Home LAW भारतीय दंड संहिता भाग 4 | Ipc in hindi part 4

भारतीय दंड संहिता भाग 4 | Ipc in hindi part 4

3661
0

भारतीय दंड संहिता भाग 4 | Ipc in hindi part 4

Ipc in hindi part 4

1 – दुष्प्रेरण के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौनसा सही नहीं है –

(अ) दुष्प्रेरण का अपराध गठित होने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि दुष्प्रेरित कार्य किया जाये

(ब) यह आवश्यक नहीं है कि दुष्प्रेरित व्यक्ति अपराध करने के लिए विधि के अनुसार समर्थ हो

(स) दुष्प्रेरण का दुष्प्रेरण अपराध नहीं है

(द) किसी कार्य के अवैध लोप का दुष्प्रेरण अपराध की कोटि में आ सकता है

 

2 – ‘अ’, ‘ब’ को मिथ्या साक्ष्य देने के लिये उत्प्रेरित करता है । यहाँ यदि ‘ब’ मिथ्या साक्ष्य नहीं देता, तो ‘अ’:

(अ) किसी अपराध का दोषी नहीं है

(ब) मिथ्या साक्ष्य के दुष्प्रेरण का दोषी है

(स) मिथ्या साक्ष्य के लिये विहित अधिकतम दण्ड के एक चौथाई दण्ड एवं अर्थदण्ड के लिए दायी है

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं

भारतीय दंड संहिता भाग 4

3 – ‘क’ आपराधिक आशय से एक 6 वर्ष की उम्र के शिशु को चोरी के लिए दुष्प्रेरित करता है। परन्तु चोरी नहीं की गई। यहाँ :

(अ) क और शिशु दोनों को अभियोजित किया जा सकता है

(ब) क ने कोई अपराध नहीं किया है ।

(स) क ने चोरी का दुष्प्रेरण नहीं किया है

(द) क चोरी के दुष्प्रेरण हेतु दोषी है 

 

4 – क , ख को ‘ग’ की हत्या करने के लिए उकसाता है। परिणामस्वरूप ‘ख’, ‘ग’ को छूरा भोंक देता है किंतु ‘ग’ बच जाता है ‘क’ दोषी है –

(अ) हत्या का

(ब) हत्या के प्रयास का

(स) हत्या के प्रयास के दुष्प्रेरण का

(द) हत्या के दुष्प्रेरण का

 

5 – A,C की हत्या करने के लिए B को उकसाता है। B ऐसा करने से इंकार कर देता है। सही उत्तर बताइये:

(अ) A दोषी नहीं है क्योंकि B उससे प्रभावित नहीं हुआ है

(ब) A दोषी है क्योंकि इस बात का महत्व नहीं है कि जिस कार्य के लिए उकसाया गया है वह किया गया है अथवा नहीं

(स) A दोषी नहीं है क्योंकि यह आवश्यक नहीं है कि जिस कृत्य के लिए उकसाया गया है उसे कारित किया जाना चाहिए

(द) A दोषी है क्योंकि उसका मस्तिष्क दोषी है

Ipc in hindi part 4

6 – ‘ग’ की हत्या करने के लिए ‘ख’, को ‘क’ उकसाता है। किन्तु ‘ख’ वैसा करने से इंकार कर देता है। इसमें से क्या सही होगा :

(अ) ‘क’ दुष्प्रेरण करने के लिए दोषी नहीं होगा

(ब) ‘क’ हत्या के लिए ‘ख’ के दुष्प्रेरण का दोषी होगा

(स) ‘क’ एवं ‘ख’ दोनों दोषी होंगे

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं

 

7 – ‘x’ एक भारतीय नागरिक, अमेरिकन नागरिक ‘Y’ को अजमेर से अमेरिका में टेलिफोन द्वारा उकसाता है कि ‘Y’, ‘P’, अमेरिकन नागरिक की अमेरिका में हत्या कर दे । भारतीय दण्ड संहिता की किस धारा में ‘x’, ‘Y’ को उकसाने का दोषी है ?

(अ) धारा 107 में

(ब) धारा 108क में

(स) धारा 110 में

(द) धारा 110क में

भारतीय दंड संहिता भाग 4

8- ‘क’ भारत में ‘ख’ को, जो पाकिस्तान में एक विदेशी है, पाकिस्तान में हत्या करने के लिये उकसाता है। ‘ख’ हत्या कर देता है। इस मामले में :

(अ) क हत्या के दुष्प्रेरण का दोषी है

(ब) क किसी अपराध का दोषी नहीं है

(स) क हत्या का दोषी है

(द) उपरोक्त में से कोई सही नहीं है।

 

9 – दुष्प्रेरण पूर्ण है, जैसे ही –

(अ) दुष्प्रेरक ने दूसरे को अपराध करने के लिए उकसाया

(ब) उकसाये व्यक्ति ने कोई ऐसा दृष्टमान कार्य अपराध कारित करने हेतु किया

(स) दुष्प्रेरित अपराध कारित हो गया

(द) उपर्युक्त (ब) तथा (स) दोनों

 

10 – जो कोई किसी अपराध का दुष्प्रेरण करता है यदि दुष्प्रेरित कार्य दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया जाता है, तो उसे दण्डित किया जाएगा :

