आज के इस आर्टिकल में मै आपको “विवाद की विषयवस्तु की कुर्क करने की और रिसीवर नियुक्त करने की शक्ति | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 146 क्या है | section 146 CrPC in Hindi | Section 146 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 146 | Power to attach subject of dispute and to appoint receiver ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 146 | Section 146 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 146 in Hindi ] –
विवाद की विषयवस्तु की कुर्क करने की और रिसीवर नियुक्त करने की शक्ति–
(1) यदि धारा 145 की उपधारा (1) के अधीन आदेश करने के पश्चात् किसी समय मजिस्ट्रेट मामले को आपातिक समझता है अथवा यदि वह विनिश्चय करता है कि पक्षकारों में से किसी का धारा 145 में यथानिर्दिष्ट कब्जा उस समय नहीं था, अथवा यदि वह अपना समाधान नहीं कर पाता है कि उस समय उनमें से किसका ऐसा कब्जा विवाद की विषयवस्तु पर था तो वह विवाद की विषयवस्तु को तब तक के लिए कुर्क कर सकता है जब तक कोई सक्षम न्यायालय उसके कब्जे का हकदार व्यक्ति होने के बारे में उसके पक्षकारों के अधिकारों का अवधारण नहीं कर देता है:
परंतु यदि ऐसे मजिस्ट्रेट का समाधान हो जाता है कि विवाद की विषयवस्तु के बारे में परिशांति भंग होने की कोई संभाब्यता नहीं रही तो वह किसी समय भी कुर्की वापस ले सकता है।
(2) जब मजिस्ट्रेट विवाद की विषयवस्तु को कुर्क करता है तब यदि ऐसी विवाद की विषयवस्तु के संबंध में कोई रिसीवर किसी सिविल न्यायालय द्वारा नियुक्त नहीं किया गया है तो, वह उसके लिए ऐसा इंतजाम कर सकता है जो वह उस संपत्ति की देखभाल के लिए उचित समझता है अथवा यदि वह ठीक समझता है तो, उसके लिए रिसीवर नियुक्त कर सकता है जिसको मजिस्ट्रेट के नियंत्रण के अधीन रहते हुए वे सब शक्तियां प्राप्त होगी जो सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का 5) के अधीन रिसीवर की होती हैं :
परंतु यदि विवाद की विषयवस्तु के संबंध में कोई रिसीवर किसी सिविल न्यायालय द्वारा बाद में नियुक्त कर दिया जाता है तो मजिस्ट्रेट
(क) अपने द्वारा नियुक्त रिसीवर को आदेश देगा कि वह विवाद की विषयवस्तु का कब्जा सिबिल न्यायालय द्वारा नियुक्त रिसीवर को दे दे और तत्पश्चात् वह अपने द्वारा नियुक्त रिसीवर को उन्मोचित कर देगा,
(ख) ऐसे अन्य आनुषंगिक या पारिणामिक आदेश कर सकेगा जो न्यायसंगत हैं।