इस आर्टिकल में मै आपको “ भारतीय संविधान के सभी अनुच्छेद की लिस्ट | All articles of Indian Constitution in Hindi | Indian Constitution Articles list in Hindi ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
Indian Constitution Articles list in Hindi
भाग 1
संघ और उसका राज्यक्षेत्र
- 1- संघ का नाम और राज्यक्षेत्र
- 2 – नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
- 2A- सिक्किम का संघ के साथ सहयुक़्त किया जाना
- 3 – नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
- 4 – पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक, आनुषगिक और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियां
भाग 2
नागरिकता
- 5 – संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता
- 6 – पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
- 7 – पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्ति यों के नागरिकता के अधिकार
- 8 – भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उदभव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
- 9 – विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से आर्जितकरने वाले व्यक्ति यों का नागरिक न होना
- 10 – नागरिकता के अधिकारों का बना रहना
- 11 – संसद् द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना
भाग 3
मूल अधिकार
समता का अधिकार
- 14- विधि के समक्ष समता
- 15 – धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
- 16 – लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
- 17 – अस्पृश्यता का अंत
- 18 – उपाधियों का अंत
स्वातंत्र्य-अधिकार
- 19 – वाक्-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
- 20 – अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
- 21 – प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
- 21A – शिक्षा का अधिकार
- 22 – कुछ दशाओं में गिरफ़्तारी और निरोध से संरक्षण
शोषण के विरुद्ध अधिकार
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
- 25 – अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
- 26 – धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
- 27 – किसी विशिष्ट धर्म की अभिवॄद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता
- 28 – कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता
संस्कॄति और शिक्षा संबंधी अधिकार
- 29 – अल्फसंख्यक-वर्गों के हितों का संरक्षण
- 30 – शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करने का अल्फसंख्यक-वर्गों का अधिकार
- 31 – संपत्ति का अनिवार्य अर्जन
कुछ विधियों की व्यावृति
- 31A – संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृति
- 31B – कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण
- 31C – कुछ निदेशक तत्त्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावॄत्ति
- 31D – राष्ट्र विरोधी क्रियाकलाप के संबंध में विधियों की व्यावॄत्ति
सांविधानिक उपचारों का अधिकार
- 32- इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार
- 32a – राज्य विधियों की सांविधानिक वैधता पर अनुच्छेद 32 के अधीन कार्यवाहियों में विचार न किया जाना
- 33 – इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद् की शक्ति
- 34 – जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवॄत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन
- 35 – इस भाग के उफबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान
भाग 4
राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व
- 36 – परिभाषा
- 37 – इस भाग में अंतर्विष्ट तत्त्वों का लागू होना
- 38 – राज्य लोक कल्याण की अभिवॄद्धिके लिए सामाजिक वयवस्था बनाएगा
- 39 – राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्त्व
- 39A – समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता
- 40 – ग्राम पंचायतों का संगठन
- 41 – कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार
- 42 –काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध
- 43 – कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि
- 43A – उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना
- 44 – नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता
- 45 – बालकों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबंध
- 46 – अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवॄद्धि
- 47 – पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य
- 48 – कॄषि और पशुफालन का संगठन
- 48A – पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा
- 49 – राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण
- 50 – कार्यपालिका से न्यायफालिका का पृथकक़्करण
- 51 – अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवॄद्धि
भाग -4क
मूल कर्तव्य
- 51A – मूल कर्तव्य
भाग 5
संघ
अध्याय 1— कार्यपालिका
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति
- 52 – भारत का राष्ट्रपति
- 53 – संघ की कार्यपालिका शक्ति
- 54 – राष्ट्रपति का निर्वाचन
- 55 – राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति
- 56 – राष्ट्रपति की पदावधि
- 57 – पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता
- 58 – राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं
- 59 – राष्ट्रपति के पद के लिए शर्तें
- 60 – राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- 61 – राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया
- 62 – राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकास्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
- 63 – भारत का उपराष्ट्रपति
- 64 – उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना
- 65 – राष्ट्रपति के पद में आकास्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कॄत्यों का निर्वहन
- 66 – उपराष्ट्रपति का निर्वाचन
- 67 – उपराष्ट्रपति की पदावधि
- 68 – उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकास्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
- 69 – उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- 70 – अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कॄत्यों का निर्वहन
- 71 – राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित या संसक्त विषय
- 72 – क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेशके निलंबन, परिहार या लघूकरण की राष्ट्रपति की शक्ति
- 73- संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
मंत्रिपरिषद
भारत का महान्यायवादी
- 76 – भारत का महान्यायवादी
सरकारी कार्य का संचालन
- 77 – भारत सरकार के कार्य का संचालन
- 78 – राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य
अध्याय 2–संसद
साधारण
- 79 – संसद का गठन
- 80 – राज्य सभा की संरचना
- 81 – लोक सभा की संरचना
- 82 – प्रत्येक जनगणना के पश्चात् पुनः समायोजन
- 83 – संसद के सदनों का अवधि
- 84 – संसद की सदस्यता के लिए अर्हता
- 85 – संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन
- 86 – सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्ट्रपति का अधिकार
- 87 – राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण
- 88 – सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्यायवादी के अधिकार
संसद के अधिकारी
- 89 – राज्य सभा का सभापति और उपसभापति
- 90 – उपसभापति का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना
- 91 – सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति
- 92 – जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
- 93 – लोक सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- 94 – अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना
- 95 – अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति
- 96 – जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
- 97 – सभापति और उपसभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते
- 98 – संसद का सचिवालय
कार्य संचालन
- 99 – सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- 100 – सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
सदस्यों की निरर्हताएं
- 101 – स्थानों का रिक्त होना
- 102 – सदस्यता के लिए निरर्हताएं
- 103 – सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय
- 104 – अनुच्छेद 99 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या अर्हित न होते हुए या निर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति
संसद और उसके सदस्यों की शक्ति यां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां
- 105 – संसद के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार आदि
- 106 – सदस्यों के वेतन और भत्ते
विधायी प्रक्रिया
- 107 – विधेयकों के पुरःस्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध
- 108 – कुछ दशाओं में दोनों सदनों की सयुंक्त बैठक
- 109 – धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
- 110 – धन विधेयक”की परिभाषा
- 111 – विधेयकों पर अनुमति
वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया
- 112 – वार्षिक वित्तीय विवरण
- 113 – संसद में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया
- 114 – विनियोग विधेयक
- 115 – अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
- 116 – लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
- 117 – वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
साधारणतया प्रक्रिया
- 118 – प्रक्रिया के नियम
- 119 – संसद में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
- 120 – संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा
- 121 – संसद में चर्चा पर निर्बन्धन
- 122 – न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना
अध्याय 3
राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां
अध्याय 4
संघ की न्यायपालिका
- 124 – उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन
- 125 – न्यायाधीशों के वेतन आदि
- 126 – कार्यकारी मुख्य न्यायमूार्ति की नियुक्ति
- 127 – तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति
- 128 – उच्चतम न्यायालय की बैठकों में सेवानिवॄत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति
- 129 – उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना
- 130 – उच्चतम न्यायालय का स्थान
- 131 – उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता
- 131A – केन्द्रीय विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के बारे में उच्चतम न्यायालय की अनन्य अधिकारिता
- 132 – कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों से अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
- 133 – उच्च न्यायालयों से सिविल विषयों से संबंधित अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
- 134 – दांडिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
- 134A – उच्चतम न्यायालय में अपील के लिए प्रमाणपत्र
- 135 – विद्यमान विधि के अधीन फेडरल न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों का उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रयोक्तव्य होना
- 136 – अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत
- 137 – निर्णयों या आदेशों का उच्चतम न्यायालयों द्वारा पुनार्विलोकन
- 138 – उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता की वॄद्धि
- 139 – कुछ रिट निकालने की शक्तियों का उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त किया जाना
- 139A – कुछ मामलों का अंतरण