(अ) 2 वर्ष से अधिक नहीं

(ब) आजन्म कारावास से

(स) मृत्यु दण्ड से

(द) उस दण्ड से जो अपराध के लिये उपबंधित है

भारतीय दंड संहिता भाग 4

11 – ‘अ’ तथा ‘ब’, ‘स’ जो जहर देने का षड्यन्त्र करते हैं उस षड्यन्त्र के अनुसार ‘अ’ जहर लाता है तथा उसे ‘ब’ को देता है, जिससे ‘स’ को दिया जा सके। ‘ब’ उसे ‘अ’ की अनुपस्थिति में ‘स’ को देता है। ‘स’ मर जाता है ‘अ’ दोषी है:

(अ) केवल हत्या का

(ब) केवल दुष्प्रेरण का

(स) हत्या तथा षड्यन्त्र का

(द) षड्यन्त्र से हत्या के अपराध के दुष्प्रेरण का

 

12 – ‘M’, ‘N’ को उकसाता है कि ‘c’ का बलात्कार करने के लिए वह (N), ‘R’ को उकसाये। ‘N’ ‘R’ को उकसाता है और ‘R’, ‘c’ का बलात्कार करने का प्रयास करता है। ‘M’ :

(अ) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 के अन्तर्गत सजा पाने का भागी है।

(ब) जो भी सजा ‘R’ को मिलती है वही सजा पाने का भागी है

(स) किसी भी सजा का भागी नहीं है

(द) जो भी सजा ‘N’ को मिलती है वही सजा पाने का भागी है

Ipc in hindi part 4

13 – ‘ब’ को ‘स’ का घर जलाने के लिये ‘अ’ उकसाता है। ‘ब’ उस घर को आग लगा देता है और उसी समय वहाँ सम्पत्ति की चोरी करता है। इस मामले में :

(अ) ‘अ’ घर जलाने और चोरी करने का दोषी है

(ब) ‘अ’ घर जलाने के दुष्प्रेरण और चोरी करने का दोषी है

(स) ‘अ’ यद्यपि केवल घर जलाने के दुष्प्रेरण का दोषी है परंतु चोरी के दुष्प्रेरण का दोषी नहीं है

(द) ‘अ’ घर को जलाने के दुष्प्रेरण का दोषी है परन्तु चोरी करने का दोषी नहीं है

 

14 – सजा जिसके लिये कोई दुष्प्रेरक उत्तरदायी होता है :

(अ) हमेशा दुष्प्रेरित अपराध की सजा समान ही होती है

(ब) हमेशा दुप्रेरित अपराध की सजा से भिन्न ही होती है

(स) हमेशा दुप्रेरित अपराध की सजा से कम ही होती है 

(द) परिस्थितियाँ जैसे कि वास्तव में अपराध कारित होना, के अनुरूप या समान से कम सजा में बदलती रहती है

 

15. ‘क’, ‘ख’ को उकसाता है कि वह ‘ग’ को गम्भीर चोट पहुँचाये किन्तु ‘ख’ ने ‘ग’ को मार डाला इस प्रकार ‘क’:

(अ) हत्या के दुष्प्रेरण करने का दोषी है

(ब) आपराधिक मानववध के प्रेरण करने का दोषी है

(स) गम्भीर चोट पहुँचाने के दुष्प्रेरण का दोषी है

(द) किसी अपराध का दोषी नहीं है।

Ipc in hindi part 4

16 – ‘अ’, ‘स’ को पीटने के लिये ‘ब’ को उकसाता है। तत्पश्चात् ‘अ’ उस स्थान पर स्वयं पहुँच जाता है, जहाँ ‘ब’, ‘स’ को पीट रहा है । ‘अ’ दोषी है :

(अ) धारा 34 के अंतर्गत

(ब) धारा 109 के अंतर्गत

(स) धारा 114 के अंतर्गत

(द) धारा 115 के अंतर्गत

 

17 – क ने ख को ‘ग’ की हत्या के लिए प्रेरित किया और इस उद्देश्य के लिए उसने उसे एक रिवाल्वर उपलब्ध कराया। इस उकसावे के अनुसरण में ‘ख’, ‘क’ की उपस्थिति में ‘ग’ पर गोली दाग देता है। बताइये ‘ख’ दायी है:

(अ) दुष्प्रेरण के अपराध के लिए

(ब) हत्या के अपराध के लिए

(स) दुष्प्रेरण और हत्या दोनों के अपराध के लिए

(द) किसी अपराध के लिए नहीं

 

18- अब को झूठी गवाही देने के लिए उकसाता है, ‘ब’ झूठा साक्ष्य नहीं देता है। इस मामले में:

(अ) अ किसी अपराध का दायी नहीं है

(ब) अ उकसाने के द्वारा दुष्प्रेरण का दोषी है

(स) अ षड्यन्त्र करने के द्वारा दुष्प्रेरण का दायी है

(द) उपरोक्त में से किसी के लिए भी नहीं

Ipc in hindi part 4

19 – निम्नलिखित मामले में ‘क’ दुष्प्रेरण के अपराध के लिए दायित्वाधीन होगा :

(अ) जब वह ‘ख’ को ‘ग’ की हत्या करने के लिए दुष्प्रेरित करता है और ‘ख’, ‘ग’ की हत्या कर देता है

(ब) जब वह ‘ख’ को ‘ग’ की हत्या के लिए दुष्प्रेरित करता है और ‘ख’, ‘ग’ की हत्या करने से मना कर देता है

(स) जब वह ‘ख’ को जो कि एक पागल व्यक्ति है, ‘ग’ की मृत्यु कारित करने के लिए उकसाता है

