इस आर्टिकल में मै आपको “ सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की क़ानूनी धाराएं | Transfer of property Act 1882 कानूनी धारा लिस्ट pdf download | Transfer of property Act 1882 section list in hindi | Transfer of property Act 1882 PDF download ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की क़ानूनी धाराएं | Transfer of property Act 1882 section list in hindi
- 1-संक्षिप्त नाम
- 2-अधिनियमों का निरसन
- 3-निर्वचन खंड
- 4-संविदाओं से सम्बन्धित अधिनियमितियों का संविदा अधिनियम का भाग और रजिस्ट्रीकरण अधिनियम का अनुपूरक समझा जाना
- 5-संपत्ति के अंतरण की परिभाषा
- 6-क्या अंतरित किया जा सकेगा
- 7-अंतरण करने के लिए सक्षम व्यक्ति
- 8-अंतरण का प्रभाव
- 9-मौखिक अंतरण
- 10-अन्य-संक्रामण अवरुद्ध करने वाली शर्त
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- 11-सुष्ट हित के विरुद्ध निर्बन्धन
- 12-दिवाले या प्रयतित अन्य-संक्रामण पर हित को पर्यवसेय बनाने वाली शर्त
- 13-अजात व्यक्ति के फायदे के लिए अंतरण
- 14-शाश्वतता के विरुद्ध नियम
- 15-उस वर्ग को अंतरण, जिसमें के कुछ व्यक्ति धारा 13 और 14 के अन्दर आते हैं
- 16-अंतरण का किसी पूर्विक हित की निष्फलता पर प्रभावी होना
- 17-संचयन के लिए निदेश
- 18-लोक के फायदे के लिए शाश्वतिक अंतरण
- 19-निहित हित
- 20-अजात व्यक्ति अपने फायदे के लिए किए गए अन्तरण पर कब निहित हित अर्जित करता है
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- 21-समाश्रित हित
- 22-किसी वर्ग के ऐसे सदस्यों को अन्तरण जो किसी विशिष्ट आयु को प्राप्त करें
- 23-अंतरण जो, विनिर्दिष्ट अनिश्चित घटना के घटित होने पर समाश्रित है
- 24-निश्चित व्यक्तियों में से ऐसे व्यक्तियों को अन्तरण जो अविनिर्दिष्ट कालावधि पर उत्तरजीवी हों
- 25-सशर्त अन्तरण
- 26-पुरोभाव्य शर्त की पूर्ति
- 27-एक व्यक्ति को सशर्त अंतरण ऐसे अन्तरण के साथ जो पूर्विक ब्ययन के निष्फल होने पर दूसरे व्यक्ति के पक्ष में हो जाएगा
- 28-परतर अंतरण का विनिर्दिष्ट घटना के घटित होने या न होने की शर्त पर आश्रित होना
- 29-उत्तरभाव्य शर्त की पूर्ति
- 30-पूर्विक व्ययन का परतर व्ययन की अविधिमान्यता द्वारा प्रभावित न होना
Transfer of property Act Section list in hindi
- 31-यह शर्त कि अन्तरण विनिर्दिष्ट अनिश्चित घटना के घटित होने या न होने की दशा में प्रभावी न रहेगा
- 32-ऐसी शर्त अविधिमान्य नहीं होनी चाहिए
- 33-कार्य करने की शर्त पर अन्तरण जबकि उस कार्य के करने के लिए कोई समय विनिर्दिष्ट नहीं है
- 34-कार्य करने की शर्त पर आश्रित अन्तरण जबकि समय विनिर्दिष्ट है
- 35-निर्वाचन कब आवश्यक है
- 36-हकदार व्यक्ति के हित के पर्यवसान पर कालिक संदायों का प्रभाजन
- 37-विभाजन पर बाध्यता के फायदे का प्रभाजन
- 38-कुछ परिस्थितियों में ही अंतरण करने के लिए प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा अंतरण
- 39-अंतरण, जहां कि अन्य व्यक्ति भरणपोषण का हकदार है
- 40-भूमि के उपयोग पर निर्बन्धन लगाने वाली बाध्यता का या स्वामित्व से उपाबद्ध किन्तु हित या सुखाचार की कोटि में न आने वाली बाध्यता का बोझ
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- 41-दृश्यमान स्वामी द्वारा अंतरण
- 42-पूर्वतर अंतरण का प्रतिसंहरण करने का प्राधिकार रखने वाले व्यक्ति द्वारा अंतरण
- 43-अप्राधिकृत व्यक्ति द्वारा अंतरण, जो अंतरित सम्पत्ति में पीछे हित अर्जित कर लेता है
