आज के इस आर्टिकल में मै आपको “कारावास का स्थान नियत करने की शक्ति | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 417 क्या है | section 417 CrPC in Hindi | Section 417 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 417 | Power to appoint place of imprisonment” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 417 | Section 417 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 417 in Hindi ] –
कारावास का स्थान नियत करने की शक्ति–
(1) तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा जैसा उपबंधित है उसके सिवाय राज्य सरकार निदेश दे सकती है कि किसी व्यक्ति को, जिसे इस संहिता के अधीन कारावासित किया जा सकता है या अभिरक्षा के लिए सुपुर्द किया जा सकता है, किस स्थान में परिरुद्ध किया जाएगा।
(2) यदि कोई व्यक्ति, जिसे इस संहिता के अधीन कारावासित किया जा सकता है या अभिरक्षा के लिए सुपुर्द किया जा सकता है, सिविल जेल में परिरुद्ध है तो कारावास या सुपुर्दगी के लिए आदेश देने वाला न्यायालय या मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति के दांडिक जेल में भेजे जाने का निदेश दे सकता है।
(3) जब उपधारा (2) के अधीन कोई व्यक्ति दांडिक जेल में भेजा जाता है तब वहाँ से छोड़ दिए जाने पर उसे उस दशा के सिवाय सिविल जेल को लौटाया जाएगा जब या तो
(क) दांडिक जेल में उसके भेजे जाने से तीन वर्ष बीत गए हैं ; जिस दशा में वह, यथास्थिति, सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का 5) की धारा 58 या प्रांतीय दिवाला अधिनियम, 1920 (1920 का 5) की धारा 23 के अधीन सिविल जेल से छोड़ा गया समझा जाएगा, या
(ख) सिविल जेल में उसके कारावास का आदेश देने वाले न्यायालय द्वारा दांडिक जेल के भारसाधक अधिकारी को यह प्रमाणित करके भेज दिया गया है कि वह, यथास्थिति, सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का 5) की धारा 58 या प्रांतीय दिवाला अधिनियम, 1920 (1920 का 5) की धारा 23 के अधीन छोड़े जाने का हकदार है।
धारा 417 CrPC
[ CrPC Sec. 417 in English ] –
“ Power to appoint place of imprisonment ”–
(3) When a person is removed to a criminal jail under sub- section (2), he shall, on being released therefrom, be sent back to the civil jail, unless either-