आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ जनता कब मजिस्ट्रेट और पुलिस की सहायता करेगी | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 37 क्या है | section 37 CrPC in Hindi | Section 37 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 37 | Public when to assist Magistrates and police ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 37 | Section 37 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 37 in Hindi ] –
जनता कब मजिस्ट्रेट और पुलिस की सहायता करेगी–
प्रत्येक व्यक्ति, ऐसे मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी की सहायता करने के लिए आबद्ध है, जो निम्नलिखित कार्यों में उसकी सहायता उचित रूप से मांगता है,
(क) किसी अन्य ऐसे व्यक्ति को, जिसे ऐसा मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी गिरफ्तार करने के लिए प्राधिकृत है, पकड़ना या उसका निकल भागने से रोकना ; अथवा
(ख) परिशान्ति भंग का निवारण या दमन ; अथवा
(ग) किसी रेल, नहर, तार या लोक-संपत्ति को क्षति पहुंचाने के प्रयत्न का निवारण ।
धारा 37 CrPC
[ CrPC Sec. 37 in English ] –
“ Public when to assist Magistrates and police ”–
धारा 37 CrPC
- सामान्य आशय क्या है
- संविदा का उन्मोच
- संविदा कल्प या आभासी संविदा क्या है
- समाश्रित संविदा किसे कहते हैं
- उपनिधान उपनिहिती और उपनिधाता
- उपनिहिति का धारणाधिकार
- गिरवी से आप क्या समझते है
- क्षतिपूर्ति की संविदा
- गॄह-भेदन किसे कहते हैं
- आपराधिक अतिचार किसे कहते हैं
- संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- कौन से करार संविदा हैं
- स्वतंत्र सहमती किसे कहते हैं
- शून्य और शून्यकरणीय संविदा
- प्रतिफल क्या है
- स्वीकृति क्या है
- प्रस्ताव से क्या समझते हो
- संविदा किसे कहते है