आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ जूरी सदस्य या असेसर का प्रतिरूपण | भारतीय दंड संहिता की धारा 229 क्या है | 229 Ipc in Hindi | IPC Section 229 | Personation of a juror or assessor ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
भारतीय दंड संहिता की धारा 229 क्या है | 229 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 229 ] हिंदी में –
जूरी सदस्य या असेसर का प्रतिरूपण–
जो कोई किसी मामले में प्रतिरूपण द्वारा या अन्यथा, अपने को यह जानते हुए जूरी सदस्य या असेसर के रूप में तालिकांकित, पेनलित या गृहीतशपथ साशय कराएगा या होने देना जानते हुए सहन करेगा कि वह इस प्रकार तालिकांकित. पेनलित या गृहीतशपथ होने का विधि द्वारा हकदार नहीं है या यह जानते हुए कि वह इस प्रकार तालिकांकित, पेनलित या गृहीतशपथ विधि के प्रतिकूल हुआ है ऐसे जूरी में या ऐसे असेसर के रूप में स्वेच्छा सेवा करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा ।
229 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 229 ] अंग्रेजी में –
“ Personation of a juror or assessor ”–
229 Ipc in Hindi
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