आज के इस आर्टिकल में मै आपको “अपील लंबित रहने तक दंडादेश का निलम्बन ; अपीलार्थी का जमानत पर छोड़ा जाना | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 389 क्या है | section 389 CrPC in Hindi | Section 389 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 389 | Suspension of sentence pending the appeal; release of appellant on bail” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 389 | Section 389 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 389 in Hindi ] –
अपील में उच्च न्यायालय के आदेश का प्रमाणित करके निचले न्यायालय को भेजा जाना—
(1) अपील न्यायालय, ऐसे कारणों से, जो उसके द्वारा अभिलिखित किए जाएंगे, आदेश दे सकता है कि उस दंडादेश या आदेश का निष्पादन, जिसके विरुद्ध अपील की गई है, दोषसिद्ध व्यक्ति द्वारा की गई अपील के लंबित रहने तक निलंबित किया जाए और यदि वह व्यक्ति परिरोध में है तो यह भी आदेश दे सकता है कि उसे जमानत पर या उसके अपने बंधपत्र पर छोड़ दिया जाए :
परन्तु अपील न्यायालय ऐसे दोषसिद्ध व्यक्ति को, जो मृत्यु या आजीवन कारावास या दस वर्ष से अन्यून अवधि के कारावास से दंडनीय किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध किया गया है, जमानत पर या उसके अपने बंधपत्र पर छोड़ने से पूर्व, लोक अभियोजक को ऐसे छोड़ने के विरुद्ध लिखित में कारण दर्शाने का अवसर देगा:
परन्तु यह और कि ऐसे मामलों में, जहां किसी दोषसिद्ध व्यक्ति को जमानत पर छोड़ा जाता है वहां लोक अभियोजक जमानत रद्द किए जाने के लिए आवेदन फाइल कर सकेगा।]
(2) अपील न्यायालय को इस धारा द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग उच्च न्यायालय भी किसी ऐसी अपील के मामले में कर सकता है जो किसी दोषसिद्ध व्यक्ति द्वारा उसके अधीनस्थ न्यायालय में की गई है।
(3) जहां दोषसिद्ध व्यक्ति ऐसे न्यायालय का जिसके द्वारा वह दोषसिद्ध किया गया है यह समाधान कर देता है कि वह अपील प्रस्तुत करना चाहता है वहां वह न्यायालय,
(i) उस दशा में जब ऐसा व्यक्ति, जमानत पर होते हुए, तीन वर्ष से अनधिक की अवधि के लिए कारावास से दंडादिष्ट किया गया है, या
(ii) उस दशा में जब वह अपराध, जिसके लिए ऐसा व्यक्ति दोषसिद्ध किया गया है, जमानतीय है और वह जमानत पर है, यह आदेश देगा कि दोषसिद्ध व्यक्ति को इतनी अवधि के लिए जितनी से अपील प्रस्तुत करने और उपधारा (1) के अधीन अपील न्यायालय के आदेश प्राप्त करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा जमानत पर छोड़ दिया जाए जब तक कि जमानत से इनकार करने के विशेष कारण न हों और जब तक वह ऐसे जमानत पर छूटा रहता है तब तक कारावास का दंडादेश निलम्बित समझा जाएगा।
(4) जब अंततोगत्वा अपीलार्थी को किसी अवधि के कारावास या आजीवन कारावास का दंडादेश दिया जाता है, तब वह समय, जिसके दौरान वह ऐसे छुटा रहता है, उस अवधि की संगणना करने में, जिसके लिए उसे ऐसा दंडादेश दिया गया है, हिसाब में नहीं लिया जाएगा।