आज के इस आर्टिकल में मै आपको “कुर्क की हुई संपत्ति को निर्मुक्त करना, विक्रय और वापस करना | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 85 क्या है | section 85 CrPC in Hindi | Section 85 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 85 | Release, sale and restoration of attached property ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 85 | Section 85 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 85 in Hindi ] –
कुर्क की हुई संपत्ति को निर्मुक्त करना, विक्रय और वापस करना—
(1) यदि उद्भोषित व्यक्ति उद्घोषणा में विनिर्दिष्ट समय के अंदर हाजिर हो जाता है तो न्यायालय संपत्ति को कुर्की से निर्मुक्त करने का आदेश देगा।
(2) यदि उद्घोषित व्यक्ति उद्घोषणा में विनिर्दिष्ट समय के अंदर हाजिर नहीं होता है तो कुर्क संपत्ति, राज्य सरकार के व्ययनाधीन रहेगी, और, उसका विक्रय कुर्की की तारीख से छह मास का अवसान हो जाने पर तथा धारा 84 के अधीन किए गए किसी दावे या आपत्ति का उस धारा के अधीन निपटारा हो जाने पर ही किया जा सकता है किंतु यदि वह शीघ्रतया और प्रकृत्या क्षयशील है या न्यायालय के विचार में विक्रय करना स्वामी के फायदे के लिए होगा तो इन दोनों दशाओं में से किसी में भी न्यायालय, जब कभी ठीक समझे, उसका विक्रय करा सकता है।
(3) यदि कुर्की की तारीख से दो वर्ष के अंदर कोई व्यक्ति, जिसकी संपत्ति उपधारा (2) के अधीन राज्य सरकार के व्ययनाधीन है या रही है, उस न्यायालय के समक्ष, जिसके आदेश से वह संपत्ति कुर्क की गई थी या उस न्यायालय के समक्ष, जिसके ऐसे न्यायालय अधीनस्थ है, स्वेच्छा से हाजिर हो जाता है या पकड़ कर लाया जाता है और उस न्यायालय को समाधानप्रद रूप में यह साबित कर देता है कि वह वारंट के निष्पादन से बचने के प्रयोजन से फरार नहीं हुआ या नहीं छिपा और यह कि उसे उद्घोषणा की ऐसी सूचना नहीं मिली थी जिससे वह उसमें विनिर्दिष्ट समय के अंदर हाजिर हो सकता तो ऐसी संपत्ति का, या यदि बह् विक्रय कर दी गई है तो विक्रय के शुद्ध आगमों का,
या यदि उसका केवल कुछ भाग विक्रय किया गया है तो ऐसे विक्रय के शुद्ध आगमों और अवशिष्ट संपत्ति का, कुर्की के परिणामस्वरूप उपगत सब खचों को उसमें से चुका कर, उसे परिदान कर दिया जाएगा।
धारा 85 CrPC
[ CrPC Sec. 85 in English ] –
“ Release, sale and restoration of attached property ”–