(द) उपर्युक्त सभी मामलों में

 

20 – ‘क’, ‘ख’ को ‘ग’ की हत्या के लिए उकसाता है । ‘ख’, ‘ग’ पर आक्रमण करता है। ‘ग’ बच जाता है और केवल उसे साधारण चोट आती है। ‘क’ ने निम्न अपराध किया है :

(अ) कोई अपराध नहीं

(ब) अन्तर्गत धारा 323/109 भारतीय दण्ड विधान

(स) अन्तर्गत धारा 307/109 भा.द. विधान

(द) अन्तर्गत धारा 115 भारतीय दण्ड विधान 

Ipc in hindi part 4

21 –अ’ एक सार्वजनिक स्थान पर इश्तिहार चिपकाता है जिसमें 100 व्यक्तियों के एक सम्प्रदाय को विरोधी सम्प्रदाय के सदस्यों पर हमला करने के लिए एक स्थान पर मिलने हेतु उकसाया जाता है। ‘अ’ ने भारतीय दण्ड संहिता की निम्न धारा में अपराध किया है:

(अ) धारा 117

(ब) धारा 118

(स) धारा 115

(द) धारा 116

 

22 – कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना यदि अपराध नहीं किया जाए तो दण्ड होगा-

(अ) अपराध का

(ब) अपराध के दुष्प्रेरण का

(स) अपराध के लिए उपबन्धित 1/4 भाग का

(द) अपराध के लिए उपबन्धित 1/8 भाग का

23 – आपराधिक षड्यंत्र निम्नलिखित किस अवधारणा से संबंधित है –

(अ) आपराधिक आशय

(ब) आपराधिक सहमति

(स) आपराधिक उद्देश्य

(द) आपराधिक न्यास भंग

भारतीय दंड संहिता भाग 4

24 – आपराधिक षड्यंत्र की परिभाषा भारतीय दण्ड संहिता में दी गई है :

(अ) धारा 121 में

(ब) धारा 120-A में

(स) धारा 120-B में

(द) धारा 124-A में

 

25 – आपराधिक षड्यन्त्र के लिए दण्ड इसमें दिया गया है –

(अ) धारा 120-ख भारतीय दण्ड संहिता

(ब) धारा 124 भारतीय दण्ड संहिता

(स) धारा 120-क भारतीय दण्ड संहिता

(द) धारा 121-क भारतीय दण्ड संहिता

Ipc in hindi part 4

26 – जब दो या अधिक व्यक्ति कोई अवैध कार्य अथवा कोई ऐसा कार्य जो अवैध नहीं है, अवैध साधनों द्वारा करने या करवाने को सहमत होते हैं तक ऐसा करार :

(अ) आपराधिक षड्यंत्र होता है

(ब) आपराधिक दुष्प्रेरण होता है

(स) आपराधिक षड्यत्र एव दुष्प्रेरण दोनो होता है

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं

27- कोई करार (सहमति) ‘आपराधिक षड्यंत्र’ कहलाती है, यदि :

(अ) दो या अधिक व्यक्ति किसी अवैध कृत्य को करने के लिए सहमत होते हैं।

(ब) यदि करार (सहमति) के अनुसरण में उसके सभी पक्षकारों द्वारा कोई अवैध कार्य किया जाता है

(स) यह सहमति के अनुसरण में उसके कम-से-कम एक पक्षकार द्वारा कोई अवैध कार्य किया जाता है

(द) दो या अधिक व्यक्ति दूषित मंतव्य से अचानक प्रकोपन पर अपराध करते हैं

भारतीय दंड संहिता भाग 4

28 – षड्यंत्र के अपराध में :

(अ) कम से कम पाँच व्यक्ति होने चाहिये।

(ब) कम से कम तीन व्यक्ति होने चाहिये

(स) कम से कम दो व्यक्ति होने चाहिये

(द) केवल एक व्यक्ति भी हो सकता है

 

29- आपराधिक षड्यन्त्र का अपराध गठित करने के लिए कौन-सी आवश्यक शर्त पूरी की जानी चाहिए :

(अ) दो या अधिक व्यक्तियों की पहले बैठक होना आवश्यक है

(ब) दो या अधिक व्यक्ति कोई अवैध कार्य करने का या विधिक कार्य को अवैध साधनों द्वारा करने का करार करें

(स) कोई व्यक्ति दो या अधिक व्यक्तियों की सहायता से अवैध कार्य करता है

(द) दो या अधिक व्यक्ति दूषित मंतव्य से अचानक प्रकोपन पर अपराध करते हैं

 

30 – ‘आपराधिक षड्यंत्र’ गठित करने के लिए क्या आवश्यक नहीं है ?

