आज के इस आर्टिकल में मै आपको “सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय अन्य मामलों में अभियुक्त को कथनों और दस्तावेजों की प्रतिलिपियां देना | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 208 क्या है | section 208 CrPC in Hindi | Section 208 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 208 | Supply of copies of statements and documents to accused in other cases triable by Court of Session ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 208 | Section 208 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 208 in Hindi ] –
सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय अन्य मामलों में अभियुक्त को कथनों और दस्तावेजों की प्रतिलिपियां देना-
जहां पुलिस रिपोर्ट से भिन्न आधार पर संस्थित किसी मामले में, धारा 204 के अधीन आदेशिका जारी करने वाले मजिस्ट्रेट को यह प्रतीत होता है कि अपराध अनन्यतः सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है, वहां मजिस्ट्रेट निम्नलिखित में से प्रत्येक की एक प्रतिलिपि अभियुक्त को अविलंब निःशुल्क देगा:
(i) उन सभी व्यक्तियों के, जिनकी मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षा की जा चुकी है, धारा 200 या धारा 202 के अधीन लेखबद्ध किए
गए कथन;
(ii) धारा 161 या धारा 164 के अधीन लेखबद्ध किए गए कथन, और संस्वीकृतियां, यदि कोई हों;
(iii) मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश की गई कोई दस्तावेजें, जिन पर निर्भर रहने का अभियोजन का विचार है : परंतु यदि मजिस्ट्रेट का समाधान हो जाता है कि ऐसी कोई दस्तावेज विशालकाय है, तो वह अभियुक्त को उसकी प्रतिलिपि देने के बजाय यह निदेश देगा कि उसे स्वयं या प्लीडर द्वारा न्यायालय में उसका निरीक्षण ही करने दिया जाएगा।
धारा 208 CrPC
[ CrPC Sec. 208 in English ] –
“ Supply of copies of statements and documents to accused in other cases triable by Court of Session”–
Where, in a case instituted otherwise than on a police report, it appears to the Magistrate issuing process under section 204 that the offence is triable exclusively by the Court of Session, the Magistrate shall without delay furnish to the accused, free of cost, a copy of each of the following:-