- 44-एक सहस्वामी द्वारा अन्तरण
- 45-प्रतिफलार्थ संयुक्त अन्तरण
- 46-सुभिन्न हित रखने वाले व्यक्तियों द्वारा प्रतिफलार्थ अन्तरण
- 47-सामान्य संपत्ति में के अंश का सहस्वामियों द्वारा अंतरण
- 48-अंतरण द्वारा सृष्ट अधिकारों की पूर्विकता
- 49-बीमा पालिसी के अधीन अंतरिती का अधिकार
- 50-त्रुटियुक्त हक के अधीन धारक को सद्भावपूर्वक दिया गया भाटक
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- 51-त्रुटियुक्त हकों के अधीन सद्भावपूर्वक धारकों द्वारा की गई अभिवृद्धियां
- 52-संपत्ति संबंधी वाद के लंबित रहते हुए संपत्ति का अंतरण
- 53- कपटपूर्ण अंतरण
- 53a-भागिक पालन
- 54-“विक्रय” की परिभाषा
- 55-क्रेता और विक्रेता के अधिकार और दायित्व
- 56-पाश्चिक क्रेता द्वारा क्रमबन्धन
- 57-बिल्लंगमों और उनसे मुक्त विक्रय के लिए न्यायालय द्वारा उपबंध
- 58-“बंधक”, “बंधककर्ता”, “बंधकदार”, “बंधक धन” और “बंधक विलेख” की परिभाषा
- 59-बंधक कब हस्तान्तरण पत्र द्वारा किया जाना चाहिए
- 59a-बंधककर्ताओं और बंधकदारों के प्रति निर्देशों के अंतर्गत वे व्यक्ति भी हैं जिन्हें उनसे हक व्युत्पन्न हुआ है
- 60-मोचन करने का बंधककर्ता का अधिकार
- 60a-बंधककर्ता को प्रति-अंतरण करने के बजाय किसी तृतीय पक्षकारो को अंतरण करने की बाध्यता
- 60b-दस्तावेजों के निरीक्षण और पेश कराने का अधिकार
सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की क़ानूनी धाराएं
- 61-पृथक्तया या साथ-साथ मोचन कराने का अधिकार
- 62-कब्जा प्रत्युद्धरण का भोग-बंधककर्ता का अधिकार
- 63-बंधक-संपत्ति में अनुवृद्धि
- 63a-बंधक-संपत्ति में अभिवद्धि
- 64-बंधकित पट्टे का नवीकरण
- 65- बंधककर्ता द्वारा विवक्षित संविदाएं
- 65a-बंधककर्ता की पट्टा करने की शक्ति
- 66- कब्जा रखने वाले बन्धककर्ता द्वारा दुर्व्यय
- 67-पुरोबंध या विक्रय का अधिकार
- 67a-बंधकदार कई बन्धकों के आधार पर एक वाद लाने को कब आबद्ध होता है
- 68-बंधक धन के लिए बाद लाने का अधिकार
- 69-विक्रय करने की शक्ति कब विधिमान्य होती है
- 69a-रिसीवर की नियुक्ति
- 70-बंधक-संपत्ति में अनुवृद्धि
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- 71-बंधकित पट्टे का नवीकरण
- 72- सकब्जा बन्धकदार के अधिकार
- 73-राजस्व के लिए किए गए विक्रय के आगमों पर या अर्जन पर प्रतिकर पर अधिकार
- 74-पाश्चिक बन्धकदार का पूर्विक बन्धकदार को संदाय करने का अधिकार । सम्पत्ति-अन्तरण (संशोधन) अधिनियम, 1929 (1929 का 20) की धारा 39 द्वारा निरसित।
- 75-मध्यवर्ती बन्धकदार के पूर्विक और पाश्चिक बन्धकदारों के विरुद्ध अधिकार । सम्पत्ति-अन्तरण (संशोधन) अधिनियम, 1929 (1929 का 20) की धारा 39 द्वारा निरसित।
- 76-सकब्जा बंधकदार का दायित्व
- 77- ब्याज के बदले में प्राप्तियां
- 78- पूर्विक बंधकदार का मुल्तवी होना
- 79-जब कि अधिकतम रकम अभिव्यक्त है, तब अनिश्चित रकम को प्रतिभत करने के लिए बन्धक
- 80-आबन्धन का उत्सादन । सम्पत्ति-अन्तरण (संशोधन) अधिनियम, 1929 (1929 का 20) की धारा 41 द्वारा निरसित ।
सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की क़ानूनी धाराएं
- 81-प्रतिभूतियों का क्रमबंधन
- 82-बंधक ऋण की बाबत अभिदाय
- 83-बन्धक मद्दे शोध्य धन का न्यायालय में निक्षेप करने की शक्ति
- 84-ब्याज का बन्द हो जाना
- 85- पुरोबन्ध, विक्रय और मोचन के लिए वाद के पक्षकार । सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का अधिनियम संख्यांक 5) की धारा 156 तथा अनुसूची 5 द्वारा निरसित।
