आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ केवियट क्या हैं | Caveat kya hai | What is Caveat ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
केवियट क्या हैं | Caveat kya hai | What is Caveat
केविएट को सामान्य एवं प्रचलित भाषा में चेतावनी अथवा पूर्व सूचना कहा जाता है । कैविएट की व्यवस्था सन् 1976 के सिविल प्रक्रिया संहिता में संशोधन द्वारा की गई है।
कभी-कभी पक्षकार बिना दूसरे पक्षकार को ऐसा आवेदन पत्र देने का अपना आशय सूचित किए हुए आवेदन पत्र पर एकपक्षीय आदेश प्राप्त कर लेता है। ऐसी दशा में ऐसे एकपक्षीय आदेशों के पारित होने को रोकने के लिए न्यायालय को विरोधी पक्षकार द्वारा आशयित आवेदन का सूचना को दिए जाने की मंशा सूचित करता है, तो उसे ऐसा करने के लिए अधिकृत किया जा सकता है । यहा केविएट है।
धारा 148क व्य.प्र.सं. के अनुसार –
1 – जहाँ कि किसी न्यायालय में संस्थित या शीघ्र संस्थित होने वाले किसी वाद या कार्यवाही में किसी आवेदन का किया जाना प्रत्याशित है या कोई आवेदन किया गया है, वहाँ कोई व्यक्ति जो ऐसे आवेदन की सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित होने का दावा करता है, उसके बारे में केविएट दायर कर सकता है। .
2 – जहाँ कि उपरोक्त (1) के अधीन कोई केविएट दिया गया है, वहाँ केविएट कर्ता उस व्यक्ति पर जिसके द्वारा उपरोक्त (1) के अधीन आवेदन किया गया है या किए जाने की प्रत्याशा है केविएट की सूचना की तामील रजिस्टर्ड डाक द्वारा करेगा।
3 – जहाँ उपरोक्त (1) के अधीन कोई केविएट दे दिए जाने के पश्चात किसी वाद या कार्यवाही में कोई आवेदन पत्र फाइल किया जाता है, वहाँ न्यायालय आवेदन की सूचना केविएटकर्ता को देगा।
4 – केविएटकर्ता के खर्च पर उस आवेदन से संबंधित समस्त कागजात एवं दस्तावेज की प्रतियाँ भी केविएटकर्ता को प्रदान की जाएगी।
5 -ऐसा केविएट अपने जारी होने की तिथि से नब्बे दिन तक प्रवृत्त रहेगा नब्बे दिन के उपरांत उसका समापन हो जाएगा।
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