आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ भारतीय सिक्के पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा जो उसका कूटकृत होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे में आया था | भारतीय दंड संहिता की धारा 243 क्या है | 243 Ipc in Hindi | IPC Section 243 | Possession of Indian coin by person who knew it to be counterfeit when he became possessed thereof ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
भारतीय दंड संहिता की धारा 243 क्या है | 243 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 243 ] हिंदी में –
भारतीय सिक्के पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा जो उसका कूटकृत होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे में आया था-
जो कोई ऐसे कूटकृत सिक्के को, जो भारतीय सिक्के की कूटकृति है और जिसे वह उस समय, जब वह सिक्का उसके कब्जे में आया था, जानता था कि वह भारतीय सिक्के की कुटकृति है, कपटपूर्वक, या इस आशय से कि कपट किया जाए. कब्जो में रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
243 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 243 ] अंग्रेजी में –
“ Possession of Indian coin by person who knew it to be counterfeit when he became possessed thereof ”–
Whoever, fraudulently or with intent that fraud may be committed, is in possession of counterfeit coin, which is a counterfeit of 1[Indian coin], having known at the time when he became possessed of it that it was counterfeit, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
243 Ipc in Hindi
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