आज के इस आर्टिकल में मै आपको “जुर्माना उद्गृहीत करने के लिए बारण्ट | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 421 क्या है | section 421 CrPC in Hindi | Section 421 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 421 | Warrant for levy of fine” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 421 | Section 421 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 421 in Hindi ] –
जुर्माना उद्गृहीत करने के लिए बारण्ट-
(1) जब किसी अपराधी को जुर्माने का दंडादेश दिया गया है तब दंडादेश देने वाला न्यायालय निम्नलिखित प्रकारों में से किसी या दोनों प्रकार से जुर्माने की वसूली के लिए कार्रवाई कर सकता है, अर्थात् वह –
(क) अपराधी की किसी जंगम संपत्ति की कुर्की और विक्रय द्वारा रकम को उद्गृहीत करने के लिए वारण्ट जारी कर सकता है,
(ख) व्यतिक्रमी की जंगम या स्थावर संपत्ति या दोनों से भू-राजस्व की बकाया के रूप में रकम को उद्गृहीत करने के लिए जिले के कलक्टर को प्राधिकृत करते हुए उसे वारंट जारी कर सकता है :
परन्तु यदि दंडादेश निदिष्ट करता है कि जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर अपराधी कारावासित किया जाएगा और यदि अपराधी ने व्यतिक्रम के बदले में ऐसा पूरा कारावास भुगत लिया है तो कोई न्यायालय ऐसा वारण्ट तब तक न जारी करेगा जब तक वह विशेष कारणों से जो अभिलिखित किए जाएंगे, ऐसा करना आवश्यक न समझे अथवा जब तक उसने जुर्माने में से व्यय या प्रतिकर के संदाय के लिए धारा 357 के अधीन आदेश न किया हो।
(2) राज्य सरकार उस रीति को विनियमित करने के लिए, जिससे उपधारा (1) के खंड (क) के अधीन वारंट निष्पादित किए जाने हैं और ऐसे वारण्ट के निष्पादन में कुर्क की गई किसी संपत्ति के बारे में अपराधी से भिन्न किसी व्यक्ति द्वारा किए गए किन्हीं दावों के संक्षिप्त अवधारण के लिए, नियम बना सकती है।
(3) जहां न्यायालय कलक्टर को उपधारा (1) के खंड (ख) के अधीन वारण्ट जारी करता है वहाँ कलक्टर उस रकम को भू-राजस्व की बकाया की वसूली से संबंधित विधि के अनुसार वसूल करेगा मानो ऐसा वारण्ट ऐसी विधि के अधीन जारी किया गया प्रमाणपत्र हो :
परन्तु ऐसा कोई वारण्ट अपराधी की गिरफ्तारी या कारावास में निरोध द्वारा निष्पादित न किया जाएगा।