- 140 – उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तियां
- 141 – उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर आबद्धकर होना
- 142 – उच्चतम न्यायालय की डिक्रीयों और आदेशों का प्रवर्तन और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश
- 143 – उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
- 144 – सिविल और न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय की सहायता में कार्य किया जाना
- 144A – विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के निपटारे के बारे में विशेष उपबंध
- 145 – न्यायालय के नियम आदि
- 146 – उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
- 147 – निर्वचन
अध्याय 5
भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक
- 148 – भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक
- 149 – नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कर्तव्य और शक्तियां
- 150 – संघ के और राज्यों के लेखाओं का प्ररूप
- 151 – संपरीक्षा प्रतिवेदन
भाग 6
राज्य
अध्याय 1–साधारण
- 152 – परिभाषा
अध्याय 2–कार्यपालिका
राज्यपाल
- 153 – राज्यों के राज्यपाल
- 154 – राज्य की कार्यपालिका शक्ति
- 155 – राज्यपाल की नियुक्ति
- 156 – राज्यपाल की पदावधि
- 157 – राज्यपाल नियुक्त होने के लिए अर्हताएं
- 158 – राज्यपाल के पद के लिए शर्तें
- 159 – राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- 160 – कुछ आकास्मिकताओं में राज्यपाल के कॄत्यों का निर्वहन
- 161क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति
- 162 – राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
मंत्रिपरिषद
राज्य का महाधिवक्ता
- 165 – राज्य का महाधिवक्ता
सरकारी कार्य का संचालन
- 166 – राज्य की सरकार के कार्य का संचालन
- 167 – राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य
अध्याय 3
राज्य का विधान-मंडल
साधारण
- 168 – राज्यों के विधान-मंडलों का गठन
- 169 – राज्यों में विधान परिषदों का उत्सादन या सॄजन
- 170 – विधान सभाओं की संरचना
- 171 – विधान परिषदों की संरचना
- 172 – राज्यों के विधान–मंडलों की अवधि
- 173 – राज्य के विधान–मंडल की सदस्यता के लिए अर्हता
- 174 – राज्यके विधान–मंडल के सत्र, सत्रावसान और विघटन
- 175 – सदन या सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्यपाल का अधिकार
- 176 – राज्यपाल का विशेष अभिभाषण
- 177 – सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार
राज्य के विधान–मंडल के अधिकारी
- 178 – विधान सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- 179 – अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना
- 180 – अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति
- 181 – जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तबउसका पीठासीन न होना
- 182 – विधान परिषद का सभापति और उप सभापति
- 183 – सभापति और उपसभापति का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना
- 184 – सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति कीशक्ति
- 185 – जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
- 186 – अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते
- 187 – राज्य के विधान-मंडल का सचिवालय
कार्य संचालन
- 188 – सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- 189 – सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
सदस्यों की निरर्हताएं
- 190 – स्थानों का रिक्त होना
- 191 – सदस्यता के लिए निरर्हताएं
- 192 – सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय
- 193अनुच्छेद 188 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञा करनेसे पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने औरमत देने के लिए शास्ति
राज्यों के विधान–मंडलों और उनके सदस्यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां
- 194विधानमंडलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार, आदि
- 195 – सदस्यों के वेतन और भत्ते
विधायी प्रक्रिया
- 196 – विधेयकों के पुरःस्थाफन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध
- 197 – धन विधेयकों से भिन्न विधेयकों के बारे में विधान परिषद की शक्तियों पर निर्बंधन
- 198 – धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
- 199 – “धन विधेयक”की परिभाषा
- 200 – विधेयकों पर अनुमति
- 201 – विचार के लिए आरक्षित विधेयक
वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया
- 202 – वार्षिक वित्तीय विवरण
- 203 – विधान–मंडल में प्राक्कलनो के संबंध में प्रक्रिया
- 204 – विनियोग विधेयक
- 205 – अनुपूरक , अतिरिक्त या अधिक अनुदान
- 206 – लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
- 207 – वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
साधारणतया प्रक्रिया
- 208 – प्रक्रिया के नियम
- 209 – राज्य के विधान–मंडल में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
- 210 – विधान–मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा
- 211 – विधान–मंडल में चर्चा पर निर्बंधन
- 212 – न्यायालयों द्वारा विधान–मंडल की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना
अध्याय 4
राज्यपाल की विधायी शक्ति
अध्याय 5
राज्यों के उच्च न्यायालय
- 214 – राज्यों के लिए उच्च न्यायालय
- 215 – उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
- 216 – उच्च न्यायालयों का गठन
- 217 – उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें
- 218 – उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों को लागू होना
- 219 – उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- 220 – स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात् विधि–व्यवसाय पर निर्बंधन
- 221 – न्यायाधीशों के वेतन आदि