(अ) दो या दो से अधिक व्यक्ति

(ब) पाँच या पाँच से अधिक व्यक्ति

(स) अवैध कार्य को या कार्य को अवैध साधनों से करने का करार

(द) यदि कार्य अपराध नहीं है तो करार के अनुसरण में कोई कार्य करना

भारतीय दंड संहिता भाग 4

31 – आपराधिक षड्यन्त्र दो या अधिक व्यक्तियों के बीच सहमति है :

(अ) कोई अवैध कार्य करने या करवाने की

(ब) कोई अवैध कार्य करने या करवाने की, या कोई ऐसा कार्य जो अवैध नहीं है, अवैध साधनों द्वारा करने या करवाने की

(स) कोई अवैध कार्य को अवैध साधनों से करने या करवाने की

(द) अपराध कारित करने की

32 – आपराधिक षड्यंत्र के अपराध हेतु यह आवश्यक है कि कोई और कार्य :

(अ) सदैव पक्षकारों की सहमति के अनुसरण में किया जावे

(ब) किया जाना कतई आवश्यक नहीं

(स) किया जाना केवल उसी स्थिति में आवश्यक है, जबकि वह सहमति किसी अवैध कार्य करने हेतु है।

(द) उपर्युक्त में से कोई भी सही नहीं

भारतीय दंड संहिता भाग 4

33  -आपराधिक षड्यन्त्र की बाबत् निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये व सही कथन बताइए :

(1) अपराध करने के लिए करार सदैव होना चाहिए ।

(2) करार दो या अधिक व्यक्तियों के बीच होना चाहिए।

(3) सदैव विधिविरुद्ध साधनों का उपयोग होना चाहिए।

(4) करार विधि द्वारा प्रतिषिद्ध किसी कार्य के लिए हो सकता है।

(अ) 1 और 2

(ब) 2 और 4

(स) 1 और 3

(द) 3 और 4

34 – ‘x’ और ‘Y’ विष द्वारा ‘Z’ की हत्या कारित करने के लिये सहमत होते है और Y’ द्वारा विष लाया जाना था जो ‘Y’ नहीं लाया । ‘x’ और ‘Y’ दोषी हैं :

(अ) हत्या के षड्यंत्र द्वारा दुष्प्रेरण के लिये

(ब) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 की सहायता से हत्या के प्रयत्न के लिये

(स) किसी अपराध के लिये नहीं

(द) ‘X’ की हत्या के आपराधिक षड्यंत्र के लिये

 

35 – ‘क’ और ‘ख’ विष देकर ‘ग’ की हत्या करने के लिए सहमत हये जिसके लिये ‘ख’ को विष उपाप्त करना था किंतु उसने विष उपाप्त नहीं किया ‘क’ और ‘ख’ दोषी हैं –

(अ) षड्यंत्र द्वारा हत्या के दुष्प्रेरण के

(ब) धारा 34 की सहायता से हत्या के प्रयास के

(स) किसी भी अपराध के नहीं

(द) ‘ग’ की हत्या के आपराधिक षड्यंत्र के

Ipc in hindi part 4

36 – ‘A’, ‘B’ से सहमत होता है कि वह ‘B’ की परीक्षा में नकल करने में मदद करेगा, यह है :

(अ) आपराधिक षड्यन्त्र

(ब) दुष्प्रेरण

(स) सामान्य आशय

(द) सामान्य उद्देश्य 

 

37 – आपराधिक षड्यंत्र का अपराध यही नहीं है कि वह कार्य या प्रयोजन किया गया हो जिसके लिये षड्यंत्र किया गया था । अपराध है पक्षकारों का मिलकर एक योजना तैयार करना आपराधिक षड्यंत्र –

(अ) एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति की मौनानुकूलता से किया गया साशय कार्य

(ब) दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा कोई अवैध कार्य करने या विधिसम्मत कार्य को अवैध साधनों से करने की सहमति है

(स) दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा अवैध उद्देश्य प्राप्त करने का सामान्य आशय है

(द) दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा किसी अवयस्क को अपराध करने के लिये उत्प्रेरित करना

भारतीय दंड संहिता भाग 4

38- भारतीय दण्ड संहिता के किस प्रावधान में ‘आपराधिक षड्यन्त्र’ के लिए दण्ड दिया गया है ?

(अ) धारा 120-B

(ब) धारा 124

(स) धारा 120-A

(द) धारा 121-A

39- भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120-B के तहत दण्ड केवल उन्हीं अपराधों के लिए दिया जाता है जो अपराध दण्डनीय है :

(अ) 1 वर्ष या अधिक के कठोर कारावास से

(ब) 2 वर्ष या अधिक के साधारण कारावास से

(स) 2 वर्ष या अधिक के कठोर कारावास से

(द) 3 वर्ष या अधिक के साधारण कारावास से

भारतीय दंड संहिता भाग 4

40 – ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ ने एक अपराध कारित करने हेतु षड्यन्त्र रचा । बाद में ‘क’ और ‘ख’ ने योजना को छोड़ दिया लेकिन ‘ग’ ने वह अपराध कारित किया । जब ‘ग’ को गिरफ्तार किया गया, तो उसने ‘क’ और ‘ख’ का नाम भी लिया। अपने बचाव में ‘क’ और ‘ख’ ने कहा कि उन्होंने विचार स्थगित कर दिया था और वे अपराध में शामिल नहीं थे । इसमें किसे दण्डित किया जाएगा?

(अ) आपराधिक षड्यन्त्र के लिए किसी को दण्डित नहीं किया जा सकता

(ब) केवल ‘ग’ को दण्डित किया जा सकेगा

(स) ‘क’, ‘ख’ एवं ‘ग’ आपराधिक षड्यन्त्र के लिए दण्डित किये जायेंगे

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं

 

41 – ‘अ’ तथा ‘ब’ ने मिलकर ‘स’ के भोजन में जहर मिलाकर ‘स’ को मारने की योजना बनाई। परन्तु उन्होंने योजना को क्रियान्वित नहीं किया । क्या वे किसी अपराध के दोषी हैं ?

