आज के इस आर्टिकल में मै आपको “मिथ्या साक्ष्य देने पर विचारण के लिए संक्षिप्त प्रक्रिया | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 344 क्या है | section 344 CrPC in Hindi | Section 344 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 344 | Summary procedure for trial for giving false evidence ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 344 | Section 344 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 344 in Hindi ] –
मिथ्या साक्ष्य देने पर विचारण के लिए संक्षिप्त प्रक्रिया–
(1) यदि किसी न्यायिक कार्यवाही को निपटाते हुए निर्णय या अंतिम आदेश देते समय कोई सेशन न्यायालय या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट यह राय व्यक्त करता है कि ऐसी कार्यवाही में उपस्थित होने वाले किसी साक्षी ने जानते हुए या जानबूझकर मिथ्या साक्ष्य दिया है या इस आशय से मिथ्या साक्ष्य गड़ा है कि ऐसा साक्ष्य ऐसी कार्यवाही में प्रयुक्त किया जाए तो यदि उसका समाधान हो जाता है कि न्याय के हित में यह आवश्यक और समीचीन है कि साक्षी का, यथास्थिति, मिथ्या साक्ष्य देने या गड़ने के लिए संक्षेपतः विचारण किया जाना चाहिए तो वह ऐसे अपराध का संज्ञान कर सकेगा और अपराधी को ऐसा कारण दर्शित करने का कि क्यों न उसे ऐसे अपराध के लिए दंडित किया जाए, उचित अवसर देने के पश्चात्, ऐसे अपराधों का संक्षेपतः विचारण कर सकेगा और उसे कारावास से जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी या जुर्माने से जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा अथवा दोनों से, दंडित कर सकेगा।
(2) ऐसे प्रत्येक मामले में न्यायालय संक्षिप्त विचारणों के लिए विहित प्रक्रिया का यथासाध्य अनुसरण करेगा।
(3) जहां न्यायालय इस धारा के अधीन कार्यवाही करने के लिए अग्रसर नहीं होता है वहां इस धारा की कोई बात, अपराध के लिए धारा 340 के अधीन परिवाद करने की उस न्यायालय की शक्ति पर प्रभाव नहीं डालेगी।
(4) जहां, उपधारा (1) के अधीन किसी कार्यवाही के प्रारंभ किए जाने के पश्चात सेशन न्यायालय या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट को यह प्रतीत कराया जाता है कि उस निर्णय या आदेश के विरुद्ध जिसमें उस उपधारा में निर्दिष्ट राय अभिव्यक्त की गई है अपील या पुनरीक्षण के लिए आवेदन किया गया है वहां वह, यथास्थिति, अपील या पुनरीक्षण के आवेदन के निपटाए जाने तक आगे विचारण की कार्यवाहियों को रोक देगा और तब आगे विचारण की कार्यवाहियां अपील या पुनरीक्षण के आवेदन के परिणामों के अनुसार होंगी।