आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ उद्दापन | भारतीय दंड संहिता की धारा 383 क्या है | 383 Ipc in Hindi | IPC Section 383 | Extortion ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
भारतीय दंड संहिता की धारा 383 क्या है | 383 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 383 ] हिंदी में –
उद्दापन-
जो कोई किसी व्यक्ति को स्वयं उस व्यक्ति को या किसी अन्य व्यक्ति को कोई क्षति करने के भय में साशय डालता है, और तद्वारा इस प्रकार भय में डाले गए व्यक्ति को, कोई संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति या हस्ताक्षरित या मुद्रांकित कोई चीज, जिसे मूल्यवान प्रतिभूति में परिवर्तित किया जा सके. किसी व्यक्ति को परिदत्त करने के लिए बेईमानी से उत्प्रेरित करता है. वह “उद्दापन करता है |
दृष्टांत
(क) क यह धमकी देता है कि यदि य ने उसको धन नहीं दिया, तो वह य के बारे में मानहानिकारक अपमानलेख प्रकाशित करेगा | अपने को धन देने के लिए वह इस प्रकार य को उत्प्रेरित करता है | क ने उदापन किया है ।
(ख) क, य को यह धमकी देता है कि यदि वळ क को कुछ धन देने के संबंध में अपने आपको आबद्ध करने वाला एक वचनपत्र उस्ताक्षरित करके क को परिदत्त नहीं कर देता, तो वह य के शिशु को सदोष परिरोध में रखेगा | य वचनपत्र उस्ताक्षरित करके परिदत्त कर देता है | क ने उद्दापन किया है |
(ग) क यह धमकी देता है कि यदि य ख को कुछ उपज परिदत्त कराने के लिए शास्तियुक्त बंधपत्र उस्ताक्षरित नहीं करेगा और ख को न देगा, तो वळ य के खेत को जोत डालने के लिए लठैत भेज देगा और तद्दारा य को वह बंधपत्र हस्ताक्षरित करने के लिए और परिदत्त करने के लिए उत्प्रेरित करता है | क ने उद्यापन किया है |
(घ) क, य को घोर उपहति करने के भय में डालकर बेईमानी से य को उतमेरित करता है कि वह कोरे कागज पर हस्ताक्षर कर दे या अपनी मुद्रा लगा दे और उसे क को परिदत्त कर दे | य उस कागज पर उस्ताक्षर करके उसे क को परिदत्त कर देता है यहां, इस प्रकार उस्ताक्षरित कागज मूल्यवान प्रतिभूति में परिवर्तित किया जा सकता है, इसलिए क ने उद्यापन किया है।
383 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 383 ] अंग्रेजी में –
“ Extortion ”–
Whoever intentionally puts any person in fear of any injury to that person, or to any other, and thereby dishonestly induces the person so put in fear to deliver to any person any property or valuable security, or anything signed or sealed which may be converted into a valuable security, commits “extortion”. Illustrations
383 Ipc in Hindi
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