(अ) हाँ, आपराधिक षड्यंत्र के अपराध के

(ब) नहीं, वे उत्तरदायी नहीं है

(स) दुष्प्रेरण के दोषी हैं

(द) विधिविरुद्ध जमाव के दोषी हैं

42  – भा.द.सं. की धारा 121 किस अपराध/अपराधों को दंडित करती है –

(अ) भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना, उसका प्रयत्न व दुष्प्रेरण

(ब) भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना, उसका प्रयत्न व षड़यंत्र

(स) भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना, उसका प्रयत्न, दुष्प्रेरण व षड़यंत्र

(द) उपरोक्त में से किसी को भी नहीं

ipc objective questions in hindi

43 – भारतीय दण्ड संहिता की किस धारा में ‘राजद्रोह’ को परिभाषित किया गया है :

(अ) धारा 122 में

(ब) धारा 123 में

(स) धारा 124 में

(द) धारा 124-क में

 

44 – राजद्रोह का सार है:

(अ) आशय

(ब) अपराधी की प्राप्तियां

(स) परिणाम

(द) परिणाम एवं अपराधी की प्राप्तियाँ दोनों

45 – राजद्रोह होता है:

(अ) लोगों को सरकारी राजस्व का संदाय न करने के लिये प्रेरित करने से

(ब) किसी विशिष्ट दल में सम्मिलित होने के लिये प्रेरित करने से

(स) घृणा प्रदीप्त किए बिना या प्रदीप्त करने का प्रयत्न किए बिना सरकार के प्रशासनिक कामों का अनुमोदन प्रकट करने से

(द) सार्वजनिक सभा में राजद्रोहात्मक कविता पढ़ने से

ipc objective questions in hindi

46 – निम्नलिखित में से कौनसा ‘राजद्रोह’ के लिए आवश्यक तत्व है ?

(अ) बेईमानी का आशय

(ब) दुर्भावनापूर्ण आशय

(स) बोले गये शब्द लोक व्यवस्था को भंग करने का कारण हो

(द) बोले गये शब्द सरकार के प्रति अप्रीति प्रदीप्त करने के लिए अवश्य पर्याप्त हों

 

47 – निम्नलिखित में से कौन सा एक राजद्रोह का आवश्यक संघटक है :

(अ) बेईमानीपूर्ण आशय

(ब) विद्वेषपूर्ण आशय

(स) बोले गए शब्दों द्वारा हिंसा के कार्यों से लोक अव्यवस्था कारित हो

(द) बोले गए शब्द सरकार के प्रति अप्रीति प्रदीप्त करने में समर्थ हो

भारतीय दंड संहिता भाग 4

48 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 124-क में प्रयुक्त शब्द ‘दुर्भावना’ में शामिल है :

(अ) केवल अभक्ति

(ब) अभक्ति तथा दुश्मनी की बुरी भावना

(स) केवल दुश्मनी की बुरी भावना

(द) घृणा अथवा अवमानना

 

49 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 124-A में प्रयुक्त ‘द्रोह’ या ‘अप्रीति’ में :

(अ) अभक्ति तथा विद्वेष की दुर्भावना शामिल है

(ब) केवल अभक्ति शामिल है

(स) केवल विद्वेष की दुर्भावना शामिल है

(द) सरकार की कार्यवाही की निन्दा शामिल है

ipc objective questions in hindi

50. निम्न में से कौन-सा राजद्रोह के रूप में दण्डनीय है ?

(अ) वैधानिक प्राधिकारी एवं विधि का पालन नहीं करने के लिए जनता को भड़काना

(ब) सरकार की नीतियों पर प्रकाशन द्वारा आक्रमण

(स) सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भयंकर आलोचना करना

(द) मंत्री को सत्ता से हटाने का प्रयास करना

 

51 – निम्नांकित में से राजद्रोह के रूप में दण्डनीय कौन सा है ?

(अ) सरकार को उलट देने के लिये उनकी कठोर आलोचना

(ब) लोगों की विधि और विधिक प्राधिकार का आज्ञानुवर्तन समाप्त करने को उत्प्रेरित करना

(स) सरकार की नीतियों पर प्रचार आक्रमण

(द) मंत्रियों का पद से हटाने का प्रयत्न

 

52 – जो कोई शब्दों द्वारा विधि स्थापित सरकार के विरुद्ध अप्रीति प्रदीप्त करता है:

(अ) सरकार के अवमान का अपराध करता है

(ब) राज्य के विरुद्ध आपराधिक षड्यंत्र का अपराध करता है।

(स) युद्ध करने के दुष्प्रेरण का अपराध करता है

(द) राजद्रोह का अपराध करता है

Ipc in hindi part 4

53- भारतीय दण्ड संहिता की धारा 124-A के अंतर्गत राजद्रोह के अपराध की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी:

(अ) रघुवीर सिंह बनाम बिहार राज्य में

(ब) मीर हसन खान वाद में

(स) केदारनाथ बनाम बिहार राज्य में

(द) रामनारायण वाद में

 

54 – धारा 124-A (राजद्रोह) भा.द.सं. में –

(अ) प्रारंभ से ही है

(ब) प्रारंभ से नहीं है

(स) 1870 के संशोधन द्वारा सम्मिलित की गई है

(द) उपरोक्त (ब) एवं (स) दोनों सही हैं

 

55 – यदि भारतीय सेना का कोई जवान अभित्याग के पश्चात् अपनी पत्नी क मकान म उसका सहायता से छिपता है तब :

