आज के इस आर्टिकल में मै आपको “अपराधों के बारे में उपधारणा | अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण ) अधिनियम की धारा 8 क्या है | Section 8 SC ST Act in hindi | Section 8 of SC ST Act | धारा 8 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम | Presumption as to offences” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 8 | Section 8 of SC ST Act
[ SC ST Act Sec. 8 in Hindi ] –
अपराधों के बारे में उपधारणा–
इस अध्याय के अधीन किसी अपराध के लिए अभियोजन में, यदि यह साबित हो जाता है कि,
(क) अभियुक्त ने इस अध्याय के अधीन अपराध कले के अभियुक्त व्यक्ति की या युक्तियुक्त रूप से संदेहास्पद व्यक्ति की कोई वित्तीय सहायता की है तो विशेष न्यायालय, जब तक कि तत्प्रतिकूल साबित न किया जाए, यह उपधारणा करेगा कि ऐसे व्यक्ति ने उस अपराध का दुष्प्रेरण किया है;
(ख) व्यक्तियों के किसी समूह ने इस अध्याय के अधीन अपराध किया है और यह साबित हो जाता है कि किया गया अपराध भूमि या किसी अन्य विषय के बारे में किसी विद्यमान विवाद का फल है तो यह उपधारणा की जाएगी कि यह अपराध सामान्य आशय या सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने के लिए किया गया था।
धारा 8 SC ST Act
[ SC ST Act Sec. 8 in English ] –
“Presumption as to offences”–
In a prosecution for an offence under this Chapter, if it is proved that—
धारा 8 SC ST Act