- 222 – किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण
- 223 – कार्यकारी मुख्य न्यायमूार्ति की नियुक्ति
- 224 – अपर और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति
- 224a – उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवानिवॄत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति
- 225 – विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता
- 226 – कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
- 226a – अनुच्छेद 226 के अधीन कार्यवाहियों में केन्द्रीय विधियों की सांविधानिक वैधता पर विचार न किया जाना
- 227 –सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति
- 228 – कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण
- 228a – राज्य विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के निफटारे के बारे में विशेष उपबंध
- 229 – उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
- 230 – उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्यक्षेत्रों पर विस्तार
- 231 – दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना
- 232 – निरसित
अध्याय 6
अधीनस्थ न्यायालय
- 233 – जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति
- 233a – कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति यों का और उनके द्वारा किए गए निर्णयों आदि का विधिमान्यकरण
- 234 – न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशोंसे भिन्न व्यक्तियों की भर्ती
- 235 – अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण
- 236 – निर्वचन
- 237 – कुछ वर्ग या वर्गों के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय के उपबंधों का लागू होना
भाग 7
पहली अनुसूची के भाग ख के राज्य
- 238 – निरसित
भाग 8
संघ राज्यक्षेत्र
- 239 – संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन
- 239a – कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान-मंडलों या मंत्रि-परिषदों का या दोनों का सॄजन
- 239aa – दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध
- 239ab – सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध
- 239b – विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की प्रशासक की शक्ति
- 240 – कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति
- 241 – संघ राज्यक्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय
- 242 – निरसित
भाग 9
पंचायत
- 243 – परिभाषाएं
- 243a – ग्राम सभा
- 243b – पंचायतों का गठन
- 243c – पंचायतों की संरचना
- 243d – स्थानों का आरक्षण
- 243e – पंचायतों की अवधि, आदि
- 243f – सदस्यता के लिए निरर्हताएं
- 243g – पंचायतों की शक्तियां , प्राधिकार और उत्तरदायित्व
- 243h – पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियां
- 243i – वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन
- 243j – पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा
- 243k – पंचायतों के लिए निर्वाचन
- 243l – संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना
- 243m – इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
- 243n – विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना
- 243o – निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
भाग 9क
नगरपालिकाएं
- 243p – परिभाषाएं
- 243q – नगरपालिकाओं का गठन
- 243r – नगरपालिकाओं की संरचना
- 243s – वार्ड समितियों, आदि का गठन और संरचना
- 243t – स्थानों का आरक्षण
- 243u- नगरपालिकाओं की अवधि, आदि
- 243v – सदस्यता के लिए निरर्हताएं
- 243w- नगरपालिकाओं , आदि की शक्तियां , प्राधिकार और उत्तरदायित्व
- 243x –नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियां
- 243y – वित्त आयोग
- 243z – नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा
- 243za –नगरपालिकाओं के लिए निर्वाचन
- 243zb – संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना
- 243zc – इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
- 243zd – जिला योजना के लिए समिति
- 243ze – महानगर योजना के लिए समिति
- 243zf – विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहना
- 243zg – निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
भाग 10
अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र
- 244 – अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन
- 244a – असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान-मंडल या मंत्रि-परिषद् का या दोनों का सॄजन
भाग 11
संघ और राज्यों के बीच संबंध
अध्याय 1–विधायी संबंध
विधायी शक्तियों का वितरण
- 245 – संसद द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्तार
- 246 – संसद द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषय -वस्तु
- 247 – कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद की शक्ति
- 248 – अवशिष्ट विधायी शक्तियां
- 249 – राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद की शक्ति
- 250 – यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद की शक्ति
- 251 – संसद द्वारा अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति
- 252 – दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना
- 253 – अंतरराष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान
- 254 – संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति
- 255 – सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना
अध्याय 2 — प्रशासनिक संबंध
साधारण
- 256 – राज्यों की और संघ की बाध्यता
- 257 – कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण
- 257a- निरसित
- 258 – कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति
- 258a – संघ को कॄत्य सौंपने की राज्यों की शक्ति
- 259 – निरसित