(अ) उसकी पत्नी अभित्याजक को संश्रय देने के अपराध की दायी नहीं होगा

(ब) उसकी पत्नी अभित्याजक को संश्रय देने के अपराध की दायी होगी

(स) उसकी पत्नी एक जवान के अपराध के दुष्प्रेरण हेतु दायी होगी

(द) उसका पत्नी एक जवान को अपने कर्तव्यों से विचलित करने के अपराध की दायी होगी

ipc objective questions in hindi

56 – विधिविरुद्ध जमाव है :

(अ) लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराध

(ब) व्यक्तिगत प्रशांति के विरुद्ध अपराध

(स) राज्य के विरुद्ध अपराध

(द) ख्याति के विरुद्धअपराध

 

57 – विधिविरुद्ध जमाव को परिभाषित किया गया है भारतीय दण्ड संहिता की धारा :

(अ) 104 में

(ब) 141 में

(स) 144 में

(द) 148 में

 

58 -अवैध जमाव’ के लिए कम से कम :

(अ) दस

(ब) सात

(स) पाँच

(द) तीन व्यक्तियों का होना आवश्यक है।

Ipc in hindi part 4

59 – निम्नलिखित में से कौन ‘विधिविरुद्ध जमाव’ का आवश्यक तत्व नहीं है :

(अ) पाँच या अधिक व्यक्ति

(ब) सामान्य उद्देश्य

(स) सामान्य आशय

(द) विधि या विधिक प्रक्रिया के निष्पादन का प्रतिरोध

60 – निम्नलिखित में से कौन-सा कथन विधिविरुद्ध जमाव की सही परिभाषा है :

(अ) पाँच या अधिक व्यक्तियों का जमाव

(ब) पाँच या अधिक व्यक्तियों का जमाव जो घातक शस्त्रों से सज्जित हो

(स) पाँच या अधिक व्यक्तियों का जमाव जिसका सामान्य उद्देश्य अपराध करना है

(द) दो या अधिक व्यक्तियों का जमाव जिसका सामान्य उद्देश्य आपराधिक कृत्य करना है

भारतीय दंड संहिता भाग 4

61 – निम्नलिखित में लोक शान्ति के विरुद्ध अपराध है :

(अ) अपहरण

(ब) विधिविरुद्ध जमाव

(स) लूट

(द) जारकर्म

 

62 – भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य होने की सजा का उल्लेख किया गया है :

(अ) धारा 141 में

। (ब) धारा 142 में

(स) धारा 143 में

(द) धारा 146 में

 

63. जो कोई विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य होगा वह भारतीय दण्ड विधान की निम्न धारा में दण्डित किया जाएगा:

(अ) धारा 142

(ब) धारा 143

(स) धारा 144

(द) धारा 147

ipc objective questions in hindi

64 – सही उत्तर बताईये : – कोई भी जो विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य है, वह दण्डित किया जा सकता है:

(अ) दो माह तक की सजा के लिए

(ब) चार माह तक की सजा के लिए

(स) छ: माह तक की सजा के लिए

(द) नौ माह तक की सजा के लिए

 

65 – निम्नलिखित में से कौनसी धारा ‘बलवा’ को परिभाषित करती है:

(अ) 141

(ब) 142

(स) 145

(द) 146 

Ipc in hindi part 4

66 – पाच या उससे अधिक सदस्यों के जमाव द्वारा उस जमाव के सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में की गयी हिंसा का प्रयोग गठित करेगा:

(अ) दंगा

(ब) हमला

(स) बल्वा

(द) विधिविरुद्ध जमाव

 

67 – किसी ग्राम के एक मकान की छत पर 4 से अधिक व्यक्तियों का एक समूह एकत्रित होता है। उसके पास की एक अन्य छत पर उसी समय पाँच अन्य व्यक्तियों का दूसरा समूह एकत्रित होता है। उसके उपरान्त दोनों समूह एक दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं। क्या यह निम्न में से किसी भी अपराध के लि दोषी होंगे:

(अ) विधिविरुद्ध जमाव

(ब) बल्वा (रायटिंग)

(स) दंगा (अप्रै)

(द) इन तीनों में से किसी के लिये भी नहीं

भारतीय दंड संहिता भाग 4

68 – बल्वा के अपराध में कौन-सा तत्व आवश्यक नहीं है :

(अ) 5 या अधिक व्यक्तियों का अवैध समुदाय

(ब) धारा 141 में दिए अनुसार अवैध उद्देश्य इस अवैध समुदाय का

(स) अभियुक्त का इस अवैध समुदाय का सदस्य होना

(द) सार्वजनिक स्थान पर बल्वा कर आम शान्ति भंग करना

 

69 – ‘बल्वा’ के मामलों में निम्नलिखित में से क्या आवश्यक नहीं है :

(अ) एक विधिविरुद्ध जमाव

(ब) बलवा करने में अग्रसर सभी सदस्यों द्वारा हिंसा का प्रयोग

(स) बल्वा करने में अग्रसर सदस्यों में से किसी एक द्वारा हिंसा का प्रयोग

(द) सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में हिंसा या बल का प्रयोग 

 

70 – ‘बल्वा’ के लिए निम्नलिखित में से कौन सा सही है –

(अ) वास्तविक बल अथवा हिंसा प्रयोग में लाई गई हो

(ब) ‘बल’ का प्रदर्शन मात्र पर्याप्त है

(स) खतरनाक हथियार को कब्जे में रखना मात्र पर्याप्त है

(द) उपर्युक्त सभी 

भारतीय दंड संहिता भाग 4

71 – बल्वा का कार्य तब नही होगा जब –

(अ) पचास व्यक्ति किसी शांतिपूर्ण सम्मेलन में भाग लेने आए थे अचानक वे चिल्लाना शुरू करते हैं

