Home LAW धारा 41 CrPC | Section 41 CrPC in Hindi | CrPC Section...

धारा 41 CrPC | Section 41 CrPC in Hindi | CrPC Section 41

11666
0

आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ पुलिस वारंट के बिना कब गिरफ्तार कर सकेगी  | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 क्या है | section 41 CrPC in Hindi | Section 41 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 41 | When police may arrest without warrant के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 |  Section 41 in The Code Of Criminal Procedure

[ CrPC Sec. 41 in Hindi ] –

पुलिस वारंट के बिना कब गिरफ्तार कर सकेगी—

(1) कोई पुलिस अधिकारी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना और वारंट के बिना किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है

‘[(क) जो पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में संज्ञेय अपराध करता है;

(ख) जिसके विरुद्ध इस बारे में उचित परिवाद किया जा चुका है या विश्वसनीय इत्तिला प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि उसने कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष से कम की हो सकेगी या जिसकी अवधि सात वर्ष की हो सकेगी, चाहे वह जुर्माने सहित हो अथवा जुर्माने के बिना, दंडनीय संज्ञेय अपराध किया है, यदि निम्नलिखित शर्ते पूरी कर दी जाती हैं, अर्थात् :

(i) पुलिस अधिकारी के पास ऐसे परिवाद, इत्तिला या संदेह के आधार पर यह विश्वास करने का कारण है कि उस व्यक्ति ने उक्त अपराध किया है।

(ii) पुलिस अधिकारी का यह समाधान हो गया है कि ऐसी गिरफ्तारी :

(क) ऐसे व्यक्ति को कोई और अपराध करने से निवारित करने के लिए : या (ख) अपराध के समुचित अन्वेषण के लिए; या

(ग) ऐसे व्यक्ति को ऐसे अपराध के साक्ष्य को गायब करने या ऐसे साक्ष्य के साथ किसी भी रीति में छेड़छाड़ करने से निवारित करने के लिए; या

(घ) उस व्यक्ति को, किसी ऐसे व्यक्ति को, जो मामले के तथ्यों से परिचित है, उप्रेरित करने, उसे धमकी देने या उससे वायदा करने से जिससे उसे न्यायालय या पुलिस अधिकारी को ऐसे तथ्यों को प्रकट न करने के लिए मनाया जा सके, निवारित करने के लिए ; या

(ङ) जब तक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, न्यायालय में उसकी उपस्थिति, जब भी । अपेक्षत हो, सुनिश्चित नहीं की जा सकती, आवश्यक है, और पुलिस अधिकारी ऐसी गिरफ्तारी करते समय अपने कारणों को लेखबद्ध करेगा;

[परंतु कोई पुलिस अधिकारी, ऐसे सभी मामलों में, जहां किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी इस उपधारा के उपबंधों के । अधीन अपेक्षित नहीं है, गिरफ्तारी ने करने के कारणों को लेखबद्ध करेगा।]

(खक) जिसके विरुद्ध विश्वसनीय इत्तिला प्राप्त हो चुकी है कि उसने कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष से अधिक की हो सकेगी, चाहे वह जुर्माने सहित हो अथवा जुर्माने के बिना, अथवा मृत्यु दंडादेश से दंडनीय संज्ञेय अपराध किया है और पुलिस अधिकारी के पास उस इत्तिला के आधार पर यह विश्वास करने का कारण है कि उस व्यक्ति ने उक्त अपराध किया है;]

(ग) जो या तो इस संहिता के अधीन या राज्य सरकार के आदेश द्वारा अपराधी उद्घोषित किया जा चुका है ; अथवा

(घ) जिसके कब्जे में कोई ऐसी चीज पाई जाती है जिसके चुराई हुई संपत्ति होने का उचित रूप से संदेह किया जा सकता है और जिस पर ऐसी चीज के बारे में अपराध करने का उचित रूप से संदेह किया जा सकता है ; अथवा