- 86-90-सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का अधिनियम संख्यांक 5) की धारा 156 तथा अनुसूची 5 द्वारा निरसित।
सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की क़ानूनी धाराएं
- 91-वे व्यक्ति जो मोचन के लिए वाद ला सकेंगे
- 92-प्रत्यासन
- 93-आबन्धन का प्रतिषेध
- 94-मध्यवर्ती बन्धकदार के अधिकार
- 95-मोचन कराने वाले सहबन्धककर्ता का व्यय पाने का अधिकार
- 96-हक विलेखों के निक्षेप द्वारा बन्धक
- 97-आगमों का लागू होना—सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का अधिनियम संख्यांक 5) की धारा 156 तथा अनुसूची 5 द्वारा निरसित।
- 98-विलक्षण बंधकों के पक्षकारों के अधिकार और दायित्व
- 99-बंधकित सम्पत्ति की कुर्की—सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का अधिनियम संख्यांक 5) की धारा 156 तथा अनुसूची 5 द्वारा निरसित।
- 100-भार
सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की क़ानूनी धाराएं
- 101-पाश्चिक विल्लंगम के विद्यमान होने पर बिलयन न होगा
- 102-अभिकर्ता पर तामील या उसकी निविदा
- 103-संविदा करने के लिए अक्षम व्यक्ति को या उस द्वारा सूचना इत्यादि
- 104-नियम बनाने की शक्ति
- 105-पट्टे की परिभाषा
- 106-लिखित संविदा या स्थानीय प्रथा के अभाव में कुल पट्टों की कालावधि
- 107-पट्टे कैसे किए जाते हैं
- 108-पट्टाकर्ता और पट्टेदार के अधिकार और दायित्व
- 109-पट्टाकर्ता के अंतरिती के अधिकार
- 110-उस दिन का अपवर्जन जिससे अवधि का प्रारम्भ होता है
सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की क़ानूनी धाराएं
- 111-पट्टे का पर्यवसान
- 112- समपहरण का अधित्यजन
- 113-छोड़ देने की सूचना का अधित्यजन
- 114-भाटक का संदाय न करने के कारण समपहरण से मुक्ति
- 114a-कुछ अन्य दशाओं में समपहरण से मुक्ति
- 115-अभ्यर्पण और समपहरण का उपपट्टों पर प्रभाव
- 116-अतिधारण का प्रभाव
- 117-कृषि प्रयोजनों वाले पट्टों को छुट
- 118-“विनिमय” की परिभाषा
- 119-विनिमय में प्राप्त चीज से वंचित किए गए पक्षकार का अधिकार
- 120-पक्षकारों के अधिकार और दायित्व
सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की क़ानूनी धाराएं
- 121- धन का विनिमय
- 122-“दान” की परिभाषा
- 123-अंतरण कैसे किया जाता है
- 124-वर्तमान और भावी सम्पत्ति का दान
- 125-ऐसे कई व्यक्तियों को दान, जिसमें से एक प्रतिगहीत नहीं करता है
- 126-दान निलम्बित या प्रतिसंहृत कब किया जा सकेगा
- 127-दुर्भर दान
- 128-सर्वस्व आदाता
- 129-आसन्न मरण दान और मोहमेडन विधि की ब्यावृत्ति
- 130-अनुयोज्य दावों का अंतरण
- 130a-[समुद्री बीमा पालिसी का अंतरण । समुद्री बीमा अधिनियम, 1963 (1963 का 11) की धारा 92 द्वारा (1-8-1963 से) निरसित।
Transfer of property Act Section list
- 131-सूचना का लिखित और हस्ताक्षरित होना
- 132-अनुयोज्य दावे के अन्तरिती का दायित्व
- 133-ऋणी की शोधन-क्षमता की वारंटी
- 134-बन्धकित ब्याज
- 135-अग्नि बीमा पालिसी के अधीन के अधिकारों का समनुदेशन
- 135a-समुद्री बीमा पालिसी के अधीन अधिकारों का समनुदेशन । समुद्री बीमा अधिनियम, 1963 (1963 का 11) की धारा 92 द्वारा (1-8-1963 से) निरसित ।
- 136-न्यायालय से संसक्त आफिसरों की असामर्थ्य
- 137-परक्राम्य लिखतों की व्यावृत्ति
सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम
Transfer of property Act
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