आज के इस आर्टिकल में मै आपको “साक्ष्य का अभियुक्त की उपस्थिति में लिया जाना | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 273 क्या है | section 273 CrPC in Hindi | Section 273 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 273 | Evidence to be taken in presence of accused” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 273 | Section 273 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 273 in Hindi ] –
साक्ष्य का अभियुक्त की उपस्थिति में लिया जाना—
अभिव्यक्त रूप से जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, विचारण या अन्य कार्यवाही के अनुक्रम में लिया गया सब साक्ष्य अभियुक्त की उपस्थिति में या जब उसे वैयक्तिक हाजिरी से अभिमुक्त कर दिया गया है तब उसके प्लीडर की उपस्थिति में लिया जाएगा:
परन्तु जहां अठारह वर्ष से कम आयु की स्त्री का, जिससे बलात्संग या किसी अन्य लैंगिक अपराध के किए जाने का अभिकथन किया गया है, साक्ष्य अभिलिखित किया जाना है, वहां न्यायालय यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसी स्त्री का अभियुक्त से सामना न हो और साथ ही अभियुक्त की प्रतिपरीक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करते हुए समुचित उपाय कर सकेगा।]
स्पष्टीकरण-इस धारा में “अभियुक्त’ के अन्तर्गत ऐसा व्यक्ति भी है जिसकी बाबत अध्याय 8 के अधीन कोई कार्यवाही इस संहिता के अधीन प्रारंभ की जा चुकी है।
धारा 273 CrPC
[ CrPC Sec. 273 in English ] –
“Evidence to be taken in presence of accused”–
Except as otherwise expressly provided, all evidence taken in the course of the trial or other proceeding shall be taken in the presence of the accused, or, when his personal attendance is dispensed with, in the presence of his pleader.