आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ पूर्व दोषसिद्धि या दोषमुक्ति कैसे साबित की जाए | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 298 क्या है | section 298 CrPC in Hindi | Section 298 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 298 | Previous conviction or acquittal how proved” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 298 | Section 298 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 298 in Hindi ] –
पूर्व दोषसिद्धि या दोषमुक्ति कैसे साबित की जाए-
पूर्व दोषसिद्धि या दोषमुक्ति को, इस संहिता के अधीन किसी, जांच, विचारण या अन्य कार्यवाही में, किसी अन्य ऐसे ढंग के अतिरिक्त, जो तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा उपबंधित है,
(क) ऐसे उद्धरण द्वारा, जिसका उस न्यायालय के, जिसमें ऐसी दोषसिद्धि या दोषमुक्ति हई. अभिलेखों को अभिरक्षा में रखने वाले अधिकारी के हस्ताक्षर द्वारा प्रमाणित उस दंडादेश या आदेश की प्रतिलिपि होना है ; अथवा
(ख) दोषसिद्धि की दशा में, या तो ऐसे प्रमाणपत्र द्वारा, जो उस जेल के भारसाधक अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित है जिसमें दंड या उसका कोई भाग भोगा गया या सुपुर्दगी के उस वारंट को पेश करके, जिनके अधीन दंड भोगा गया था,
और इन दशाओं में से प्रत्येक में इस बात के साक्ष्य के साथ कि अभियुक्त व्यक्ति वही व्यक्ति है जो ऐसे दोषसिद्ध या दोषमुक्त किया गया, साबित किया जा सकेगा।
धारा 298 CrPC
[ CrPC Sec. 298 in English ] –
“ Previous conviction or acquittal how proved”–
In any inquiry, trial or other proceeding under this Code, a previous conviction or acquittal may be proved, in addition to any other mode provided by any law for the time being in force,-