आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ उद्दापन करने के लिए किसी व्यक्ति को क्षति के भय में डालना | भारतीय दंड संहिता की धारा 385 क्या है | 385 Ipc in Hindi | IPC Section 385 | Putting person in fear of injury in order to commit extortion ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
भारतीय दंड संहिता की धारा 385 क्या है | 385 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 385 ] हिंदी में –
उद्दापन करने के लिए किसी व्यक्ति को क्षति के भय में डालना-
जो कोई उद्दापन करने के लिए किसी व्यक्ति को किसी क्षति के पहुंचाने के भय में डालेगा या भय में डालने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
385 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 385 ] अंग्रेजी में –
“ Putting person in fear of injury in order to commit extortion ”–
Whoever, in order to the committing of extortion, puts any person in fear, or attempts to put any person in fear, of any injury, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.
385 Ipc in Hindi
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