(ब) 15 व्यक्ति आक्रमण करते हैं

(स) 10 विद्यार्थियों का समूह दूसरे 15 विद्यार्थियों के समूह के साथ जबरदस्ती एक गाय को कोतवाली से छुड़ा कर लाते हैं

(द) इसमें से कोई नहीं

 

72 –‘बल्वा’ के दोषी व्यक्ति को कितने वर्ष के कारावास से दण्डित किया जा सकता है:

(अ) 6 माह

(ब) 2 वर्ष

(स) 3 वर्ष

(द) केवल जुर्माना द्वारा 

 

73 – घातक आयुधों से सज्जित होकर बल्वा करना भा.द.सं. के तहत दण्डनीय है :

(अ) धारा 159 में

(ब) धारा 146 में

(स) धारा 147 में

(द) धारा 148 में

भारतीय दंड संहिता भाग 4

74 – गलत उत्तर इंगित कीजिये –

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 149 के अधीन दायित्व की आवश्यक शर्ते है :

(अ) सामान्य उद्देश्य का अस्तित्व में होना

(ब) कार्य का विधिविरुद्ध जमाव के एक सदस्य द्वारा किया जाना

(स) कार्य का सामान्य आशय को अग्रसर करते हुए किया जाना

(द) कार्य का विधिविरुद्ध जमाव के सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करते हुए किया जाना

 

75 – भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 149 :

(अ) एक घोषणात्मक प्रावधान है

(ब) एक भिन्न अपराध उत्पन्न करता है

(स) साक्ष्य का एक नियम है

(द) उपर्युक्त सभी

Ipc in hindi part 4

76- ‘सामान्य उद्देश्य’ भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत किस धारा के अधीन अपराध में आवश्यक है :

(अ) धारा 159

(ब) धारा 149

(स) धारा 107

(द) धारा 120ख

 

77 – एक आपराधिक कार्य करने के संयुक्त दायित्व के सिद्धांत की अपेक्षा है कि :

(अ) अभियुक्त मात्र कार्य करने की तैयारी की योजना बनाने में सम्मिलित हुआ हो

(ब) अपराधियों को अनुप्रमाणित करने वाला सामान्य आशय विद्यमान हो

(स) विधिविरुद्ध जमाव के किसी सदस्य द्वारा जमाव के सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में कोई आपराधिक कार्य किया गया हो

(द) सामान्य आशय के विरचन और आपराधिक कार्य के किये जाने के बीच समय का लम्बा अंतराल हो ।

भारतीय दंड संहिता भाग 4

78 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 149 जिसका संबंध संयुक्त दायित्व से है, के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है :

(अ) आपराधिक कृत्य विधिविरुद्ध जमाव अथवा उसके किसी सदस्य द्वारा किया गया हो

(ब) आपराधिक कृत्य ऐसा है, जिसके कारित किए जाने की संभाव्यता का ज्ञान विधिविरुद्ध जमाव के सदस्यो को है

(स) आपराधिक कृत्य विधिविरुद्ध जमाव के सामान्य उद्देश्यों के अग्रसर के दौरान किया गया हो

(द) अभियुक्त आपराधिक कृत्य किए जाते समय विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य रहा हो

 

79 – निम्नलिखित में से कौन सा एक कथन भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34 और 149 के संदर्भ में सही है –

(अ) सामान्य आशय और सामान्य उद्देश्य एक ही हैं

(ब) दोनों अपने आप में सुभिन्न अपराध हैं

(स) धारा 34 में केवल दायित्व का सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है, किसी अपराध का सृजन नहीं किया गया है, जबकि धारा 149 एक विनिर्दिष्ट अपराध का सृजन करती है

(द) धारा 34 और धारा 149 पारस्परिक सहायता करने वाली धाराएँ हैं

 

80 – भारतीय दण्ड संहिता, की धारा 149 के क्या आवश्यक तत्व हैं ?

(1) अपराध करने का संभाव्य ज्ञान

(2) सामान्य आशय

(3) धारा 141 में वर्णित अवैध उद्देश्य

(4) अपराध करने में सक्रिय भागीदारी कूट:

(अ) 1, 3 और 4

(ब) 2 और 4

(स) 3 और 4

(द) 1, 2 और 3

भारतीय दंड संहिता भाग 4

81 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 149 के क्या आवश्यक तत्व हैं –

(अ) सामान्य उद्देश्य

(ब) धारा 141 में वर्णित अवैध उद्देश्य

(स) अपराध करने में सक्रिय भागीदारी

(द) अपराध करने का संभाव्य ज्ञान

 

82 – सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने के लिए कम से कम कितने व्यक्ति होने चाहिए :

(अ) 2

(ब) 4

(स) 5

(द) 10

 

83 – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 149 को प्रयुक्त करने के लिए :

(अ) अपराधी को अविधिक जमाव का सदस्य होना चाहिए

(ब) सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में अपराध कारित होना चाहिए

(स) उपर्युक्त दोनों (अ) और (ब)

(द) या तो (अ) या (ब)

ipc objective questions in hindi

84 – भारतीय दण्ड संहिता की निम्नलिखित धाराओं में से कौनसी धारा प्रतिनिधिक दायित्व से सम्बन्धित है :

