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प्राइवेट व्यक्ति द्वारा गिरफ़्तारी | Crpc 43

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प्राइवेट व्यक्ति द्वारा गिरफ़्तारी | Crpc 43

Crpc 43

इस आर्टिकल में मै आपको दंड प्रक्रिया संहिता की बहुत ही महत्वपूर्ण धारा 43  के बारे में बताने का प्रयास कर रहा हूँ . आशा करता हूँ की मेरा यह प्रयास आपको पसंद आएगा . तो चलिए जान लेते हैं की –

क्या प्राइवेट व्यक्ति द्वारा गिरफ़्तारी की जा सकती है ?

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 43 उन परिस्थितियों को बताती है जब प्राइवेट व्यक्ति द्वारा गिरफ़्तारी की जा सकती है –

(1) कोई प्राइवेट व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति को जो उसकी उपिस्थित में अजमानतीय और संज्ञेय अपराध करता है, या किसी उदघोषित अपराधी को गिरफ्तार कर सकता है या गिरफ्तार करवा सकता है और ऐसे गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को अनावश्यक विलंब किये बिना पुलिस अधिकारी के हवाले कर देगा या हवाले करवा देगा , पुलिस अधिकारी की अनुपस्थिति में ऐसे व्यक्ति को अभिरक्षा में निकटतम पुलिस थाने ले जायेगा या भिजवाएगा .

(2) यदि यह विश्वास करने का कारण है की ऐसा व्यक्ति धारा 41 के उपबंधो के अंतर्गत आता है तो पुलिस अधिकारी उसे फिर से गिरफ्तार करेगा .

(3) यदि यह विश्वास करने का कारण है की उसने असंज्ञेय अपराध किया है और वह पुलिस अधिकारी की मांग पर अपना नाम और निवास बताने से इनकार करता है या ऐसा नाम और निवास बताता है ,जिसके बारे में ऐसे अधिकारी को यह विश्वास करने का कारण है की वह मिथ्या है , तो उसके विषय में धारा 42 के उपबंधो के अधीन कार्यवाही की जाएगी .किन्तु यदि यह विश्वास करने के पर्याप्त कारण नहीं है की उसने कोई अपराध किया है तो वह तुरंत छोड़ दिया जायेगा .

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