आज के इस आर्टिकल में मै आपको “जब आरोप परिवर्तित किया जाता है तब साक्षियों का पुन: बुलाया जाना | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 217 क्या है | section 217 CrPC in Hindi | Section 217 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 217 | Recall of witnesses when charge altered” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 217 | Section 217 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 217 in Hindi ] –
जब आरोप परिवर्तित किया जाता है तब साक्षियों का पुन: बुलाया जाना—
जब कभी विचारण प्रारंभ होने के पश्चात् न्यायालय द्वारा आरोप परिवर्तित या परिवर्धित किया जाता है तब अभियोजक और अभियुक्त को
(क) किसी ऐसे साक्षी को, जिसकी परीक्षा की जा चुकी है, पुनः बुलाने की या पुनः समन करने की और उसकी ऐसे परिवर्तन या परिवर्धन के बारे में परीक्षा करने की अनुज्ञा दी जाएगी जब तक न्यायालय का ऐसे कारणों से, जो लेखबद्ध किए जाएंगे, यह विचार नहीं है कि, यथास्थिति, अभियोजक या अभियुक्त तंग करने के या बिलंब करने के या न्याय के उद्देश्यों को विफल करने के प्रयोजन से ऐसे साक्षी को पुनः बुलाना या उसकी पुनः परीक्षा करना चाहता है।
(ख) किसी अन्य ऐसे साक्षी को भी, जिसे न्यायालय आवश्यक समझे, बुलाने की अनुज्ञा दी जाएगी।
धारा 217 CrPC
[ CrPC Sec. 217 in English ] –
“ Recall of witnesses when charge altered ”–
Whenever a charge is altered or added to by the Court after the commencement of the trial, the prosecutor and the accused shall be allowed-