(अ) धारा 120-क

(ब) धारा 121

(स) धारा 154 

(द) धारा 159

 

85 – धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन करने को भारतीय दण्ड संहिता की किस धारा में दंडित किया जाता है :

(अ) धारा 151

(ब) धारा 153

(स) धारा 153-A

(द) धारा 153-B

Ipc in hindi part 4

86 – भारतीय दण्ड संहिता, राष्ट्रीय अखण्डता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन प्राख्यानों को अपराध घोषित करता है:

(अ) धारा 153 में 

(ब) धारा 153-A में 

(स) धारा 153-B में

(द) धारा 154 में

 

87 – वर्गों में घृणा फैलाना अपराध है:

(अ) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 121-A के अंतर्गत

(ब) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 124-A के अंतर्गत

(स) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153-A के अंतर्गत

(द) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153-B के अंतर्गत 

भारतीय दंड संहिता भाग 4

88 – ‘दंगा करने के लिए कम से कम :

(अ) पाँच

(ब) दो

(स) दस

(द) ग्यारह

व्यक्तियों का होना आवश्यक है।

 

89 – ‘दंगा’ का अपराध गठित करने के लिए, निम्नलिखित में से क्या आवश्यक है :

(अ) कम-से-कम पाँच लोगों को आपस में लड़ना

(ब) सार्वजनिक स्थान में लड़ना

(स) किसी बाजार में लड़ना

(द) हथियारों का प्रयोग करना

 

90 –दंगा के अपराध के लिये निम्न में से क्या आवश्यक नहीं है :

(अ) व्यक्तियों की संख्या दो या दो से अधिक हो

(ब) व्यक्ति विधिविरुद्ध जमाव के सदस्य हों

(स) लड़ाई लोक स्थान पर हो

(द) लोक शांति भंग होती है

भारतीय दंड संहिता भाग 4

91 – गलत जोड़ी चुनिये:

(अ) आपराधिक षड्यंत्र – 2 या अधिक

(ब) विधिविरुद्ध जमाव – 5 या अधिक

(स) बल्वा – 5 या अधिक

(द) दंगा – 5 या अधिक

 

92 – वास्तव में लड़े बिना दो भाई मार्ग पर एक दूसरे को गाली दे रहे थे। वहाँ भीड़ जमा हो गई और यातायात रुक गया । ये दोनों भाई दोषी हैं :

(1) दंगा करने के

(2) बलवा करने के

(3) रिष्टि के

(4) इनमें से कोई नहीं निम्नलिखित कूट की सहायता से सही उत्तर चुनिये :

(अ) 1 और 2

(ब) 2 और 3

(स) 1

(द) 4

Ipc in hindi part 4

93 – घर में शराब पीने पर प्रतिबन्ध नहीं है। सार्वजनिक बगीचे में शराब पीना एक अपराध है क्योंकि परिस्थितिजन्य आपराधिक कार्य का सम्बन्ध है :

(अ) समय से

(ब) स्थान से

(स) व्यक्ति से

(द) व्यक्ति तथा स्थान दोनों से

 

94 – यह प्राइवेट स्थान पर नहीं किया जा सकता है :

(अ) हत्या

(ब) बल्वा

(स) हमला

(द) दंगा

95 – निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है :

(अ) बल्वा करना और दंगा भा.द.सं. की धारा 146 और 159 में क्रमशः परिभाषित है

(ब) बल्चा अवश्य ही लोक स्थान पर होना चाहिए, दंगा किसी भी स्थान पर हो सकता है

(स) बल्वा करना दो वर्ष के कारावास से दण्डनीय है, दंगा एक माह तक के कारावास से दंडनीय है

(द) बल्वा 5 या अधिक व्यक्तियों द्वारा होता है, दंगा 2 या अधिक व्यक्तियों द्वारा होता है

Ipc in hindi part 4

96 – ‘रिश्वत’ परिभाषित है :

(अ) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 170 में

(ब) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171-B में

(स) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171-D में

(द) भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171-E में

 

97 – भारतीय दण्ड संहिता की कौनसी धारा ‘निर्वाचन में प्रतिरूपण’ को परिभाषित करती है ?

(अ) धारा 171-क

(ब) धारा 171-ख

(स) धारा 171-ग

(द) धारा 171-घ

 

98 – लोक सेवक द्वारा प्रख्यापित आदेश अन्तर्गत धारा 144 दण्ड प्रक्रिया या संहिता की अवज्ञा भारतीय दण्ड विधान की निम्न धारा के अधीन दण्डनीय अपराध है :

(अ) धारा 188

(ब) धारा 186

(स) धारा 187

(द) धारा 151 दण्ड प्रक्रिया संहिता

 

99 – शपथ द्वारा या विधि के अभिव्यक्त उपबंध द्वारा सत्य कथन करने के लिये वैध रूप से आबद्ध होते हुए मिथ्या कथन करना कहलाता है :

(अ) मिथ्या साक्ष्य देना

(ब) मिथ्या साक्ष्य गढ़ना

(स) साक्ष्य का विलोपन

(द) इनमें कोई नहीं

ipc objective questions in hindi

100 – मिथ्या साक्ष्य देने का अपराध परिभाषित है भारतीय दण्ड संहिता की:

(अ) धारा 181

(ब) धारा 182

(स) धारा 191

(द) धारा 192

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here