आज के इस आर्टिकल में मै आपको “महानगर मजिस्ट्रेट का निर्णय | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 355 क्या है | section 355 CrPC in Hindi | Section 355 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 355 | Metropolitan Magistrate’ s judgment” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 355 | Section 355 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 355 in Hindi ] –
निर्णय की भाषा और अन्तर्वस्तु–
महानगर मजिस्ट्रेट निर्णय को इसमें इसके पूर्व उपबंधित रीति से अभिलिबित करने के बजाय निम्नलिखित विशिष्टियों को अभिलिखित करेगा, अर्थात् :
(क) मामले का क्रम संख्यांक ;
(ख) अपराध किए जाने की तारीख ;
(ग) यदि कोई परिवादी है तो उसका नाम ;
(घ) अभियुक्त व्यक्ति का नाम और उसके माता-पिता का नाम और उसका निवास स्थान ;
(ङ) अपराध जिसका परिवाद किया गया है या जो साबित हुआ है ;
(च) अभियुक्त का अभिवाक् और उसकी परीक्षा (यदि कोई हो);
(छ) अंतिम आदेश;
(ज) ऐसे आदेश की तारीख
(झ) उन सब मामलों में, जिनमें धारा 373 के अधीन या धारा 374 की उपधारा (3) के अधीन अंतिम आदेश के विरुद्ध अपील होती है, निर्णय के कारणों का संक्षिप्त कथन ।
धारा 355 CrPC
[ CrPC Sec. 355 in English ] –
“Metropolitan Magistrate’ s judgment ”–
Instead of recording a judgment in the manner hereinbefore provided, a Metropolitan Magistrate shall record the following particulars, namely:-