इस आर्टिकल में मै आपको “ परिसीमा अधिनियम 1963 की क़ानूनी धाराएं | कानूनी धारा लिस्ट pdf download | limitation act sections list in hindi ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
परिसीमा अधिनियम 1963 की क़ानूनी धाराएं | limitation act sections list in hindi
- 1-संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ
- 2-परिभाषाएं
- 3-परिसीमा द्वारा वर्जन
- 4-विहित काल का अवसान जब न्यायालय बन्द हो
- 5-विहित काल का कतिपय दशाओं में विस्तारण
- 6-विधिक निर्योग्यता
- 7-कई व्यक्तियों में से एक की निर्योग्यता
- 8-विशेष अपवाद
- 9-समय का निरन्तर चलते रहना
- 10-न्यासियों तथा उनके प्रतिनिधियों के विरुद्ध वाद
- 11-जिन राज्यक्षेत्रों पर इस अधिनियम का विस्तार है उनके बाहर की गई संविदाओं के आधार पर वाद
- 12- विधिक कार्यवाहियों में समय का अपवर्जन
- 13-उन दशाओं में समय का अपवर्जन जहां कि अकिंचन के रूप में वाद लाने या अपील करने की इजाजत के लिए आवेदन किया गया हो
- 14-बिना अधिकारिता वाले न्यायालय में सद्भावपूर्वक की गई कार्यवाही में लगे समय का अपवर्जन
- 15-कुछ अन्य मामलों में समय का अपवर्जन
- 16-वाद लाने का अधिकार प्रोद्भूत होने पर या होने के पूर्व मृत्यु हो जाने का प्रभाव
- 17-कपट या भूल का प्रभाव
- 18-लिखित अभिस्वीकृति का प्रभाव
- 19-ऋण लेखे या वसीयत-सम्पदा का ब्याज लेखे संदाय का प्रभाव
- 20-किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अभिस्वीकृति या संदाय का प्रभाव
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- 21- नया वादी या प्रतिवादी प्रतिस्थापित करने या जोड़ने का प्रभाव
- 22-चालू रहने वाले भंग और अपकृत्य
- 23-उन कार्यों के लिए प्रतिकर का वाद जो विशेष नुकसान के बिना, अनुयोज्य न हों
- 24-लिखतों में वर्णित समय की संगणना
- 25-सुखाचारों का चिरभोग द्वारा अर्जन
- 26-अनुसेवी सम्पत्ति के उत्तरभोगी के पक्ष में अपवर्जन
- 27-सम्पत्ति पर के अधिकार का निर्वापित होना
- 28-कुछ अधिनियमों का संशोधन—निरसन तथा संशोधन अधिनियम, 1974 (1974 का 56) की धारा 2 तथा पहली अनुसूची द्वारा निरसित
- 29-व्यावृत्तियां
- 30-उन वादों आदि के लिए उपबन्ध जिनके लिए विहित कालावधि इण्डियन लिमिटेशन ऐक्ट, 1908 द्वारा विहित कालावधि से कम है
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- 31-वर्जित या लम्बित वादों आदि के बारे में उपबन्ध
- 32- [निरसित]-निरसन और संशोधन अधिनियम, 1974 (1974 का 56) की धारा 2 और पहली अनुसूची द्वारा निरसित ।