- 260 – भारत के बाहर के राज्यक्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता
- 261 – सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियां
जल संबंधी विवाद
राज्यों के बीच समन्वय
भाग 12
वित्त, संपत्ति , संविदाएं और वाद
अध्याय 1 — वित्त
साधारण
- 264 – निर्वचन
- 265 – विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना
- 266 – भारत और राज्यों की संचित निधियां और लोक लेखे
- 267 – आकस्मिकता निधि
संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण
- 268 – संघ द्वारा उद्गॄहीत किए जाने वाले किंतु राज्यों द्वारा संगॄहीत और विनियोजित किए जाने वाले शुल्क
- 268a – संघ द्वारा उद्गॄहीत किए जाने वाला और संघ तथा राज्यों द्वारा संगॄहीत और विनियोजित किया जाने वाला सेवा-कर
- 269 – संघ द्वारा उद्गॄहीत और संगॄहीत किंतु राज्यों को सौपें जाने वाले कर
- 270 – उद्गॄहीत कर और उनका संघ तथा राज्यों के बीच वितरण
- 271 – कुछ शुल्कों और करों पर संघ के प्रयोजनों के लिए अधिभार
- 272 – निरसित
- 273 – जूट पर और जूट उत्पादों पर निर्यात शुल्क के स्थान पर अनुदान
- 274 – ऐसे कराधान पर जिसमें राज्य हितबद्ध है, प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा
- 275 – कुछ राज्यों को संघ से अनुदान
- 276 – वॄत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर
- 277 – व्यावृत्ति
- 278 – निरसित
- 279 – “शुद्ध आगम” आदि की गणना
- 280 – वित्त आयोग
- 281 – वित्त आयोग की सिफारिशें
प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध
- 282 – संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व से किए जाने वाले व्यय
- 283 – संचित निधियों, आकस्मिकता निधियों और लोक लेखाओं में जमा धनराशियों की अभिरक्षा आदि
- 284 – लोक सेवकों और न्यायालयों द्वारा प्राप्त वादकर्ताओं की जमा राशियों और अन्य धनराशियों की अभिरक्षा
- 285 – संघ की संपत्ति को राज्य के कराधान से छूट
- 286 –माल के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बंधन
- 287 – विद्युत पर करों से छूट
- 288 – जल या विद्युत के संबंध में राज्यों द्वारा कराधान से कुछ दशाओं में छूट
- 289 – राज्यों की संपत्ति और आय को संघ के कराधान से छूट
- 290 – कुछ व्ययों और पेंशनों के संबंध में समायोजन
- 290a – कुछ देवस्वम् निधियों को वार्षिक संदाय
- 291 – निरसित
अध्याय 2
उधार लेना
- 292 – भारत सरकार द्वारा उधार लेना
- 293 – राज्यों द्वारा उधार लेना
अध्याय 3
संपत्ति , संविदाएं , अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद
- 294 – कुछ दशाओं में संपत्ति , आास्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार
- 295 – अन्य दशाओं में संपत्ति, आास्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार
- 296 – राजगामी या व्यपगत या स्वामीविहीन होने से प्रोदभूत संपत्ति
- 297 – राज्यक्षेत्रीय सागर-खंड या महाद्वीपीय मग्नतट भूमि में स्थित मूल्यवान चीजों और अनन्य आार्थिक क्षेत्र के संपत्ति स्रोतों का संघ में निहित होना
- 298 – व्यापार करने आदि की शक्ति
- 299 – संविदाएं
- 300 – वाद और कार्यवाहियां
अध्याय 4
संपत्ति का अधिकार
भाग 13
भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार , वाणिज्य और समागम
- 301 – व्यापार , वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता
- 302 – व्यापार , वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन अधिरोपित करने की संसद् की शक्ति
- 303 – व्यापार और वाणिज्य के संबंध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों पर निर्बंधन
- 304 – राज्यों के बीच व्यापार , वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन
- 305 – विद्यमान विधियों और राज्य के ऋकाधिकार का उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
- 306 – निरसित
- 307 – अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति
भाग 14
संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं
अध्याय 1–सेवाएं
- 308 – निर्वचन
- 309 – संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें
- 310 – संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि
- 311 –संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना
- 312 – अखिल भारतीय सेवाएं
- 312a – कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्तों में परिवर्तन करने या उन्हें प्रतिसंहृत करने की संसद् की शक्ति
- 313 – संक्रमण कालीन उपबंध
- 314 – निरसित
अध्याय 2
लोक सेवा आयोग
- 315 – संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
- 316 – सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि
- 317 – लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना
- 318 – आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवॄंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति
- 319 – आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध
- 320 – लोक सेवा आयोगों के कॄत्य
- 321 – लोक सेवा आयोगों के कॄत्यों का विस्तार करने की शक्ति
- 322 – लोक सेवा आयोगों के व्यय
- 323 – लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन
भाग – 14क
अधिकरण
- 323a – प्रशासनिक अधिकरण
- 323b – अन्य विषयों के लिए अधिकरण
भाग – 15
निर्वाचन
- 324 – निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना
- 325 – धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचक-नामावली में साम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचक-नामावली में साम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना
- 326 – लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचनों का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना
- 327 – विधान-मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद् की शक्ति
- 328 – किसी राज्य के विधान-मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की उस विधान-मंडल की शक्ति
