आज के इस आर्टिकल में मै आपको “आदेश अंतिम कर दिए जाने पर प्रक्रिया और उसकी अवज्ञा के परिणाम | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 141 क्या है | section 141 CrPC in Hindi | Section 141 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 141 | Procedure on order being made absolute and consequences of disobedience” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 141 | Section 141 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 141 in Hindi ] –
आदेश अंतिम कर दिए जाने पर प्रक्रिया और उसकी अवज्ञा के परिणाम–
(1) जब धारा 136 या धारा 138 के अधीन आदेश अंतिम कर दिया जाता है तब मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति को, जिसके विरुद्ध वह आदेश दिया गया है, उसकी सूचना देगा और उससे यह भी अपेक्षा करेगा कि वह उस आदेश द्वारा निदिष्ट कार्य इतने समय के अंदर करे, जितना सूचना में नियत किया जाएगा और उसे इत्तिला देगा कि अवज्ञा करने पर वह भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 188 द्वारा उपबंधित शास्ति का भागी होगा।
(2) यदि ऐसा कार्य नियत समय के अंदर नहीं किया जाता है तो मजिस्ट्रेट उसे करा सकता है और उसके किए जाने में हुए खर्चों को किसी भवन, माल या अन्य संपत्ति के, जो उसके आदेश द्वारा हटाई गई है, विक्रय द्वारा अथवा ऐसे मजिस्ट्रेट की स्थानीय अधिकारिता के अंदर या बाहर स्थित उस व्यक्ति की अन्य जंगम संपत्ति के करस्थम् और विक्रय द्वारा वसूल कर सकता है और यदि ऐसी अन्य संपत्ति ऐसी अधिकारिता के बाहर है तो उस आदेश से ऐसी कुर्की और विक्रय तब प्राधिकृत होगा जब वह उस मजिस्ट्रेट द्वारा पृष्ठांकित कर दिया जाता है जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अंदर कुर्क की जाने वाली संपत्ति पाई जाती है।
(3) इस धारा के अधीन सद्भावपूर्वक की गई किसी बात के बारे में कोई वाद न होगा।