विधि विरुद्ध जमाव क्या है | Vidhi virudh jamav kya hai | Dhara 141 Ipc
Vidhi virudh jamav kya hai | Dhara 141 Ipc
इस आर्टिकल में मै आपको भारतीय दंड संहिता की बहुत ही महत्वपूर्ण धारा 141 विधि विरुद्ध जमाव के बारे में बताने का प्रयास कर रहा हूँ . आशा करता हूँ की मेरा यह प्रयास आपको पसंद आएगा . तो चलिए जान लेते हैं की –
विधि विरुद्ध जमाव क्या है ?
विधि विरुद्ध जमाव – एक व्यक्ति की अपेक्षा अधिक व्यक्तियों द्वारा योजना बनाकर अपराध करना अधिक खतरनाक होता है . अतः विधि उन सभी व्यक्तियों को सामान रूप से दण्डित करती है जो विधि विरुद्ध उदेश्य के लिए एकत्र होते हैं .भारतीय दंड संहिता की धारा 141 विधि विरुद्ध जमाव को परिभाषित करती है .जो इस प्रकार है –
धारा 141 – विधि विरुद्ध जमाव – पांच या अधिक व्यक्तियों का जमाव ” विधिविरुद्ध जमाव ” कहा जाता है , यदि उन व्यक्तियों का , जिनसे वह जमाव गठित हुआ है , सामान्य उद्देश्य हो –
१ – केंद्रीय सरकार को, या किसी राज्य सरकार को, या संसद को, या किसी राज्य के विधान-मंडल को, या किसी लोक सेवक को, जब कि वह ऐसे लोक सेवक की विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग कर रहा हो, आपराधिक बल या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा आतंकित करना हो, अथवा
Vidhi virudh jamav kya hai | Dhara 141 Ipc
२ – किसी क़ानून के, या किसी क़ानूनी प्रक्रिया के, निष्पादन का प्रतिरोध करना, अथवा
३ – रिष्ठी या आपराधिक अतिचार या अन्य अपराध का करना, अथवा
४ – किसी व्यक्ति पर आपराधिक बल या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा, किसी संपत्ति का कब्जा लेना या प्राप्त करना या किसी व्यक्ति को किसी मार्ग या जल के अधिकार के उपभोग से, या अन्य निराकार अधिकार जिसका उसे अधिकार हो या जिसका वह उपभोग करता हो, से वंचित करना या किसी अधिकार या अनुमित अधिकार को लागू कराना, अथवा
५ – आपराधिक बल या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा किसी व्यक्ति को वह करने के लिए, जिसके लिए वह क़ानूनी रूप से आबद्ध न हो या किसी कार्य का लोप करने के लिए, जिसे करने का वह क़ानूनी रूप से हकदार हो, विवश करना।
स्पष्टीकरण–कोई जमाव, जो इकठ्ठा होते समय विधिविरुद्ध नहीं था, बाद को विधिविरुद्ध जमाव हो सकेगा .
और जब विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य हिंसा या बल का प्रयोग करे तो वह बल्वा हो जाता है .
धारा – 142 – विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य होना – जो कोई उन तथ्यों से परिचित होते हुए , जो किसी जमाव को विधि विरुद्ध जमाव बनाता है , उस जमाव में साशय सम्मिलित होता है , या उसमे बना रहता है वह विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य है , यह कहा जाता है .
विधि विरुद्ध जमाव के लिए दण्ड –
धारा – 143 – जो कोई विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य होगा , वह दोनों में से किसी भी भांति के कारावास से , जिसकी अवधि 6 मास तक हो सकेगी ,या जुर्माने से , या दोनों से दण्डित किया जायेगा .
भारतीय दंड संहिता की धारा 141 (विधि विरुद्ध जमाव) की परिभाषा एवं दंड ओरिजनल बुक के अनुसार नीचे पीडीएफ फाइल में देखिये .
[googlepdf url=”http://mpgk.in/wp-content/uploads/2019/03/Do12-converted.pdf” ]
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