – ‘क’ और ‘ख’, ‘ग’, की हत्या करने जाते हैं। ‘क’, हाथ में भाला लेकर रक्षा हेतु खड़ा रहा लेकिन उसने ‘ग’ को नहीं मारा। ‘ख’, ने ‘ग’ को मार डाला। इस मामले में :

(अ) केवल ‘ख’, ‘ग’ की हत्या के लिए उत्तरदायी है

(ब) ‘क’ और ‘ख’, दोनों ‘ग’ की हत्या के लिए उत्तरदायी हैं

(स) ‘क’ उत्तरदायी नहीं है क्योंकि उसने कोई अतिरिक्त कृत्य नहीं किया

(द) उपर्युक्त (अ) तथा (स) दोनों सही हैं

 

96 -विधिविरुद्ध जमाव के सदस्यों का, जो संयुक्त रूप से अपराध करते हैं, आपराधिक दायित्व निर्धारित करने वाले सिद्धान्त को इंगित कीजिए –

(अ) सामान्य उद्देश्य

(ब) सामान्य आशय

(स) समान षड़यंत्र

(द) दुष्प्रेरण

भारतीय दंड संहिता भाग 1

97 – भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत अपराधी को देय विभिन्न दण्डों का उल्लेख निम्नलिखित में से किस धारा में है –

(अ) धारा 52क

(ब) धारा 53क

(स) धारा 53

(द) धारा 60

 

98 – भा.द.सं. की धारा 53 में प्रावधानित आजीवन कारावास, आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित किया गया –

(अ) 1950 में

(ब) 1955 में

(स) 1949 में

(द) 1913 में

 

99 – भारतीय दण्ड संहिता के अधीन कितने प्रकार के दण्डों का प्रावधान है ?

(अ) एक

(ब) दो

(स) तीन

(द) पाँच

Ipc quiz in hindi part 1

100 – निम्नलिखित में से कौन सा दण्ड भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत नहीं दिया जा सकता है:

(अ) सम्पत्ति का समपहरण

(ब) कठोर श्रम के साथ कारावास

(स) आजीवन निर्वासन

(द) मृत्यु

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here