आज के इस आर्टिकल में मै आपको “कुटकृत सम्पत्ति-चिह्न से चिन्हित माल का विक्रय | भारतीय दंड संहिता की धारा 486 क्या है | 486 Ipc in Hindi | IPC Section 486 | Selling goods marked with a counterfeit property mark ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
भारतीय दंड संहिता की धारा 486 क्या है | 486 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 486 ] हिंदी में –
कुटकृत सम्पत्ति-चिह्न से चिन्हित माल का विक्रय–
जो कोई किसी माल या चीजों को, स्वयं उन पर या किसी ऐसी पेटी, पैकेज या अन्य पात्र पर जिसमें ऐसा माल रखा हो, कोई कूटकृत सम्पत्ति- चिह्न लगा हुआ या छपा हुआ होते हुए. बेचेगा या बेचने के लिए अभिदर्शित करेगा या अपने कब्जे में रखेगा]. जब तक कि वह यह साबित न कर दे कि–
(क) इस धारा के विरुद्ध अपराध न करने की सब युक्तियुक्त पूर्वावधानी बरतते हुए. चिह्न के असलीपन के सम्बन्ध में संदेड करने के लिए उसके पास कोई कारण अभिकथित अपराध करते समय नहीं था, तथा
(ख) अभियोजक द्वारा या उसकी ओर से मांग किए जाने पर उसने उन व्यक्तियों के विषय में, जिनसे उसने ऐसा माल या चीजें अभिप्राप्त की थी, वह सब जानकारी दे दी थी, जो उसकी शक्ति में थी, अथवा
(ग) अन्यथा उसने निर्दोषितापूर्वक कार्य किया था, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, या दोनों से. दण्डित किया जाएगा।
486 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 486 ] अंग्रेजी में –
“Selling goods marked with a counterfeit property mark ”–
Whoever sells, or exposes, or has in possession for sale, any goods or things with a counterfeit property mark] affixed to or impressed upon the same or to or upon any case, package or other receptacle in which such goods are contained, shall, unless he proves—
486 Ipc in Hindi
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