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भारत का संविधान भाग 10 | Constitution of India part 10 in Hindi

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भारत का संविधान भाग 10 | Constitution of India part 10 in Hindi

भारत का संविधान भाग 10 | Constitution of India part 10 in Hindi

aभारत का संविधान – भाग 10 अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र

भाग 10

अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र

244. अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन–(1) पांचवीं अनुसूची के उपबंध [1][असम, [2][ [3][मेघालय, त्रिफुरा और मिजोरम] ] राज्योंट से भिन्न [4]* * * * किसी राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के लिए  लागू होंगे ।

(2) छठी अनुसूची के उपबंध 1[असम, 2[[5] [मेघालय, त्रिफुरा] और मिजोरम राज्यों] के] जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के लिए लागू होंगे ।

[6][244क. असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए  स्थानीय विधान-मंडल या मंत्रि-परिषद् का या दोनों का सॄजन–(1) इस संविधान में किसी बात के होते हुए  भी, संसद  विधि द्वारा असम राज्य के भीतर एक स्वशासी राज्य बना सकेगी, जिसमें छठी अनुसूची के पैरा 20 से संलग्न सारणी के [7][भाग 1] में विनिर्दिष्ट  सभी या कोई जनजाति क्षेत्र (पुर्णतः या भागतः) समाविष्ट होंगे और उसके लिए —

(क) उस स्वशासी राज्य के विधान-मंडल के रूप  में कार्य करने के लिए  निर्वाचित या भागतः नामनिर्देशित और भागतः निर्वाचित निकाय का, या

(ख) मंत्रि-परिषद् का, या दोनों का सॄजन कर सकेगी, जिनमें से प्रत्येक का गठन, शक्तियां और कॄत्य वे होंगे जो उस विधि में विनिर्दिष्ट  किए जाएं  ।

भारत का संविधान भाग 10 | Constitution of India part 10 in Hindi

(2) खंड (1) में निर्दिष्ट विधि, विशिष्टतया,–

(क) राज्य सूची या समवर्ती सूची में प्रगणित वे विषय विनिर्दिष्ट  कर सकेगी जिनके संबंध में स्वशासी राज्य के विधान-मंडल को संपूर्ण  स्वशासी राज्यके लिए  या उसके किसी भाग के लिए  विधि बनाने की शक्ति, असम राज्य के विधान-मंडल का अपवर्जन  करके या अन्यथा, होगी ;

(ख) वे विषय परिनिाश्चित कर सकेगी जिन पर उस स्वशासी राज्य की कार्यफालिका शक्ति  का विस्तार होगा ;

(ग) यह उपबंध  कर सकेगी कि असम राज्य द्वारा उद्गॄहीत कोई कर स्वशासी राज्य को वहां तक सौंपा  जाएगा  जहां तक उसके आगम स्वशासी राज्य से प्राप्त हुए  माने जा सकते हैं ;

(घ) यह उपबंध  कर सकेगी कि इस संविधान के किसी अनुच्छेद में राज्य के प्रति किसी निर्देश का यह अर्थ लगाया जाएगा कि उसके अंतर्गत स्वशासी राज्य के प्रति निर्देश है ;और

(ङ) ऐसे  अनुफूरक, आनुषांगिक या पारिणामिक उपबंध कर सकेगी जा आवश्यक समझे जाएं  ।

(3) पूर्वोक्त प्रकार की किसी विधि का कोई संशोधन, जहां तक वह संशोधन खंड (2) के उपखंड (क) या उपखंड (ख) में विनिर्दिष्ट  विषयों में से किसी से संबंधित है, तब तक प्रभावी नहीं  होगा जब तक वह संशोधन संसद  के प्रत्येक सदन में उफास्थित और मत देने वाले कम से कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा पारित नहीं  कर दिया जाता है ।

(4) इस अनुच्छेद में निर्दिष्ट विधि को अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के लिए  इस संविधान का संशोधन इस बात के होते हुए  भी नहीं  समझा जाएगा  कि उसमें कोई ऐसा  उपबंध  अंतर्विष्ट  है जो इस संविधान का संशोधन करता है या संशोधन करने का प्रभाव रखता है ।]

भारत का संविधान भाग 10 | Constitution of India part 10 in Hindi


[1] पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन ) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 71 द्वारा (21-1-1972 से) “असम राज्य” के स्थान पर  प्रतिस्थापित  ।

[2] मिजोरम राज्य अधिनियम, 1986 (1986 का 34) की धारा 39 द्वारा (20-2-1987 से) “मेघालय और त्रिपुरा ” शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

[3] संविधान (उनचासवां संशोधन) अधिनियम, 1984 की धारा 2 द्वारा “और मेघालय” के स्थान पर  (1-4-1985 से) प्रतिस्थापित  ।

[4] संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा “पहली  अनुसूची के भाग क या भाग ख में विनिर्दिष्ट ” शब्दों और अक्षरों का लोप किया गया ।

[5] मिजोरम राज्य अधिनियम, 1986 (1986 का 34) की धारा 39 द्वारा (20-2-1987 से) “मेघालय और त्रिपुरा राज्यों और मिजोरम संघ राज्यक्षेत्र” शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित  ।

[6] संविधान (बाईसवां संशोधन) अधिनियम, 1969 की धारा 2 द्वारा अंतःस्थापित ।

[7] पूर्वोत्तर  क्षेत्र (पुनर्गठन ) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 71 द्वारा (21-1-1972 से) “भाग क” के स्थान पर प्रतिस्थापित  ।


 

 

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