आज के इस आर्टिकल में मै आपको “प्रकोपन पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना | 335 Ipc in Hindi | IPC Section 335 | Voluntarily causing grievous hurt on provocation ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
भारतीय दंड संहिता की धारा 335 क्या है | 335 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 335 ] हिंदी में –
प्रकोपन पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना–
जो कोई गम्भीर और अचानक प्रकोपन पर ‘[ स्वेच्छया] घोर उपहति कारित करेगा, यदि न तो उसका आशय उस व्यक्ति से भिन्न, जिसने प्रकोपन दिया था, किसी व्यक्ति को घोर उपहति कारित करने का हो और न वह अपने द्वारा ऐसी उपहति कारित किया जाना सम्भाव्य जानता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से. जिसकी अवधि चार वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दो हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
335 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 335 ] अंग्रेजी में –
“ Voluntarily causing grievous hurt on provocation ”–
Whoever 1[voluntarily] causes grievous hurt on grave and sudden provocation, if he neither intends nor knows himself to be likely to cause grievous hurt to any person other than the person who gave the provocation, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to four years, or with fine which may extend to two thousand rupees, or with both. Explanation.—The last two sections are subject to the same provisos as Explanation 1, section 300.
335 Ipc in Hindi
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