आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ कूटकृत सिक्के का आयात या निर्यात | भारतीय दंड संहिता की धारा 237 क्या है | 237 Ipc in Hindi | IPC Section 237 | Import or export of counterfeit coin ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
भारतीय दंड संहिता की धारा 237 क्या है | 237 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 237 ] हिंदी में –
भारत से बाहर सिक्के के कूटकरण का भारत में दुष्प्रेरण–
कूटकृत सिक्के का आयात या निर्यात–जो कोई किसी कूटकृत सिक्के का यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह कूटकृत है, ‘[भारत में आयात करेगा या ‘[भारत] से निर्यात करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा |
237 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 237 ] अंग्रेजी में –
“ Import or export of counterfeit coin ”–
Whoever imports into 1[India], or exports therefrom, any counterfeit coin, knowing or having reason to believe that the same is counterfeit, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, and shall also be liable to fine.
237 Ipc in Hindi
- सामान्य आशय क्या है
- संविदा का उन्मोच
- संविदा कल्प या आभासी संविदा क्या है
- समाश्रित संविदा किसे कहते हैं
- उपनिधान उपनिहिती और उपनिधाता
- उपनिहिति का धारणाधिकार
- गिरवी से आप क्या समझते है
- क्षतिपूर्ति की संविदा
- आर्टिकल 35A क्या है
- गॄह-भेदन किसे कहते हैं
- आपराधिक अतिचार किसे कहते हैं
- संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- कौन से करार संविदा हैं
- स्वतंत्र सहमती किसे कहते हैं
- शून्य और शून्यकरणीय संविदा
- प्रतिफल क्या है
- स्वीकृति क्या है
- प्रस्ताव से क्या समझते हो
- संविदा किसे कहते है