आज के इस आर्टिकल में मै आपको “आदेशिका का जारी किया जाना | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 204 क्या है | section 204 CrPC in Hindi | Section 204 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 204 | Issue of process” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 204 | Section 204 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 204 in Hindi ] –
आदेशिका का जारी किया जाना—
(1) यदि किसी अपराध का संज्ञान करने वाले मजिस्ट्रेट की राय में कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार हैं और
(क) मामला समन-मामला प्रतीत होता है तो वह अभियुक्त की हाजिरी के लिए समन जारी करेगा; अथवा
(ख) मामला वारंट-मामला प्रतीत होता है तो वह अपने या (यदि उसकी अपनी अधिकारिता नहीं है तो) अधिकारिता वाले किसी अन्य मजिस्ट्रेट के समक्ष अभियुक्त के निश्चित समय पर लाए जाने या हाजिर होने के लिए वारंट, या यदि ठीक समझता है समन, जारी कर सकता है।
(2) अभियुक्त के विरुद्ध उपधारा (1) के अधीन तब तक कोई समन या वारंट जारी नहीं किया जाएगा जब तक अभियोजन के साक्षियों की सूची फाइल नहीं कर दी जाती है।
(3) लिखित परिवाद पर संस्थित कार्यवाही में उपधारा (1) के अधीन जारी किए गए प्रत्येक समन वारंट के साथ उस परिवाद की एक प्रतिलिपि होगी।
(4) जब तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन कोई आदेशिका फीस या अन्य फीस संदेय है तब कोई आदेशिका तब तक जारी नहीं की जाएगी जब तक फीस नहीं दे दी जाती है और यदि ऐसी फीस उचित समय के अंदर नहीं दी जाती है तो मजिस्ट्रेट परिवाद को खारिज कर सकता है।
(5) इस धारा की कोई बात धारा 87 के उपबंधों पर प्रभाव डालने वाली नहीं समझी जाएगी।