आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ पांच या अधिक व्यक्तियों के जमाव को बिखर जाने का समादेश दिए जाने के पश्चात उसमें जानते हुए सम्मिलित होना या बने रहना | भारतीय दंड संहिता की धारा 151 क्या है | 151 Ipc in Hindi | IPC Section 151 | Knowingly joining or continuing in assembly of five or more persons after it has been commanded to disperse ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
भारतीय दंड संहिता की धारा 151 क्या है | 151 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 151 ] हिंदी में –
पांच या अधिक व्यक्तियों के जमाव को बिखर जाने का समादेश दिए जाने के पश्चात उसमें जानते हुए सम्मिलित होना या बने रहना-
जो कोई पांच या अधिक व्यक्तियों के किसी जमाव में, जिससे लोक शांति में विघ्न कारित होना सम्भाव्य हो, ऐसे जमाव को बिखर जाने का समादेश विधिपूर्वक दे दिए जाने पर जानते हुए सम्मिलित होगा या बना रहेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छड मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण–यदि वह जमाव धारा 141 के अर्थ के अन्तर्गत विधिविरुद्ध जमाव हो, तो अपराधी धारा 145 के अधीन दंडनीय होगा ।
151 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 151 ] अंग्रेजी में –
“ Knowingly joining or continuing in assembly of five or more persons after it has been commanded to disperse”–
Whoever knowingly joins or continues in any assembly of five or more persons likely to cause a disturbance of the public peace, after such assembly has been lawfully commanded to disperse, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine, or with both.
Explanation.—If the assembly is an unlawful assembly within the meaning of section 141, the offender will be punishable under section 145.
151 Ipc in Hindi
- सामान्य आशय क्या है
- संविदा का उन्मोच
- संविदा कल्प या आभासी संविदा क्या है
- समाश्रित संविदा किसे कहते हैं
- उपनिधान उपनिहिती और उपनिधाता
- उपनिहिति का धारणाधिकार
- गिरवी से आप क्या समझते है
- क्षतिपूर्ति की संविदा
- आर्टिकल 35A क्या है
- गॄह-भेदन किसे कहते हैं
- आपराधिक अतिचार किसे कहते हैं
- संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- कौन से करार संविदा हैं
- स्वतंत्र सहमती किसे कहते हैं
- शून्य और शून्यकरणीय संविदा
- प्रतिफल क्या है
- स्वीकृति क्या है
- प्रस्ताव से क्या समझते हो
- संविदा किसे कहते है