(ङ) जो पुलिस अधिकारी को उस समय बाधा पहुंचाता है जब वह अपना कर्तव्य कर रहा है, या जो विधिपूर्ण अभिरक्षा से निकल भागा है या निकल भागने का प्रयत्न करता है ; अथवा

(च) जिस पर संघ के सशस्त्र बलों में से किसी से अभित्याजक होने का उचित संदेह है ; अथवा

(छ) जो भारत से बाहर किसी स्थान में किसी ऐसे कार्य किए जाने से, जो यदि भारत में किया गया होता तो अपराध के रूप में दंडनीय होता, और जिसके लिए वह प्रत्यर्पण संबंधी किसी विधि के अधीन या अन्यथा भारत में पकड़े जाने का या अभिरक्षा में निरुद्ध किए जाने का भागी है, संवद्ध रह चुका है या जिसके विरुद्ध इस बारे में उचित परिवाद किया जा चुका है या विश्वसनीय इत्तिला प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि वह ऐसे संबद्ध रह चुका है ; अथवा

(ज) जो छोड़ा गया सिद्धदोष होते हुए धारा 356 की उपधारा (5) के अधीन बनाए गए किसी नियम को भंग करता है ; अथवा

(झ) जिसकी गिरफ्तारी के लिए किसी अन्य पुलिस अधिकारी से लिखित या मौखिक अध्यपेक्षा प्राप्त हो चुकी है, परंतु यह तब जब कि अध्यपेक्षा में उस व्यक्ति का, जिसे गिरफ्तार किया जाना है, और उस अपराध का या अन्य कारण का, जिसके लिए गिरफ्तारी की जानी है, विनिर्देश है और उससे यह दर्शित होता है कि अध्यपेक्षा जारी करने वाले अधिकारी द्वारा वारंट के बिना वह व्यक्ति विधिपूर्वक गिरफ्तार किया जा सकता था।

(2) धारा 42 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, ऐसे किसी व्यक्ति को, जो किसी असंज्ञेय अपराध से संबद्ध है या जिसके विरुद्ध कोई परिवाद किया जा चुका है या विश्वसनीय इत्तिला प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि वह ऐसे संबद्ध रह चुका है, मजिस्ट्रेट के वारंट या आदेश के सिवाय, गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।]

 

धारा 41 CrPC

[ CrPC Sec. 41 in English ] –

“ When police may arrest without warrant ”–

(1) Any police officer may without an order from a Magistrate and without a warrant, arrest any person-

(a) who has been concerned in any cognizable offence, or against whom a reasonable complaint has been made, or credible information has been received, or a reasonable suspicion exists, of his having been so concerned; or
(b) who has in his possession without lawful excuse, the burden of proving which excuse shall lie on such person, any implement of house- breaking; or
(c) who has been proclaimed as an offender either under this Code or by order of the State Government; or
(d) in whose possession anything is found which may reasonably be suspected to be stolen property and who may reasonably be suspected of having committed an offence with reference to such thing; or
(e) who obstructs a police officer while in the execution of his duty, or who has escaped, or attempts to escape, from lawful custody; or
(f) who is reasonably suspected of being a deserter from any of the Armed Forces of the Union; or

(g) who has been concerned in, or against whom a reasonable complaint has been made, or credible information has been received, or a reasonable suspicion exists, of his having been concerned in, any act committed at any place out of India which, if committed in India, would have been punishable as an offence, and for which he is, under any law relating to extradition, or otherwise, liable to be apprehended or detained in custody in India; or
(h) who, being a released convict, commits a breach of any rule made under sub- section (5) of section 356; or
(i) for whose arrest any requisition, whether written or oral, has been received from another police officer, provided that the requisition specifies the person to be arrested and the offence or other cause for which the arrest is to be made and it appears therefrom that the person might lawfully be arrested without a warrant by the officer who issued the requisition.
(2) Any officer in charge of a police station may, in like manner, arrest or cause to be arrested any person, belonging to one or more of the categories of persons specified in section 109 or section 110.

धारा 41 CrPC

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here