- 329 – निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
- 329a –निरसित
भाग 16
कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध
- 330 – लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
- 331 – लोक सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
- 332 – राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
- 333 – राज्यों की विधान सभाओं में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
- 334 – स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का [16][साठ वर्ष] के पश्चात् न रहना
- 335 – सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे
- 336 – कुछ सेवाओं में आंग्ल–भारतीय समुदाय के लिए विशेष उपबंध
- 337 – आंग्ल-भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षिक अनुदान के लिए विशेष उपबंध
- 338 – राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
- 338a – राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
- 339 – अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण
- 340 – पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति
- 341 – अनुसूचित जातियां
- 342 – अनुसूचित जनजातियां
भाग 17
राजभाषा
अध्याय 1–संघ की भाषा
अध्याय 2–प्रादेशिक भाषाएं
- 345 –राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं
- 346 – एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा
- 347 – किसी राज्य की जनसंख्या के किसी अनुभाग द्वारा बोली जाने वाली भाषाके संबंध में विशेष उपबंध
अध्याय 3
उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों आदि की भाषा
- 348 – उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा
- 349 – भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया
अध्याय 4
विशेष निदेश
- 350 – व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा
- 350a – प्राथमिक स्तर पर मातॄभाषा में शिक्षा की सुविधाएं
- 350b –भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के लिए विशेष अधिकारी
- 351 – हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश
भाग 18
आपात उपबंध
- 352 – आपात की उद्घोषणा
- 353 – आपात की उद्घोषणा का प्रभाव
- 354 – जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना
- 355 – वाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य
- 356 – राज्यों में सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध
- 357 – अनुच्छेद 356 के अधीन की गई उद्घोषणा के अधीन विधायी शक्तियों का प्रयोग
- 358 – आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबंधों का निलंबन
- 359 – आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलबंन
- 359a – निरसित
- 360 – वित्तीय आपात के बारे में उपबंध
भाग 19
प्रकीर्ण
- 361 – राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण
- 361a – संसद् और राज्यों के विधान-मंडलों की कार्यवाहियों के प्रकाशन का संरक्षण
- 361b – लाभप्रद राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हता
- 362 – निरसित
- 363 – कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
- 363a – देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की समाप्ति और निजी थैलियों का अंत
- 364 – महापत्तनों और विमानक्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध
- 365 – संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव
- 366 – परिभाषाएं
- 367 – निर्वचन
भाग 20
संविधान का संशोधन
भाग 21
अस्थायी, संक्रमण कालीन और विशेष उपबंध
- 369 – राज्य सूची के कुछ विषयों के संबंध में विधि बनाने की संसद् की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों
- 370 – जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध
- 371 – महाराष्ट्रऔर गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध
- 371a – नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
- 371b – असम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
- 371c – मणिपुर राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
- 371d – आंध्र प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
- 371e – आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना
- 371f – सिाकिक़्म राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
- 371g – मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
- 371h – अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
- 371i – गोवा राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
- 372 – विद्यमान विधियों का प्रवॄत्त बने रहना और उनका अनुकूलन
- 372a – विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति
- 373 – निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के संबंध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शक्ति
- 374 – फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों और फेडरल न्यायालय में या सपरिषद् हिज मजेस्टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबंध
- 375 – संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कॄत्य करते रहना
- 376 – उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध
- 377 – भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध
- 378 – लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध
- 378a – आंध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबंध
- 379-391 – निरसित
- 392 – कठिनाइयों को दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति
भाग 22
संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, [1][हिंदी में प्राधिकॄत पाठ] और निरसन
- 393 – संक्षिप्त नाम
- 394 – प्रारंभ
- 394a – हिंदी भाषा में प्राधिकॄत पाठ
- 395 – निरसन
Indian Constitution